रायपुर: कोरोना वायरस के कारण देशभर में लॉकडाउन घोषित किया, जिससे कोविड-19 की फैलती महामारी को रोका जा सके. इसके लिए जरूरत की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन लॉकडाउन की मार सीधा रोज कमाकर खाने वालों के पेट पर पड़ी है. इसमें से लॉकडाउन का असर सैलूनों पर भी देखने को मिला है, जो अब बंद होने की वजह से सैलून संचालक गरीबी में अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं.
राजधानी रायपुर की बात करें, तो यहां छोटे-बड़े सैलून मिलाकर लगभग 4000 दुकानें हैं, जो पूरी तरह से बंद पड़े हुई हैं. सैलून बंद होने के कारण सैलून संचालक अब बेरोजगार हो गए हैं. घर चलाने में इनको दिक्कतें आ रही हैं. धीरे-धीरे घर की हालत भी खराब होती जा रही हैं. अब तक जो भी पैसे बचा कर रखे थे, वो पैसे भी खत्म हो गए हैं, जिससे सैलून संचालक उधार और कर्ज के भरोसे गुजारा करने को मजबूर हैं.
कैसे चुका पाएंगे किराया ?
सैलून संचालक ने बताया कि पिछले 18 दिनों से इनका सैलून बंद पड़ा हुआ है. जिसकी वजह से घर चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है. इतना ही नहीं कई लोगों के यहां तो परिजनों भी बीमार हैं, जिनका इलाज कराना एक मुसीबत बन गया है. इतना ही नहीं दुकान बंद होने से जिनके पास किराए के दुकान हैं, उनको किराया देने की समस्या आ गई है. सैलून संचालकों को चिंता सताने लगी है कि अब दुकान बंद होने से किराया कैसे चुका पाएंगे.
18 दिनों से ठप पड़ा है कारोबार
18 दिनों से लॉकडाउन के कारण इनका कारोबार ठप पड़ा हुआ है. ऐसे में ये लोग दुकान का किराया कहां देंगे, परिवार कैसे चलाएंगे, ये एक बड़ी चुनौती बन गई है. इनको बस लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है, जिससे इनकी जिंदगी फिर से पटरी आ जाए.