रायपुर: साल 1 नवंबर 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद रायपुर को छत्तीसगढ़ की राजधानी बनाया गया. जिसके बाद से ही धीरे धीरे यहां पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ने लगा. रायपुर अब एक शहर ना होकर मेट्रो सिटी की तर्ज पर विकास कर रहा है. लेकिन बात अगर ट्रैफिक की करें, तो आज भी ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से सुधर नहीं पाई है. कुछ साल पहले तक रायपुर जिले में 10 जगहों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया गया था, जो साल 2022 में घटकर 7 हो गई है. Reduction of black spots in Raipur
क्या है ब्लैक स्पॉट: ब्लैक स्पॉट या दुर्घटनाजन्य क्षेत्र की श्रेणी में रखी गई जगह है. ऐसे जगहों को ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है, जहां पर सड़कों में ढलान हैं, सड़कें संकरी है, हादसे होते रहते हैं और ट्रैफिक का लोड भी ज्यादा रहता है. शासन प्रशासन के द्वारा ऐसे ब्लैक स्पॉट पर सड़क हादसों को कम करने के लिए ओवरब्रिज का निर्माण किया जाता है. बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए सड़क चौड़ीकरण करने के साथ ही अंडरब्रिज का काम भी तेजी से किया जा रहा है. जिससे सड़क हादसों को और कम किया जा सके.
सड़क हादसों की संख्या में कमी: रायपुर जिले में कुछ साल पहले तक ब्लैक स्पॉट की संख्या 10 थी, लेकिन साल 2022 में यह संख्या घटकर 7 रह गई है. कुछ हद तक सड़क हादसों की संख्या में कमी (traffic police Efforts to prevent road accidents) भी देखने को मिली है. क्योंकि शासन प्रशासन के द्वारा ब्लैक स्पॉट वाले जगह पर पिछले कुछ सालों से अंडरब्रिज और ओवर ब्रिज बनाए गया है. साथ ही सड़क चौड़ीकरण का काम भी तेजी से किया जा रहा है. कोरोना की वजह से बीते 2 सालों तक निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ था. इसके साथ ही रायपुर यातायात विभाग (Raipur traffic police) द्वारा ट्रैफिक सिग्नल पर दबाव कम करने के लिए लेफ्ट टर्न फ्री करने की शुरुआत भी की गई है. जिससे ट्रैफिक सिग्नल पर ट्रैफिक का दबाव कम हो सके.
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ब्लैक स्पॉट वाली जगह पर ठोस पहल की जरूरत: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और ब्लैक स्पॉट को लेकर हमने कुछ स्थानीय लोगों से बात की. तो उन्होंने बताया कि "शासन प्रशासन के द्वारा लेफ्ट टर्न फ्री करने की कवायद की जा रही है, उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन आउटर के इलाके या फिर हाईवे, जहां पर सड़क हादसे आए दिन होते रहते हैं. उन जगहों पर भी शासन-प्रशासन को ठोस पहल करने की जरूरत है, जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके. जिले के ब्लैक स्पॉट वाली जगह पर आए दिन ट्रैफिक का दबाव ज्यादा होने के कारण सड़क हादसे हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करनी होगी."
यातायात विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई जारी: रायपुर यातायात विभाग के एडिशनल एसपी जयप्रकाश बढ़ई ने बताया कि "वर्तमान में रायपुर जिले में 7 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां पर सड़क हादसे अधिक होते हैं. जिसमें टाटीबंध चौक, धनेली नाका, मंदिर हसौद का बस स्टैंड, दैनिक भास्कर से सिंघानिया चौक तक का इलाका, इसके साथ ही राजमार्ग 30 और 53 भी ब्लैक स्पॉट की श्रेणी में आता है. जहां पर सड़क हादसे होते हैं. ऐसे जगहों पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज बनाई जा रही है. इसके साथ ही यातायात विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई भी की जा रही है.
15 ट्रैफिक सिग्नल पर लेफ्ट टर्न फ्री होगी: यातायात डीएसपी गुरजीत सिंह ने बताया कि "शहर में ट्रैफिक सिग्नल पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा होने के कारण लेफ्ट जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में प्रथम चरण में शहर के 15 स्थानों को चिन्हित करके शहर के कुछ इलाकों में लेफ्ट टर्न फ्री करने की कवायद पूरी कर ली गई है. आने वाले 10 दिनों के दौरान 15 चौक चौराहों को पूरी तरह से लेफ्ट टर्न फ्री कर लिया जाएगा. ट्रैफिक डीएसपी का मानना है कि 33% ट्रैफिक को लेफ्ट टर्न करना होता है. लेकिन लेफ्ट साइड जगह नहीं होने के कारण आम लोग परेशान होते थे. ऐसे में आम लोग आसानी से लेफ्ट साइड मुड़ सकेंगे."