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सरकार की ओर से आए बयान और बृहस्पति के खेद जताने पर आखिरकार मान गए सिंहदेव

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भूपेश सरकार के भीतर नजर आ रहा गतिरोध और सियासी संकट का पटाक्षेप होता नजर आ रहा है. सरकार के बयान और बृहस्पति के खेद जताने के बाद सिंहदेव विधानसभा पहुंच गए.

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सिंहदेव
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Published : Jul 28, 2021, 2:50 PM IST

रायपुर: गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में बयान दिया कि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. इसके साथ ही विधायक बृहस्पति सिंह ने भी कहा है कि टीएस सिंहदेव के खिलाफ उन्होंने जो कहा, वो भावावेश में आकर कहा है. वे अपने बयान पर खेद जताते हैं. इन बयानों के बाद सिंहदेव की नाराजगी फिलहाल दूर हो गई है. सिंहदेव इसके बाद विधानसभा भी पहुंच गए.

मुख्यमंत्री ने सबको शुक्रिया कहा

तीन दिन से चल रहे गतिरोध के समाप्त होने पर मुख्यमंत्री बघेल ने विपक्ष समेत सभी का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि सदन उच्च मापदंड पर चलता है. इससे पहले मंगलवार को जिस तरह सिंहदेव सदन छोड़कर निकल गए थे, उसके बाद से ही मुख्यमंत्री बघेल लगातार बैठक कर रहे थे. पहले उन्होंने विधानसभा में अपने कक्ष में सभी मंत्रियों के साथ मंथन किया, फिर सिंहदेव को भी बुलाया गया. उनसे सभी ने सामूहिक तौर से चर्चा की लेकिन तब भी मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा था. सिंहदेव ने भी दो टूक कह दिया था कि मामला भविष्य के गर्भ में है. इसके बाद रात में मुख्यमंत्री ने अपने आवास में मंत्रियों और कई विधायकों से चर्चा की. इस बैठक में सिंहदेव शामिल नहीं हुए थे. लेकिन अब सदन में सरकार का बयान आने के बाद सिंहदेव मान गए हैं.

टीएस बाबा की नाराजगी खत्म, साथियों के फोन के बाद विधानसभा पहुंचे

बुधवार को नहीं हो पाया प्रश्नकाल

विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन इस विवाद के चलते प्रश्नकाल ही नहीं हो पाया. अध्यक्ष चरणदास महंत ने काफी कोशिश की लेकिन विपक्ष ने संवैधानिक संकट और नियमों का हवाला देते हुए हंगामा कर दिया. इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले 5 मिनट के लिए फिर पूरे प्रश्नकाल तक यानि 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा.

बृहस्पति के सरगुजा राजपरिवार पर आरोपों को लेकर क्या है सरगुजिहों का मत ?

सदन की कार्यवाही के फुटेज वायरल होने पर हंगामा

इस दौरान सदन की कार्यवाही के फूटेज सोशल मीडिया में जारी होने का मुद्दा भी गूंजा. दरअसल मंगलवार को शून्यकाल में सिंहदेव द्वारा सदन छोड़ने का वीडियो फुटेज किसी ने सोशल मीडिया पर जारी कर दिया था. जबकि विधानसभा के नियमों के मुताबिक सिर्फ प्रश्नकाल का ही वीडियो सार्वजनिक किया जाता है. इसको लेकर स्पीकर द्वारा चिंता जताने और भविष्य में इस तरह न किए जाने की नसीहत दी गई. इस पर विपक्ष की ओर से बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया पर सदन में दिए उनके बयान जारी किए जाते हैं. ये किसकी सहमति से होता है. क्या ये नियमों का उल्लंघन नहीं है? विपक्ष ने इसे गंभीर मामला बताते हुए तत्काल इस पर चर्चा की मांग की. स्पीकर ने इस मामले को दिखवाने की बात कही.

रायपुर: गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में बयान दिया कि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. इसके साथ ही विधायक बृहस्पति सिंह ने भी कहा है कि टीएस सिंहदेव के खिलाफ उन्होंने जो कहा, वो भावावेश में आकर कहा है. वे अपने बयान पर खेद जताते हैं. इन बयानों के बाद सिंहदेव की नाराजगी फिलहाल दूर हो गई है. सिंहदेव इसके बाद विधानसभा भी पहुंच गए.

मुख्यमंत्री ने सबको शुक्रिया कहा

तीन दिन से चल रहे गतिरोध के समाप्त होने पर मुख्यमंत्री बघेल ने विपक्ष समेत सभी का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा कि सदन उच्च मापदंड पर चलता है. इससे पहले मंगलवार को जिस तरह सिंहदेव सदन छोड़कर निकल गए थे, उसके बाद से ही मुख्यमंत्री बघेल लगातार बैठक कर रहे थे. पहले उन्होंने विधानसभा में अपने कक्ष में सभी मंत्रियों के साथ मंथन किया, फिर सिंहदेव को भी बुलाया गया. उनसे सभी ने सामूहिक तौर से चर्चा की लेकिन तब भी मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा था. सिंहदेव ने भी दो टूक कह दिया था कि मामला भविष्य के गर्भ में है. इसके बाद रात में मुख्यमंत्री ने अपने आवास में मंत्रियों और कई विधायकों से चर्चा की. इस बैठक में सिंहदेव शामिल नहीं हुए थे. लेकिन अब सदन में सरकार का बयान आने के बाद सिंहदेव मान गए हैं.

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बुधवार को नहीं हो पाया प्रश्नकाल

विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन इस विवाद के चलते प्रश्नकाल ही नहीं हो पाया. अध्यक्ष चरणदास महंत ने काफी कोशिश की लेकिन विपक्ष ने संवैधानिक संकट और नियमों का हवाला देते हुए हंगामा कर दिया. इसके चलते विधानसभा की कार्यवाही पहले 5 मिनट के लिए फिर पूरे प्रश्नकाल तक यानि 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा.

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सदन की कार्यवाही के फुटेज वायरल होने पर हंगामा

इस दौरान सदन की कार्यवाही के फूटेज सोशल मीडिया में जारी होने का मुद्दा भी गूंजा. दरअसल मंगलवार को शून्यकाल में सिंहदेव द्वारा सदन छोड़ने का वीडियो फुटेज किसी ने सोशल मीडिया पर जारी कर दिया था. जबकि विधानसभा के नियमों के मुताबिक सिर्फ प्रश्नकाल का ही वीडियो सार्वजनिक किया जाता है. इसको लेकर स्पीकर द्वारा चिंता जताने और भविष्य में इस तरह न किए जाने की नसीहत दी गई. इस पर विपक्ष की ओर से बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया पर सदन में दिए उनके बयान जारी किए जाते हैं. ये किसकी सहमति से होता है. क्या ये नियमों का उल्लंघन नहीं है? विपक्ष ने इसे गंभीर मामला बताते हुए तत्काल इस पर चर्चा की मांग की. स्पीकर ने इस मामले को दिखवाने की बात कही.

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