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जो कभी सियासत का 'सितारा' था, वो आज अपनों में 'बेगाना' हो गया

कहते हैं जब खराब वक्त आता है तो, अपने भी मुंह मोड़ लेते हैं कुछ ऐसा ही 15 साल तक छत्तीसगढ़ की सत्ता का सिरमौर रहे रमन सिंह के साथ हो रहा है.

रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
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Published : Oct 15, 2019, 3:53 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 5:07 PM IST

रायपुर: विधानसभा के सियासी रण में मात खाने के बाद पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर पहले तो ये दिखाने की कोशिश की, कि वो रमन के साथ खड़ी है, लेकिन वक्त बीतने के साथ ही रमन अकेले पड़ते गए.

स्टोरी पैकेज


हाल ही में बीजेपी की ओर से महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गई स्टार प्रचारकों की सूची में से रमन का नाम नहीं है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मामले पर तंज कसने में देर नहीं लगाई. उन्होंने कहा कि ' पूरा देश जान चुका है कि गरीबों का चावल किसने चुराया है, 36 हजार करोड़ का घोटाला किसने किया है, यह पूरा प्रदेश जान चुका है और इसलिए उन्हें नहीं बुलाया गया है'.

भूपेश बघेल पर किया पलटवार
वहीं जब इस बारे में रमन से बात की गई, तो कहा कि, 'इसमें दुख या खुशी होने की क्या बात है. मुझे छत्तीसगढ़ में रहना है और कौन प्रचार करने कहां जाता है, यह तो पार्टी तय करती है'. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चावल घोटाले वाले बयान पर पलटवार करते हुए रमन ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ के चावल की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है, झूठी बाते करने से अगर वो छत्तीसगढ़ में चरित्र हत्या करना चाहते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है'.

रविंद्र चौबे ने साधा निशाना
छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी रमन पर चुटकी लेना नहीं भूले पहले तो उन्होंने इसे पार्टी का अंदरूनी फैसला बताया लेकिन आखिर में ये जरूर कह गए कि, रमन को अब आत्ममंथन की जरूरत है.

खुद को साबित करने की जरूरत
कभी छत्तीसगढ़ की सियासत की धुरी रहे राजनीति के इस माहिर खिलाड़ी के सामने इस मुश्किल हालात में खुद को एक बार फिर साबित करने की बडी चुनौती है. वरना वो दिन दूर नही जब बीजेपी के दूसरे बुजुर्ग नेताओं की तरह ही रमन भी गुनमानी के अंधेरे में खो जाएं.

रायपुर: विधानसभा के सियासी रण में मात खाने के बाद पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर पहले तो ये दिखाने की कोशिश की, कि वो रमन के साथ खड़ी है, लेकिन वक्त बीतने के साथ ही रमन अकेले पड़ते गए.

स्टोरी पैकेज


हाल ही में बीजेपी की ओर से महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गई स्टार प्रचारकों की सूची में से रमन का नाम नहीं है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मामले पर तंज कसने में देर नहीं लगाई. उन्होंने कहा कि ' पूरा देश जान चुका है कि गरीबों का चावल किसने चुराया है, 36 हजार करोड़ का घोटाला किसने किया है, यह पूरा प्रदेश जान चुका है और इसलिए उन्हें नहीं बुलाया गया है'.

भूपेश बघेल पर किया पलटवार
वहीं जब इस बारे में रमन से बात की गई, तो कहा कि, 'इसमें दुख या खुशी होने की क्या बात है. मुझे छत्तीसगढ़ में रहना है और कौन प्रचार करने कहां जाता है, यह तो पार्टी तय करती है'. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चावल घोटाले वाले बयान पर पलटवार करते हुए रमन ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ के चावल की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है, झूठी बाते करने से अगर वो छत्तीसगढ़ में चरित्र हत्या करना चाहते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है'.

रविंद्र चौबे ने साधा निशाना
छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी रमन पर चुटकी लेना नहीं भूले पहले तो उन्होंने इसे पार्टी का अंदरूनी फैसला बताया लेकिन आखिर में ये जरूर कह गए कि, रमन को अब आत्ममंथन की जरूरत है.

खुद को साबित करने की जरूरत
कभी छत्तीसगढ़ की सियासत की धुरी रहे राजनीति के इस माहिर खिलाड़ी के सामने इस मुश्किल हालात में खुद को एक बार फिर साबित करने की बडी चुनौती है. वरना वो दिन दूर नही जब बीजेपी के दूसरे बुजुर्ग नेताओं की तरह ही रमन भी गुनमानी के अंधेरे में खो जाएं.

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में पिछले 15 साल तक सत्ता सरकार के बेताज बादशाह रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की पूछपरख अब कम होती दिखने लगी है। अपने तीनों कार्यकाल मे निर्विवाद रहे डॉ रमन पर सत्ता सरकार बदलने के साथ ही लगातार आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। अब तो सीधे सीधे सीएम भूपेश बघेल के निशाने पर है। Body:
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महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों के सूची में डॉक्टर रमन सिंह का नाम नहीं होने के साथ ही अब उनके राजनीतिक पूछ परख पर सवाल उठने लगे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निशाने पर रहे डॉ रमन पर बोलने एक और मौका मिल गया है।। वैसे भी वो पहले भी कहते रहे है डॉ रमन की दिल्ली में पूछपरख खत्म हो गई है, यही वजह है कि अब पार्टी की छोटी मोटी बैठकों में जाते है। अब अब स्टार प्रचारकों के सूची में नाम न होने पर भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि पूरा देश जान चुका है कि गरीबों का चावल किसने चुराया. 36 हजार करोड़ का घोटाला किसने किया. ये सारे घोटाले पूर्व प्रदेश शासन के है इसलिए उन्हें अब स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया.

बाईट- भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़


वही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सवाल पर कटाक्ष किया है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं होने पर कहा कि स्टार प्रचारकों की सूची में किसका नाम होना है यह केंद्र तय करती है । रमन सिंह का नाम नहीं होने पर मुख्यमंत्री को आखिर परेशानी क्यों हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री के दुखी होने की क्या जरूरत है मुझे छत्तीसगढ़ के चुनाव अभियान में रहना है कि से कहां जाना है यह भुपेश बघेल या रमन तय नहीं करता। पार्टी तय करती है। इतना ही नही चावल के घोटाले पर कहा कि चावल बांटने की योजना की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन देशभर में हुआ है। तमाम आरोपों और झूठी बातें करके अगर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ हमारी चरित्र हत्या करना चाहते हैं तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बाईट- डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री

इस मामले में वरिष्ठ केबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि अब डॉ रमन सिंह के आत्म चिंतन और आत्म अवलोकन का समय आ गया है। रविंद्र चौबे ने कहा कि डॉ रमन सिंह को 15 साल की सत्ता में चाउर वाले बाबा के नाम से प्रचारित किया गया, लेकिन उनके ही राज ने चावल के नाम पर 36 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। इस वजह से केंद्रीय आलाकमान ने भी उनसे दूरियां बढ़ाना शुरु कर दिया है। उनकी पार्टी ने उनको नकारा साबित सोच लिए होंगे तो क्यो उपयोग करे ऐसा मैं महसुस कर रहा हूं

बाईट- रविंद्र चौबे, वरिष्ठ केबिनेट मंत्री

Conclusion:फाइनल वीओ

इन तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोप के बाद इतना तो साफ होने लगा है कि पिछले 15 सालो से बीजेपी का एक चमकदार चेहरा रहे डॉ रमन सिंह की चमक अब फीकी होने लगी है।

पीटीसी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Oct 15, 2019, 5:07 PM IST
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