रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के केस बढ़ते जा रहे हैं. हालात एक बार फिर पिछले साल के सितंबर-अक्टूबर जैसे नजर आने लगे हैं. अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. प्रदेश में फिलहाल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में कोरोना का इलाज हो रहा है. सरकारी अस्पतालों में इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है. वहीं निजी अस्पतालों में सरकार की तय गाइडलाइन के मुताबिक कोविड ट्रीटमेंट (covid 19 treatment cost in chhattisgarh) फीस ली जा रही है. कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
इसके तहत-
- ए' श्रेणी में- रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पताल शामिल हैं.
- 'बी' श्रेणी में - सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर, बलौदाबाजार, कबीरधाम, बस्तर.
- बाकी बचे हुए जिले 'सी' श्रेणी में आएंगे.
एनएबीएएच से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में तीन कैटेगरी में बेड दिए जाएंगे-
- सामान्य कोविड वार्ड- 6200 रुपए प्रति दिन
- आईसीयू - 12000 रुपए प्रति दिन
- वेंटिलेटर - 17000 रुपए प्रति दिन
एनएबीएएच से गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में दर-
- सामान्य कोविड वार्ड- 6200 रुपए प्रति दिन
- आईसीयू - 10,000 रुपए प्रति दिन
- वेंटिलेटर - 14,000 रुपए प्रति दिन
बाकी 'सी' श्रेणी वाले शहरों में 'ए' श्रेणी वाले शहरों की दर का 60 फीसदी देना होगा.
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बिलासपुर के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज का खर्च-
कोरोना के खिलाफ जंग में बिलासपुर जिला प्रशासन ने तमाम निजी और शासकीय अस्पतालों में तैयारी पूरी कर ली है. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज होगा. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्कीम के तहत निजी अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमितों के इलाज के लिए अलग से पैकेज तैयार किया गया है.
- इसके अंतर्गत एचडीयू(hdu) ऑक्सीजन के साथ प्रतिदिन के हिसाब से 5500 रुपये देने होंगे.
- इसी तरह बिना वेंटिलेटर के आईसीयू के प्रतिदिन के हिसाब से 7000 देने होंगे.
- आईसीयू वेंटिलेटर के साथ 9000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देने होंगे.
इलाज के लिए पैकेज निर्धारित
इसी तरह छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में नॉन स्कीम योजना के तहत कोविड-19 संक्रमितों के इलाज के लिए अलग से पैकेज निर्धारित किया गया है.
NABH(national accreditation board for hospitals)हॉस्पिटल में रेट-
- नॉन आईसीयू कोविड-19 ट्रीटमेंट में प्रतिदिन के हिसाब से 4000 रुपये.
- आईसीयू बिना वेंटिलेटर का चार्ज प्रतिदिन के हिसाब से 8500 लगेगा.
- वेंटिलेटर के साथ आईसीयू की सुविधा लेने पर 11000 रुपये प्रतिदिन.
गैर NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज का खर्च-
- नार्मल बेड के लिए 3500 रुपये प्रतिदिन
- आईसीएयू के लिए 7500 रुपये प्रतिदिन
- आईसीएयू के साथ वेंटिलेटर के लिए 11 हजार रुपये ही प्रतिदिन
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सरगुजा में कोरोना के इलाज का खर्च-
NABH से मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में इलाज खर्च-
- नार्मल बेड में ट्रीटमेंट के लिए निजी अस्पताल 4 हजार रुपये
- आईसीयू बेड के लिए 8 हजार 5 सौ रुपये
- आईसीयू के साथ वेंटिलेटर की सुविधा के लिए 11 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज कर सकते हैं.
- इस रेट में पीपीई किट का खर्चा जुड़ा हुआ है, अलग से पीपीई किट का चार्ज नहीं किया जाना है.
गैर NABH मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज का खर्च-
- नार्मल बेड के लिए 3500 रुपये
- आईसीएयू के लिए 7500 रुपये
- आईसीएयू के साथ वेंटिलेटर के लिए 11 हजार रुपये ही प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज करना है.
बस्तर में कोरोना के इलाज के लिए खर्च करने होंगे इतने रुपये-
जिले में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है. सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है. निजी अस्पताल में सरकार के तय गाइडलाइन के मुताबिक फीस ली जा रही है, कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पताल को तीन श्रेणी में बांटा गया है.
- सामान्य कोविड वार्ड - 7500 रुपये प्रतिदिन
- आईसीयू - 10 हजार रुपये प्रतिदिन
- वेंटिलेटर - 12 हजार रुपये प्रतिदिन
कोरोना बढ़ रहा लेकिन नहीं खत्म हो रही लोगों की लापरवाही !
बस्तर जिले में प्लाज्मा पीड़ित मरीजों के लिए इलाज की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में उन्हें रायपुर या फिर विशाखापट्टनम के लिए रेफर कर दिया जाता है. सरकारी अस्पतालों में संक्रमित मरीजों के लिए इलाज की सुविधा नि:शुल्क है, लेकिन अधिकतर मरीजों को अस्पताल में दवाई नहीं मिलने की वजह से अपने पैसों से बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है.
दुर्ग में निजी अस्पतालों में कोरोना का इलाज-
NABH से मान्यता प्राप्त अस्पतालों का रेट कार्ड -
- सामान्य कोविड वार्ड-4000 रुपये प्रतिदिन
- ICU-8500 रुपये प्रतिदिन
- वेंटिलेटर-11000 रुपये प्रतिदिन
NABH से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में खर्च-
- सामान्य कोविड वार्ड- 3500 रुपये प्रतिदिन
- ICU-7500 रुपये प्रतिदिन
- वेंटिलेटर-11000 रुपये प्रतिदिन
सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज
सरकारी अस्पतालों में कोरोना का इलाज कराने पर एक रुपये भी देने की जरूरत नहीं है. सरकारी अस्पतालों में इसका उपचार निशुल्क होता है. इतना ही नहीं बल्कि सुबह शाम खाने की भी व्यवस्था होती है. इसके भी पैसे नहीं लगते. दवाइयां भी कोरोना संक्रमित मरीजों को फ्री में दिया जाता है. सरकारी अस्पताल के बदले में यदि आप निजी अस्पताल में उपचार कराते हैं तो उसका चार्ज देना होता है.