भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार नई आबकारी नीति के मामले में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की राह पर चल रही है. आबकारी विभाग ने शराब की होम डिलीवरी का प्रस्ताव तैयार किया है, हालांकि कैबिनेट की बैठक में इस नीति पर विचार नहीं किया गया.
अगले 10 माह के लिए लाइसेंस फीस ठेका रिन्यू करने के प्रस्ताव को टाल दिया गया है. इस प्रस्ताव में पांच फीसदी तक ठेका बढ़ाने की बात कही गई है. अब इस प्रस्ताव पर अगली कैबिनेट की बैठक में विचार किया जाएगा.
आबकारी नीति में विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव
आबकारी विभाग ने वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी नीति में विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव दिया है. वैसे यह नीति एक अप्रैल से लागू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पूर्व में ठेकों को दो माह के लिए पांच फीसदी लाइसेंस फीस बढ़ाकर जारी कर दिया गया था.
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में नई शराब दुकानें नहीं खोली जाएंगी. इसके बाद प्रस्तावित नीति से नई शराब दुकानें खोलने के बिंदु को हटा दिया गया है. प्रस्ताव में प्रदेश के चारों बड़े शहरों में विदेशी शराब की ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव रखा गया है.
दरअसल कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड और तमिलनाडु में शराब की ऑनलाइन डिलीवरी की अनुमति है. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी की जा रही है.
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मोबाइल एप से मिलेगा दुकानों को ऑर्डर
नई आबकारी नीति में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मोबाइल एप के जरिए नई व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है. इस मोबाइल एप के जरिए ही दुकान संचालकों को ऑर्डर मिलेंगे. साथ ही उपभोक्ता का रिकॉर्ड भी इस एप पर रजिस्टर किया जाएगा, ताकि 21 साल से कम व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन न हो सके. डिलीवरी करने वाले को शराब की होम डिलीवरी का परमिट दिया जाएगा. अधिकारियों का मानना है कि इससे बड़े शहरों में अवैध शराब की बिक्री रुकेगी और दुकानों पर भीड़ भी नहीं होगी.