रायपुर: मंगलवार को राजधानी के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले प्रदेश भर के आदिवासी समाज ने प्रदर्शन किया. आदिवासी विधायक और मंत्री भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. प्रदर्शन करने के बाद आदिवासी समाज ने विशाल रैली निकालकर राज्यपाल निवास का घेराव करने निकले थे, जिसे रास्ते में पुलिस ने सप्रे स्कूल के पास रोक दिया. (RSS and BJP to pressurized governor on Reservation bill 2022) जिसके बाद काफी देर तक आदिवासी समाज के लोग नारेबाजी और प्रदर्शन करते रहे. इसके बाद आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल निवास भेजा गया. जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल अनुसूइया उइके का तबीयत खराब होना बताकर प्रतिनिधिमंडल को राज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया और प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल निवास से बैरंग वापस लौट आया. Raipur latest news
राज्यपाल पर आरएसएस और बीजेपी द्वारा दबाव डालने का आरोप: सर्व आदिवासी समाज के इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने आए विधायक शिशुपाल शोरी ने भाजपा और RSS पर बड़ा हमला बोला है. (Shishupal Shorey accused RSS and BJP) उन्होंने कहा कि "2 दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में आरक्षण को लेकर विधेयक पारित किया गया था. इस आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल अनसुईया उइके का हस्ताक्षर होना बाकी था. जिस पर अब राज्यपाल के द्वारा टालमटोल किया जा रहा है. आरक्षण बिल पर अब तक हस्ताक्षर नहीं करना, इस बात की ओर इशारा करती है कि राज्यपाल के ऊपर आरएसएस और बीजेपी का कहीं ना कहीं दबाव है.(RSS and BJP to pressurized governor on Reservation bill) इसी दबाव की वजह से राज्यपाल अनुसुइया उइके के द्वारा अब तक आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है, जिसके कारण समाज के लोग काफी आक्रोशित हैं. कई तरह की भर्ती और प्रवेश परीक्षा अटकने से युवा वर्ग खासा नाराज है." Reservation bill 2022
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बड़े आंदेलन की दी चेतावनी: मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के सदस्य मोहित ध्रुव ने बताया कि "आदिवासी समाज के सिर्फ और सिर्फ एक ही मांग है. आरक्षण बिल पर राज्यपाल हस्ताक्षर कर देती है, तो हमारी मांगे पूरी हो जाएंगी. 3 दिनों के दौरान राज्यपाल के द्वारा आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं होता है, तो आदिवासी समाज के द्वारा उग्र आंदोलन और प्रदर्शन किया जाएगा."
भूपेश सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति: छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा गरमाता जा रहा है. राज्यपाल ने अब तक आरक्षण संशोधन विधेयक पर दस्तखत नहीं किए हैं. इसके चलते भूपेश सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब 30 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है. इसमें राजभवन के रुख को लेकर चर्चा हो सकती है.