रायपुर: यदि आप मकान बना रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. क्योंकि रायपुर एनआईटी के प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर ने एक जादुई पाउडर खोजा है. इस पाउडर को मकान निर्माण के दौरान कंक्रीट में मिलाने से कॉस्टिंग के बाद पानी नहीं देना पड़ेगा. इससे कंक्रीट की मजबूती बढ़ेगी और लीकेज भी कम होगा. हालांकि कृषि के क्षेत्र में इस पाउडर का इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन पहली बार एनआईटी के रिसर्च स्कॉलर ने कंक्रीट के लिए इस पाउडर का इस्तेमाल किया है. इसके प्रोसेस को पेटेंट मिला है. आइये सीधे एनआईटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शिरीष वी देव से जानते जानते है. आखिर क्या है इस पाउडर की खासियत.
सवाल: आप लोगों ने जो पाउडर इजाद किया है, वह किस तरह का है. इसकी खासियत क्या है?
जवाब: यह जो पाउडर है, उसे सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर कहते हैं. जिसकी कैपेसिटी अपने वजन से 100 से 200 गुना ज्यादा वजन का पानी एब्जॉर्ब करने की है. इसका इस्तेमाल एग्रीकल्चर के लिए होता है, लेकिन हमने एक मेथड निकाली है. जिसमें कंक्रीट में क्युरिंग की पानी की जो रिक्वॉयरमेंट होती है. उसको हम इस मटेरियल के जरिए कम कर सकते हैं. जिसे हम इंटरनल क्यूरिंग कहते हैं. यानी कंक्रीट खुद ही पानी को अंदर रख लेता है, जिससे कंक्रीट का क्यूरिंग होते रहता है.
सवाल: इसके इस्तेमाल से कंस्ट्रक्शन में क्या फायदा होगा ?
जवाब: कंस्ट्रक्शन से संबंधित दो चिंताएं होती है. हम कंक्रीट को बहुत अच्छे तरीके से क्योअर नहीं कर सकते हैं. क्योंकि पानी बहुत जल्दी Evaporate हो जाता है. जैसे रायपुर में टेंपरेचर काफी ज्यादा रहता है. ऐसे टेंपरेचर में पानी बहुत जल्दी Evaporate हो जाता है और यदि क्यूरिंग अच्छी ना हो तो कंक्रीट की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है. इस मटेरियल को जब हम कंक्रीट मिक्सिंग के समय डालते हैं तो यह पानी को कंक्रीट से बाहर निकलने नहीं देता है. इस वजह से कंक्रीट में क्यूरिंग या पानी की मात्रा सही होती है और कंक्रीट की गुणवत्ता बढ़ती है.
सवाल: किस तरह से पानी को यह ऑब्जर्व करता है. प्रैक्टिकली बताएं ?
जवाब: इस पर हमारे स्टूडेंट वेंकटेश्वरलू कुरुवा ने काफी काम किया है. वह बेहतर बताएंगे. वेंकटेश्वरलू 4 साल से इंटरनल क्यूरिंग ऑफ कंक्रीट को लेकर काम कर रहे हैं. वे प्रैक्टिकली बताते हैं, वे इंटरनल क्यूरिंग ऑफ कंक्रीट के लिए सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर का यूज कर रहे हैं. कहते हैं, आपको जो सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर दिखाई दे रहा है. वह पॉइंट 5 ग्राम का है. यह 100 मिलीलीटर तक पानी ऑब्जर्व करेगा. आपको मैं यह प्रैक्टिकली बता रहा हूं. जिसमें आप देख सकते हैं. कुछ ही सेकंड में यह पानी को ऑब्जर्वर कर लेगा. इसी तरह यह 1 ग्राम में 200 ग्राम तक पानी को ऑब्जर्व कर लेगा. इस पाउडर को पानी में डालने के बाद टेंपरेचर इंक्रीज हो जाएगा, जो सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर पानी में रिलीज करेगा. अगर पानी कम है तो उसे भी यह कंक्रीट में डिसर्व कर लेगा. यदि यह पूरी तरह से ऑब्जर्वर कर लिया तो बहुत अच्छा स्ट्रेंथ आएगा.
सवाल: इस रिसर्च में आपको कितना समय लगा?
जवाब: यह मटेरियल हमने तैयार नहीं किया है. यह पहले से मार्केट में अवेलेबल है. इसका प्रोसेस हमने इन्वेंशन किया है और इस प्रोसेस में हमने अलग-अलग प्रकार के एक्सपेरिमेंट किए हैं. जिसमें हमने कंक्रीट को क्यूरिंग किया ही नहीं है या हमने अलग अलग तरीके से कंक्रीट को क्यूरिंग किया है. इसके बाद हमने सारे मेथड में हमने यह देखा है कि कंक्रीट की गुणवत्ता, जिसको हम सबसे अच्छा तरीका कंक्रीट क्यूरिंग का बोलते हैं कि हम कंक्रीट क्यूब को पानी में डूबा देते हैं, तो उसका लगभग जो क्वॉलिटी है. उसे हम ऐड करने में हम अचीव कर पा रहे थे.
सवाल: आपकी इस रिसर्च में कितने लोग शामिल थे, उनका नाम भी बताएं?
जवाब: इसमें मेरे साथ मेरे कलीग डॉ मीना मुर्मू, हमारे एचओडी, हमारे इंस्टिट्यूट के सारे फैकल्टीज मेंबर और डायरेक्टर सर. यह सभी ने इस प्रोजेक्ट को प्रोजेक्ट में हमको सहायता किए हैं.
सवाल: इसका पेटेंट हुआ या नहीं, आने वाले समय में यदि पाउडर चाहिए तो कहां से उपलब्ध होगा?
जवाब: यह पेटेंट भगवान की कृपा से हम लोगों को ऑलरेडी अवॉर्ड हो चुका है. जिस पाउडर का मैं जिक्र रहा हूं. जिसे हम सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर कहते हैं. यह मार्केट में अवेलेबल है. हमने जो प्रोक्योर किया था. वह इंडियन मार्ट के वेंडर से प्रोक्योर किया था. उसी तरीके से कोई भी व्यक्ति इसको इस्तेमाल करना चाहता है. वह इसे ले सकता है.