पटना: बिहार के बेगूसराय के सिमरिया में आज ही के दिन यानि 23 सितंबर 1908 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ था. आज दिनकर की 111वीं जयंती है. दिनकर आजादी के पहले अपनी रचनाओं के कारण विद्रोही कवि के रूप में चर्चित हुए और देश की आजादी के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये.
छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि
दिनकर हिंदी साहित्य के छायावाद काल के बाद कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे. उनकी रचनाओं में वीर रस का ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है. हिंदी भाषा की कविता के 9 अलग भाव रखे गए है. उनमें से एक है वीर रस. जिस भाव से उत्साह जागे उसे ही 'वीर रस' कहा जाता है. 'उर्वशी' को छोड़कर दिनकर की अधिकतर रचनाएं वीर रस से भरी हुई हैं.
![Ramdhari Singh Dinkar 111 Birthday today, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4524181_kavita.jpg)
सामाजिक-आर्थिक असमानता और शोषण के खिलाफ रचनाएं
राष्ट्रकवि दिनकर ने सामाजिक-आर्थिक असमानता और शोषण के खिलाफ कविताओं की रचना की. एक प्रगतिवादी और मानववादी कवि के रूप में उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों और घटनाओं को ओजस्वी और प्रखर शब्दों में गढ़ा. उनकी महान रचनाओं में 'रश्मिरथी' और 'परशुराम की प्रतीक्षा' शामिल है.
![Ramdhari Singh Dinkar 111 Birthday today](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4524181_kavi.jpg)
लेखनी के जरिए हमेशा अमर रहेंगे दिनकर
दिनकर को पद्म विभूषण की उपाधि से भी सम्मानित किया गया. उनकी रचना 'संस्कृति के चार अध्याय' के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार और 'उर्वशी' के लिये 'भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार' दिया गया.अपनी लेखनी के जरिए हमेशा अमर रहेंगे. द्वापर युग की ऐतिहासिक घटना महाभारत पर आधारित उनके प्रबन्ध काव्य 'कुरुक्षेत्र' को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 74वां स्थान दिया गया.