रायपुर: कोविड 19 महामारी ने चीन, इटली, जर्मनी और अमेरिका में ऐसी तबाही मचाई कि कई शहरों में शव उठाने वाले नहीं मिल रहे, कहीं-कहीं शवों का अंतिम संस्कार भी कई घंटे बाद हुआ. कहीं ताबूत के लिए लकड़ी कम पड़ी, तो कहीं कब्रिस्तान में जगह. कई देशों ने शवों के अंतिम संस्कार तक के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं. भारत सरकार की तैयारी, मेडिकल टीम, लॉक डाउन की वजह से भारत में अभी स्थिति नियंत्रित है और मौतों का आंकड़ा भी कम है,
छत्तीसगढ़ कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अभी तक विजयी साबित हुआ है. प्रदेश में 10 मरीज पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें से 9 ठीक हो चुके हैं. एक का इलाज जारी है. प्रदेश सरकार ने जनवरी के अंतिम हफ्ते से ही तैयारियां करनी शुरू कर दी थी. हम आपको अस्पतालों की तैयारी से वाकिफ करा रहे हैं, कहने में संकोच है कि लगातार लेकिन मुक्तिधाम भी पहुंचे कि वहां अगर कोरोना पीड़ित मरीज की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार के लिए लाया जाए तो क्या तैयारियां हैं.
मुक्तिधाम में किया जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वहीं लॉक डाउन की वजह से सभी वस्तुओं का दाम भी बढ़ गया है. कई जगह से लकड़ी के स्टॉक और कीमत में बढ़ोतरी की खबर थी तो हम राजधानी के मुक्तिधाम पहुंचे और वहां मौजूद लोगों से बात की. मुक्तिधाम में मौजूद टाल मालिक ने बताया कि लकड़ी के दाम पर इसका कोई असर नहीं है और पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है. इसके अलावा ये भी जानकारी मिली कि जो अन्य कारणों से मृत लोगों का अंतिम संस्कार करने परिजन आ रहे हैं उनसे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है. एक बार में सिर्फ 20 लोगों को ही अनुमति है.
मुक्तिधाम में पर्याप्त मात्रा में लकड़ी उपलब्ध
मुक्तिधाम के चौकीदार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से अब तक किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है, न ही किसी व्यक्ति के शव को यहां पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया है. अभी जिसका भी शव मुक्तिधाम लाया गया है, उसके लिए श्मशान घाट पर पर्याप्त लकड़ी उपलब्ध कराई गई है.
800 रुपए प्रति क्विंंटल मिल रही लकड़ी
लकड़ी टाल संचालक जयंत प्रजापति ने बताया कि लकड़ी टालों पर पर्याप्त मात्रा में लकड़ी उपलब्ध है, जिसे पहले भी 800 रुपए प्रति क्विंंटल दिया जाता था और आज भी वही कीमत पर उपलब्ध है. वहीं मामले में टिकरापारा वार्ड के पूर्व पार्षद ने बताया कि रायपुर में लगभग 40 मुक्तिधाम हैं, जिसमें लॉकडाउन की वजह से शव यात्रा के दौरान भीड़ पर प्रतिबंध लगाया गया है. अंतिम संस्कार के दौरान शमशान घाट या फिर मुक्तिधाम में केवल 20 व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हो सके.
हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि मुक्तिधाम कभी कोविड 19 पीड़ित मरीज के अंतिम संस्कार के गवाह न बनें.