रायपुर: इजराइल की एक कंपनी पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर के कई लोगों के स्मार्ट फोन की जासूसी व्हाट्सएप के जरिए किए जाने का मामला सामने आया है. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है.
सीएम बघेल के इस फैसले का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. बता दें कि अवैध रूप से फोन टैपिंग की सूची में प्रदेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों के नाम शामिल हैं.
'किसके इशारे पर किए गए फोन टेप'
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने इस मामले की जांच कराए जाने के सीएम के फैसले का स्वागत किया है. शुक्ला का कहना है कि ‘ज्यादातर जिन लोगों के नाम इस सूची में है जिनके स्मार्ट फोन की जासूसी की गई है वो सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार और वकील हैं. जो लोग जल, जंगल और जमीन की लड़ाई लड़ रहे, हैं लिहाजा ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर किसके इशारे पर ये काम किया जा रहा था’
होना चाहिए मामले की जांच : आलोक
शुक्ला का कहना है कि 'अगर ये सब सहमति के बिना हुआ है तो गंभीर मसला है. हो सकता है कि, ये विदेशी एजेंसी देश के अंदर सर्विलांस करती हो और सरकार को खबर ही ना हो? ये बहुत ही गंभीर अपराध है. इसकी जांच होनी चाहिए.'
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CM बघेल ने किया ट्वीट
बता दें कि जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम एक महीने में इस मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. वहीं सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए क्योंकि यह नागरिकों की स्वतंत्रता के हनन से जुड़ा प्रश्न है और इसकी जांच होगी.