रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के 11 जिलों में पुलिस की ओर से 'एक्के नंबर सब्बो बर' डायल 112 हेल्पलाइन यूनिट की शुरुआत लोगों को आपातकालीन परिस्थितियों में राहत पहुंचाने के मकसद से की गई थी, लेकिन अब यह पहल पुलिस विभाग के लिए बड़ा सिरदर्द बनती जा रही है. इसके पीछे की वजह है शरारती तत्वों की ओर से की जाने वाली फेक कॉल. जी हां बिलकुल ठीक सुना आपने डायल 112 में आपातकालीन स्थिति में मदद मांगने के लिए जो कॉल्स आती हैं, उनमें से करीब 80 फीसदी से ज्यादा फेक होती हैं.
डायल 112 के एसपी धर्मेंद्र गर्ग ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 'डायल 112 में न सिर्फ फर्जी कॉल आते हैं, बल्कि यहां कॉल कर लोग अभद्र व्यवहार के साथ-साथ अनावश्यक शब्दों का भी प्रयोग करते हैं'.
धर्मेंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, 'अब तक डायल 112 में 14 हजार 698 कॉल आए हैं, जिसमें से 6 हजार 490 कॉल रिपीटेड और फर्जी थे. जिन मोबाइल से कॉल की गई थी, उन मोबाइल धारकों की संख्या 56 पाई गई. 14 हजार 704 ऐसे कॉल किए गए, जो मौके पर पहुंचने पर झूठी निकली. 5 हजार 764 कॉल रिसीव करने पर किसी ने बात ही नहीं की, इसी तरह से 1 हजार 768 अनावश्यक कॉल दर्ज किए गए.
महिला कॉल टेकर परेशान
एसपी धर्मेंद्र गर्ग ने बताया कि 'डायल 112 में अधिकतर कॉल टेकर महिलाएं हैं, जिनसे खासतौर पर पुरुष वर्ग की ओर से अभद्र और शरारती भरी बातें की जा रही हैं. इन कॉलर्स की वजह से महिला कॉल टेकर बहुत परेशान हैं'. उन्होंने कहा कि 'डायल 112 में जो कॉल आते हैं, उनमें से 80 फीसदी से ज्यादा फर्जी रहते हैं, इसके साथ ही इनकी शिकायतें भी अजीब तरीके की होती हैं'.
अजीब-ओ-गरीब शिकायतें
- घर के सामने हत्या हो गई है.
- 10 लोग मिलकर एक की पिटाई कर रहे हैं.
- पत्नी को मार कर फेंक दिया है.
- प्रेमी प्रेमिका की हत्या हो गई है.
ऐसी ही फर्जी कॉल के कारण टीम में शामिल जवानों को बेवजह परेशान होना पड़ रहा है. हालांकि ऐसे कॉलर्स को ट्रेस कर सबको सबक भी सिखाया जा रहा है. एसपी ने बताया कि फर्जी कॉलर्स के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की जा रही है.