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डीपफेक के मामलों पर मोदी सरकार सख्त, स्पेशल अधिकारी लेंगे एक्शन, जानिए संचार मंत्रालय ने क्या कहा ?

Deepfake Case: डीपफेक के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार एक्शन में है. केंद्र ने कहा है कि, किसी भी कीमत पर इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कड़ी कार्रवाई के लिए कानून में भी संशोधन संभव हो सकता है.

Special officers will take action on deepfakes
डीपफेक के मामलों पर केंद्र सरकार सख्त
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 24, 2023, 6:28 PM IST

दिल्ली: डीपफेक ने सबको परेशान कर दिया है. लोगों की इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार गंभीर है. केंद्र की ओर से लगातार सख्ती बरती जा रही है. डीपफेक के खतरों को देखते हुए मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अभी से कदम उठाना शुरू कर दिया है. लगातार संचार मंत्रालय में मंथन का दौर जारी है. डीपफेक के कई पहलुओं पर चर्चा की जा रही है.

क्या है डीपफेक: इस माध्यम का उपयोग झूठी जानकारी को फैलाने के लिए होता है. सोशल मीडिया की इसमें मदद ली जाती है. तस्वीर और वीडियो दोनों माध्यम से डीपफेक का इस्तेमाल होता है. डीपफेक में सच और झूठ के बीच फर्क करना बेहत मुश्किल होता है. इस प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग होता है. लर्निंग सॉफ्टवेयर का भी यूज डीपफेक में किया जाता है.इसे आप मॉर्फ वीडियो का अगला पड़ाव कह सकते हैं.

डीपफेक के मामलों पर केंद्र सरकार सख्त
pecial officers will take action on deepfakes

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म संचालकों से अपील: डीपफेक के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार एक्शन प्लान बना रही है. इसी कड़ी में सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से उपयोग की शर्तों को कड़ाई से लागू करने को कहा है. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शर्तों को पूरा करने के लिए सात दिनों का वक्त दिया है.

"सरकार ने प्लेटफॉर्मों को अगले 7 दिनों के भीतर अपने उपयोग की शर्तों को बदलने के लिए जोर दिया है. प्रतिबंधित 12 क्षेत्रों की सामग्री, 12 प्रकार की सूचनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा जो आईटी अधिनियम और आईटी नियमों के तहत निषिद्ध हैं." राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री

अधिकारी की होगी नियुक्ति: डीपफेक के मामलों पर एक्शन लेने के लिए केंद्र सरकार एक अधिकारी की नियुक्ति करेगा.

"हमने प्लेटफॉर्मों को आगे सूचित किया है कि, आज से MEITY और भारत सरकार एक नियम और एक अधिकारी को नामित करेगी, और अक्टूबर 2022 में निर्धारित 12 नियमों में सभी प्लेटफार्मों से 100 प्रतिशत अनुपालन की अपेक्षा करेगी." राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री

प्रधानमंत्री जता चुके हैं चिंता: पीएम मोदी भी डीपफेक के मामलों से चिंतित हैं. प्रधानमंत्री ने इसे खतरनाक बताते हुए विघटनकारी करार दिया है. डीपफेक के जरिए समुदायों और परिवारों में विभाजन और व्यवधान की चिंता जता चुके हैं. पीएम ने इस मामले में कहा है कि, इसमें बहुत ही कड़ाई की जरूरत है.

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क्या है डीपफेक: इस माध्यम का उपयोग झूठी जानकारी को फैलाने के लिए होता है. सोशल मीडिया की इसमें मदद ली जाती है. तस्वीर और वीडियो दोनों माध्यम से डीपफेक का इस्तेमाल होता है. डीपफेक में सच और झूठ के बीच फर्क करना बेहत मुश्किल होता है. इस प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग होता है. लर्निंग सॉफ्टवेयर का भी यूज डीपफेक में किया जाता है.इसे आप मॉर्फ वीडियो का अगला पड़ाव कह सकते हैं.

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"सरकार ने प्लेटफॉर्मों को अगले 7 दिनों के भीतर अपने उपयोग की शर्तों को बदलने के लिए जोर दिया है. प्रतिबंधित 12 क्षेत्रों की सामग्री, 12 प्रकार की सूचनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा जो आईटी अधिनियम और आईटी नियमों के तहत निषिद्ध हैं." राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री

अधिकारी की होगी नियुक्ति: डीपफेक के मामलों पर एक्शन लेने के लिए केंद्र सरकार एक अधिकारी की नियुक्ति करेगा.

"हमने प्लेटफॉर्मों को आगे सूचित किया है कि, आज से MEITY और भारत सरकार एक नियम और एक अधिकारी को नामित करेगी, और अक्टूबर 2022 में निर्धारित 12 नियमों में सभी प्लेटफार्मों से 100 प्रतिशत अनुपालन की अपेक्षा करेगी." राजीव चंद्रशेखर, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री

प्रधानमंत्री जता चुके हैं चिंता: पीएम मोदी भी डीपफेक के मामलों से चिंतित हैं. प्रधानमंत्री ने इसे खतरनाक बताते हुए विघटनकारी करार दिया है. डीपफेक के जरिए समुदायों और परिवारों में विभाजन और व्यवधान की चिंता जता चुके हैं. पीएम ने इस मामले में कहा है कि, इसमें बहुत ही कड़ाई की जरूरत है.

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