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'जब तक EVM है, कांग्रेस की जीत मुश्किल', कर्नाटक के गृह मंत्री ने लगाया 'सेलेक्टिव हैकिंग' का आरोप

महाराष्ट्र में MVA ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है. इसको लेकर कांग्रेस ने महाराष्ट्र के नेताओं ने एक बैठक की और विश्लेषण किया.

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

बेंगलुरु: महाराष्ट्र में 2024 के आम विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली महायुति की व्यापक जीत के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को सेलेक्टिवली हैक किए जाने की जानकारी से हैरान हैं.

महाराष्ट्र चुनावों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभालने वाले परमेश्वर ने कहा कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पार्टी नेताओं ने ईवीएम मुद्दों पर चर्चा की और अब वह भारत के चुनाव आयोग (ECI) से अपील करने जा रहे हैं.

चुनिंदा रूप से हैक हुई ईवीएम
कर्नाटक के गृह मंत्री ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "महाराष्ट्र में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (MVA) ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है. हर कोई यह जानता है. हम और महाराष्ट्र में हमारे कुछ नेता कल एक साथ बैठे और विश्लेषण किया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बघेल और हम एक साथ बैठे. हमें जो जानकारी मिली है वे हैरान हैं कि ईवीएम हैक की गई, हर निर्वाचन क्षेत्र में नहीं बल्कि चुनिंदा रूप से."

परमेश्वर ने कहा, "मेरा मानना है कि उन्होंने ईवीएम हैक की हैं. हमने इसी पर चर्चा की. अगर यह सच है, तो हमें इसके बारे में कुछ नहीं कहना है और हम इस बारे में चुनाव आयोग से अपील करने जा रहे हैं. पार्टी इस पर फैसला लेगी."

उन्होंने कहा, "कुछ राज्यों में ईवीएम हैक नहीं की जाती, क्योंकि वे यह दिखाना चाहते हैं कि लोगों को ईवीएम पर भरोसा चाहिए. ऐसा लगता है कि जब तक ईवीएम हैं, वे जीतेंगे. हम इस बात पर जोर देते रहे हैं कि शुरू से ही बैलेट पेपर आना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार इससे इनकार करता रहा है."

जब तक ईवीएम, कांग्रेस की जीत मुश्किल
इस बीच परमेश्वर ने यह भी स्वीकार किया कि शरद पवार की नेतृत्व वाली (NCP) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना योजना के अनुसार प्रचार करने में विफल रही. वे अच्छी तरह से गठबंधन नहीं कर रहे थे और उन्होंने योजना के अनुसार प्रचार नहीं किया. उन्होंने विदर्भ ने हमें ज्यादा सीटें नहीं दीं. हमें विदर्भ क्षेत्र में कम से कम 50+ सीटों की उम्मीद थी, जब तक ईवीएम हैं, कांग्रेस के लिए जीतना मुश्किल होगा."

कर्नाटक में तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री परमेश्वर ने कहा कि यह जीत राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को और अधिक ताकत देगी. मंत्री ने कहा, "प्रशासन, गारंटी, पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक इंजीनियरिंग - इन सभी ने मिलकर तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में शानदार परिणाम दिए हैं और इससे सरकार और मुख्यमंत्री को कार्यक्रमों को लागू करने के मामले में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने की ताकत मिलती है."

कमियों को दूर करने के लिए उठाएं कदम
इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव2024 पर कांग्रेस नेता डॉ नितिन राउत ने कहा, "अगर 17वें-18वें राउंड तक महाविकास अघाड़ी 30,000 वोटों से आगे थी, तो हम अचानक कैसे पिछड़ गए और हार का सामना करना पड़ा? हमें इस पर आत्मचिंतन करना चाहिए. हमें यह भी समझना चाहिए कि भाजपा इन चुनावों में क्यों उतरी और उन्होंने किस तरह से लड़ाई लड़ी. आखिर में, क्या हमने विधानसभा चुनाव ठीक उसी तरह लड़ा, जिस तरह से हम लोकसभा चुनाव के दौरान एकजुट होकर लड़े थे? इस पर भी आत्मचिंतन करना चाहिए...अगर नेतृत्व में कमियां हैं, तो हमें कमियों को दूर करने के लिए आगे कदम उठाने होंगे..."

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा में आधी आबादी का जोर, 21 विधायक उठाएंगी आवाज

बेंगलुरु: महाराष्ट्र में 2024 के आम विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली महायुति की व्यापक जीत के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को सेलेक्टिवली हैक किए जाने की जानकारी से हैरान हैं.

महाराष्ट्र चुनावों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी संभालने वाले परमेश्वर ने कहा कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित पार्टी नेताओं ने ईवीएम मुद्दों पर चर्चा की और अब वह भारत के चुनाव आयोग (ECI) से अपील करने जा रहे हैं.

चुनिंदा रूप से हैक हुई ईवीएम
कर्नाटक के गृह मंत्री ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "महाराष्ट्र में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (MVA) ने बहुत खराब प्रदर्शन किया है. हर कोई यह जानता है. हम और महाराष्ट्र में हमारे कुछ नेता कल एक साथ बैठे और विश्लेषण किया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बघेल और हम एक साथ बैठे. हमें जो जानकारी मिली है वे हैरान हैं कि ईवीएम हैक की गई, हर निर्वाचन क्षेत्र में नहीं बल्कि चुनिंदा रूप से."

परमेश्वर ने कहा, "मेरा मानना है कि उन्होंने ईवीएम हैक की हैं. हमने इसी पर चर्चा की. अगर यह सच है, तो हमें इसके बारे में कुछ नहीं कहना है और हम इस बारे में चुनाव आयोग से अपील करने जा रहे हैं. पार्टी इस पर फैसला लेगी."

उन्होंने कहा, "कुछ राज्यों में ईवीएम हैक नहीं की जाती, क्योंकि वे यह दिखाना चाहते हैं कि लोगों को ईवीएम पर भरोसा चाहिए. ऐसा लगता है कि जब तक ईवीएम हैं, वे जीतेंगे. हम इस बात पर जोर देते रहे हैं कि शुरू से ही बैलेट पेपर आना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार इससे इनकार करता रहा है."

जब तक ईवीएम, कांग्रेस की जीत मुश्किल
इस बीच परमेश्वर ने यह भी स्वीकार किया कि शरद पवार की नेतृत्व वाली (NCP) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना योजना के अनुसार प्रचार करने में विफल रही. वे अच्छी तरह से गठबंधन नहीं कर रहे थे और उन्होंने योजना के अनुसार प्रचार नहीं किया. उन्होंने विदर्भ ने हमें ज्यादा सीटें नहीं दीं. हमें विदर्भ क्षेत्र में कम से कम 50+ सीटों की उम्मीद थी, जब तक ईवीएम हैं, कांग्रेस के लिए जीतना मुश्किल होगा."

कर्नाटक में तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री परमेश्वर ने कहा कि यह जीत राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को और अधिक ताकत देगी. मंत्री ने कहा, "प्रशासन, गारंटी, पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक इंजीनियरिंग - इन सभी ने मिलकर तीनों निर्वाचन क्षेत्रों में शानदार परिणाम दिए हैं और इससे सरकार और मुख्यमंत्री को कार्यक्रमों को लागू करने के मामले में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने की ताकत मिलती है."

कमियों को दूर करने के लिए उठाएं कदम
इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव2024 पर कांग्रेस नेता डॉ नितिन राउत ने कहा, "अगर 17वें-18वें राउंड तक महाविकास अघाड़ी 30,000 वोटों से आगे थी, तो हम अचानक कैसे पिछड़ गए और हार का सामना करना पड़ा? हमें इस पर आत्मचिंतन करना चाहिए. हमें यह भी समझना चाहिए कि भाजपा इन चुनावों में क्यों उतरी और उन्होंने किस तरह से लड़ाई लड़ी. आखिर में, क्या हमने विधानसभा चुनाव ठीक उसी तरह लड़ा, जिस तरह से हम लोकसभा चुनाव के दौरान एकजुट होकर लड़े थे? इस पर भी आत्मचिंतन करना चाहिए...अगर नेतृत्व में कमियां हैं, तो हमें कमियों को दूर करने के लिए आगे कदम उठाने होंगे..."

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