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जासूसी कांड: CM बघेल ने दिए जांच के आदेश, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत - सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला

छत्तीसगढ़ समेत देशभर के कई लोगों के स्मार्ट फोन की जासूसी व्हाट्सएप के जरिए किए जाने के मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीएम के इस फैसले का स्वागत किया है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीएम के फैसले का किया स्वागत
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Published : Nov 11, 2019, 7:33 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 8:29 PM IST

रायपुर: इजराइल की एक कंपनी पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर के कई लोगों के स्मार्ट फोन की जासूसी व्हाट्सएप के जरिए किए जाने का मामला सामने आया है. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है.

सीएम बघेल के इस फैसले का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. बता दें कि अवैध रूप से फोन टैपिंग की सूची में प्रदेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के नाम शामिल हैं.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीएम के फैसले का किया स्वागत

'किसके इशारे पर किए गए फोन टेप'
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने इस मामले की जांच कराए जाने के सीएम के फैसले का स्वागत किया है. शुक्ला का कहना है कि ‘ज्यादातर जिन लोगों के नाम इस सूची में है जिनके स्मार्ट फोन की जासूसी की गई है वो सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील हैं. जो लोग जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे, हैं लिहाजा ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर किसके इशारे पर ये काम किया जा रहा था’

होना चाहिए मामले की जांच : आलोक
शुक्ला का कहना है कि 'अगर ये सब सहमति के बिना हुआ है तो गंभीर मसला है. हो सकता है कि, ये विदेशी एजेंसी देश के अंदर सर्विलांस करती हो और सरकार को खबर ही ना हो? ये बहुत ही गंभीर अपराध है. इसकी जांच होनी चाहिए.'

पढ़ें- whatsapp से जासूसी मामले में जांच के लिए कमेटी गठित, CM बघेल ने दिए निर्देश

CM बघेल ने किया ट्वीट
बता दें कि जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम एक महीने में इस मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि यह नागरिकों की स्वतंत्रता के हनन से जुड़ा प्रश्न है और इसकी जांच होगी.

रायपुर: इजराइल की एक कंपनी पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर के कई लोगों के स्मार्ट फोन की जासूसी व्हाट्सएप के जरिए किए जाने का मामला सामने आया है. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है.

सीएम बघेल के इस फैसले का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. बता दें कि अवैध रूप से फोन टैपिंग की सूची में प्रदेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के नाम शामिल हैं.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीएम के फैसले का किया स्वागत

'किसके इशारे पर किए गए फोन टेप'
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने इस मामले की जांच कराए जाने के सीएम के फैसले का स्वागत किया है. शुक्ला का कहना है कि ‘ज्यादातर जिन लोगों के नाम इस सूची में है जिनके स्मार्ट फोन की जासूसी की गई है वो सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील हैं. जो लोग जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे, हैं लिहाजा ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर किसके इशारे पर ये काम किया जा रहा था’

होना चाहिए मामले की जांच : आलोक
शुक्ला का कहना है कि 'अगर ये सब सहमति के बिना हुआ है तो गंभीर मसला है. हो सकता है कि, ये विदेशी एजेंसी देश के अंदर सर्विलांस करती हो और सरकार को खबर ही ना हो? ये बहुत ही गंभीर अपराध है. इसकी जांच होनी चाहिए.'

पढ़ें- whatsapp से जासूसी मामले में जांच के लिए कमेटी गठित, CM बघेल ने दिए निर्देश

CM बघेल ने किया ट्वीट
बता दें कि जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम एक महीने में इस मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि यह नागरिकों की स्वतंत्रता के हनन से जुड़ा प्रश्न है और इसकी जांच होगी.

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रायपुर। अवैध रूप से फोन टैपिंग को लेकर राज्य सरकार द्वारा जांच करने के निर्णय का सामाजिक कार्यकताओं ने किया स्वागत है। सामाजिक कार्यकर्ताओ ने कहा कि सवाल ये है कि किसके इशारे पर फोन टेप किए गए। ज्यादातर जिन लोगो के टैपिंग के मामले में नाम आ रहे है वो सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील है।



Body:सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने कहा कि सवाल ये है कि किसके इशारे पर फोन टेप किए गए। ज्यादातर जिन लोगो के टैपिंग के मामले में नाम आ रहे है वो सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील है। जो लोग जल जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे है। आखिर इसमे केंद्र सरकार की कोई एजेंसी इसमें शामिल है या केंद्र सरकार की सहमति से ये टैपिंग हुई है या सहमति के बिना हुआ है।

अगर सहमति के बिना हुआ है तो भी ये गम्भीर मसला है। ये विदेशी एजेंसी देश के अंदर सर्विलांस करती हो और सरकार को खबर ही ना हो। ये बहुत ही गम्भीर अपराध है इसकी जांच होनी चाहिए। क्या पिछली सरकारों ने भी इस तरह के काम किया है और अगर ये सरकार करा रही है तो और भी गम्भीर है कि देशभर के लोगो के टैक्स का पैसा क्या इस तरह उपयोग होता है

बाईट आलोक शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 8:29 PM IST
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