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रायपुर में होगा सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन, मौलिक अधिकारों पर चर्चा के लिए जुटेंगे देशभर के दिग्गज

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Published : Sep 20, 2019, 4:10 PM IST

Updated : Sep 20, 2019, 6:32 PM IST

राजधानी में रोजी-रोटी अधिकार अभियान द्वारा तीन दिवसीय सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मौलिक अधिकारों पर चर्चा की जाएगी.

तीन दिवसीय सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन

रायपुर: राजधानी में भोजन का अधिकार अभियान के तहत भोजन और काम के अधिकार पर सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. बैरन बाजार स्थित आशीर्वाद भवन में 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है. इस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ में मौलिक अधिकारों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवी संयुक्त रूप से चर्चा करेंगे.

रायपुर में होगा सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन

अधिवेशन में लोकतंत्र और लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर चर्चा होगी. साथ ही कुछ ऐसे कनून पर भी चर्चा होगी जिससे आम आदमी को भोजन, रोजगार, प्राकृतिक संसाधन, शिक्षा और सूचना का अधिकार मिला है. देशभर के हर क्षेत्र में हर स्तर पर भूख और कुपोषण के लिए सरकारों से जवाबदेही की मांग करने को लेकर कानून बनाने की भी मांग की जाएगी.

तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन
तीन दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में लोकतंत्र से जुड़े मुद्दों, कल्याणकारी राष्ट्र और सार्वजनिक संस्थानों के कमजोर करने, हिंदू राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्ष राज्य पर इसके खतरनाक नतीजों पर चर्चा होगी. राष्ट्रीय अधिवेशन में जल जंगल जमीन से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाएगा.

पढ़े:दुर्ग: मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास

इन मुद्दों पर होगी चर्चा

  • दलित और आदिवासी अल्पसंख्यकों के वर्तमान जीवन पर चर्चा होगी.
  • महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध अधिकारों पर बात होगी.
  • आधार संबंधित तकनीकी बाधाओं के प्रभाव पर चर्चा.
  • पक्की नौकरी की जगह संविदा या ठेके की नौकरी के खतरे पर भी चर्चा की जाएगी.
  • सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अधिकारों के शिकायत, निवारण प्रणाली पर बात होगी.
  • सामाजिक अंकेक्षण की क्रिया के मौजूदा हालातों पर भी अलग-अलग सत्रों में चर्चा होगी.

रायपुर: राजधानी में भोजन का अधिकार अभियान के तहत भोजन और काम के अधिकार पर सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. बैरन बाजार स्थित आशीर्वाद भवन में 20 से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है. इस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ में मौलिक अधिकारों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवी संयुक्त रूप से चर्चा करेंगे.

रायपुर में होगा सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन

अधिवेशन में लोकतंत्र और लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर चर्चा होगी. साथ ही कुछ ऐसे कनून पर भी चर्चा होगी जिससे आम आदमी को भोजन, रोजगार, प्राकृतिक संसाधन, शिक्षा और सूचना का अधिकार मिला है. देशभर के हर क्षेत्र में हर स्तर पर भूख और कुपोषण के लिए सरकारों से जवाबदेही की मांग करने को लेकर कानून बनाने की भी मांग की जाएगी.

तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन
तीन दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में लोकतंत्र से जुड़े मुद्दों, कल्याणकारी राष्ट्र और सार्वजनिक संस्थानों के कमजोर करने, हिंदू राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्ष राज्य पर इसके खतरनाक नतीजों पर चर्चा होगी. राष्ट्रीय अधिवेशन में जल जंगल जमीन से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाएगा.

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इन मुद्दों पर होगी चर्चा

  • दलित और आदिवासी अल्पसंख्यकों के वर्तमान जीवन पर चर्चा होगी.
  • महिलाओं और बच्चों के लिए उपलब्ध अधिकारों पर बात होगी.
  • आधार संबंधित तकनीकी बाधाओं के प्रभाव पर चर्चा.
  • पक्की नौकरी की जगह संविदा या ठेके की नौकरी के खतरे पर भी चर्चा की जाएगी.
  • सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अधिकारों के शिकायत, निवारण प्रणाली पर बात होगी.
  • सामाजिक अंकेक्षण की क्रिया के मौजूदा हालातों पर भी अलग-अलग सत्रों में चर्चा होगी.
Intro: रायपुर मौजूदा हालात हक की लड़ाई और लोकतंत्र का निर्माण के लिए राजधानी रायपुर के बैरन बाजार स्थित आशीर्वाद भवन में भोजन का अधिकार अभियान द्वारा भोजन एवं काम के अधिकार पर सातवा राष्ट्रीय अधिवेशन 20 सितंबर से 22 सितंबर तक तीन दिवसीय आयोजन होगा इस अधिवेशन में भोजन का अधिकार अभियान द्वारा एवं देशभर में छत्तीसगढ़ में मौलिक अधिकारों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं एवं बुद्धिजीवी द्वारा संयुक्त रूप से विस्तार से चर्चा की जाएगी


Body:पिछले डेढ़ दशक में देश में चलते हुए अनेक आंदोलनों एवं अभियानों की तरह भोजन का अधिकार अभियान ने भी देश के सामाजिक लोकतंत्र और लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने वाले ऐतिहासिक कानूनों को पारित करने के लिए प्रेरित किया गया है एवं इन सभी कठिनाइयों के बीच नेतृत्व लिया है इन कानूनों से आम आदमी को भोजन रोजगार प्राकृतिक संसाधन शिक्षा एवं सूचना का अधिकार प्राप्त हुआ है या अभियान देशभर के हर क्षेत्र में हर स्तर पर भूख और कुपोषण के लिए सरकारों से जवाबदेही की मांग करने की दिशा में लोगों को गतिशील बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ।


Conclusion:3 दिनों तक चलने वाले जिस राष्ट्रीय अधिवेशन में लोकतंत्र से जुड़े मुद्दों कल्याणकारी राष्ट्र एवं सार्वजनिक संस्थानों के कमजोर होने के हिंदू राष्ट्रवाद एवं धर्मनिरपेक्ष राज्य पर इसके खतरनाक नतीजों पर फोकस किया जाएगा इसमें इस बात की भी चर्चा की जाएगी की जल जंगल जमीन से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाएगा और छोटे किसानों पर इन मुद्दों के प्रभाव को भी विशेष रुप से चर्चा की जाएगी इसको देखते हुए यह अधिवेशन विस्तृत रूप से दलित एवं आदिवासी अल्पसंख्यकों के वर्तमान जीवन महिलाओं एवं बच्चों के लिए उपलब्ध अधिकारों आधार संबंधित तकनीकी बाधाओं के प्रभाव पक्की नौकरी की जगह संविदा या ठेके की नौकरी के खतरे पर भी चर्चा की जाएगी सामाजिक सुरक्षा से जुड़े अधिकारों के शिकायत निवारण प्रणाली एवं सामाजिक अंकेक्षण की क्रिया के मौजूदा हालातों पर भी अलग-अलग सत्रों में चर्चा होगी


बाईट। कविता श्रीवास्तव राष्ट्रीय संयोजिका रोजी रोटी अधिकार अभियान



रितेश तंबोली ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated : Sep 20, 2019, 6:32 PM IST
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