रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. भाजपा और बसपा ने तो अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी भी कर दी है. लेकिन कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. आखिर कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने में इतनी देरी क्यों कर रही है? छत्तीसगढ़ में ट्रेन रद्द होने को लेकर क्यों घमासान छिड़ा है, इंडिया नाम को लेकर क्या सोचती है कांग्रेस, छत्तीसगढ़ में चुनाव को लेकर कांग्रेस की क्या है तैयारी. इन सवालों का जवाब जानने के लिए ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत काी है.
सवाल: कांग्रेस पार्टी की छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर क्या तैयारी है?
जवाब: कांग्रेस एक प्रक्रिया के तहत उम्मीदवारों का चयन करती है. आवेदन जमा करने के ब्लॉक जिला समितियों को समय दिया गया था. अब मामला प्रदेश समिति के पास है. प्रदेश इलेक्शन कमेटी इन उम्मीदवारों को लेकर चर्चा कर रही है. इसकी तीन बैठक भी हो चुकी है. आज और कल भी बैठक हो सकती है. जैसे ही प्रदेश की कमेटी एक या दो नाम का पैनल फाइनल कर लेंगी, उसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी.
सवाल: कब तक उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है?
जवाब: उम्मीदवारों की सूची सेंट्रल इलेक्शन कमिटी करती है. ब्लॉक से जिला, जिला से प्रदेश और प्रदेश की स्क्रीनिंग कमेटी से सेंट्रल इलेक्शन कमिटी एलाइंस तक पैनल से प्रत्याशी तय करिया जाते हैं. जिसके बाद सेंट्रल इलेक्शन कमिटी एलाइंस नामें का ऐलान करेगी.
सवाल: कुछ जगहों पर वर्तमान विधायकों के दबाव में ब्लॉक अध्यक्षों द्वारा दावेदारों का आवेदन जमा किए जाने की शिकायत मिल रही है?
जवाब: मेरी जानकारी में एक दो जगह पर ऐसी बात आई है और उसके लिए भी रास्ते खुले हुए हैं. दावेदार अपना आवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक दे सकते हैं, एप्लीकेशन दे सकते हैं. मजाक नहीं होना चाहिए. आवेदन जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. जिले का ब्लॉक से 2789 नाम की सूची आई थी, उसमें एक एप्लीकेशन बाद में आया है. अब 2790 हो गया. ऐसा नहीं है कि प्रदेश में दावेदारों को आवेदन जमा करने के लिए समय नहीं दिया गया.
सवाल: अब कांग्रेस में टिकट पाने के लिए नहीं, बल्कि टिकट कटवाने के लिए दबाव डाला जा रहा है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के घर भी टिकट कटवाने के लिए कुछ लोग पहुंचे हैं?
जवाब: यह एक प्रजातांत्रिक प्रक्रिया है. लोगों में उत्साह उत्सुकता रहती है. चुनाव लड़ने-लड़ाने का, अपने साथियों का आगे बढ़ने का, उनके लिए पहल करने का, यह हमेशा होता रहा है. यह कोई नई चीज नहीं है, यह हर पार्टी में होता है.
सवाल: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि 75 पर का जो अपने टारगेट रखा है, वह काफी बड़ा है? क्या लगता है, इसमें कितने नंबर मिलेंगे?
जवाब: टारगेट बड़ा ही रखना पड़ता है, उसे लेकर ही आगे बढ़ते हैं. पिछली बार भी किसी को उम्मीद नहीं थी कि ऐसा परिणाम आएगा. लेकिन लोगों ने यह परिणाम हमें दिया और सरकार ने अच्छा काम किया है. मन में यह बात रहती है कि हम थोड़ा और आगे बढ़ेंगे. बाय इलेक्शन, नगरी निकाय, पंचायत चुनाव, साथ ही अन्य परिस्थितियों में भी मैंने कभी नहीं सुना की सरकार ने खराब काम किया है. हालांकि यह जरूरी है कि कभी-कभी कैंडिडेट के उपर 19-20 होने की बात आती है. लेकिन 90 सीट पर सरकार ने अच्छा काम नहीं किया, यह कभी मैंने नहीं सुना. इसको हमको बिल्ड अप करना है और इस पर दिए फीडबैक से हमारे कैंडिडेट के चयन होता है. पब्लिक फिर से अच्छा परिणाम दे सकती है.
सवाल: पूर्व मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हुंकार भरी. राजनांदगांव जिले को देश के सबसे पिछड़े हुए 110 जिलों में बताया गया. इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: हो सकता है पूर्व मंत्री डॉ रमन सिंह ने खुद ही राजनांदगांव को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल कराया होगा. उन्होंने उस दौरान आंकलन किया होगा, वे जिस जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह सबसे पिछड़ा है. जिस लोकसभा क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते थे, वह सबसे पिछड़ा है. उनके लड़के जिस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, वह सबसे पिछड़ा है. देश में सर्वाधिक गरीबी रिजर्व बैंक ने छत्तीसगढ़ में पायी थी. 39.89 प्रतिशत, देश में सर्वाधिक किसी प्रांत में गरीबी रेखा के नीचे लोग थे, वह रिजर्व बैंक ने पाया था. अब वही केंद्र की संस्थाएं कह रहीं हैं कि 40 लाख लोग छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा के ऊपर आ गए हैं. तो यह अंतर और आंकड़े छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार नहीं दे रही है. यह केंद्रीय संस्थानों का आंकलन है, नीति आयोग, अन्य केंद्रिय संस्थाओं का आंकलन में यह बता रही है. वो दशाता है कि पहले स्थिति क्या थी और आज क्या है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने अपने जिले को 10 आकांक्षी जिलों में जुड़वाया था. या तो जुड़वाया या फिर रहा होगा. यह सभी जानते हैं.
सवाल: इंडिया के नाम को लेकर देश में चर्चा जोरों पर है. क्या केंद्र सरकार द्वारा इसे बदलने की तैयारी है?
जवाब: केंद्र सरकार अनेको परिस्थितियों में असफल दिख रही है. अंतर्राष्ट्रीय या देश की सीमाओं की बात करें, वहां पर बात हर प्रकार की आ रही है. चीन की बात हो, वहां पता चलता है कि हमारे देश के लिए अनुकूल परिस्थितियों नहीं है. वहां हमारी नीतियां फिर होती दिखती है, हम मुलाकात करते हैं उसके बाद पता चलता है कि चीन ने हमारे देश के हिस्से को चीन में जोड़ दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो नीतिगत सफलता हमें मिलनी चाहिए, वहां नहीं मिल रही है. अर्थव्यवस्था की बात की जाए, तो जो आंकड़े प्रस्तुत किया गया, उनको चुनौती दी जा रही है. आप बता रहे हैं इतना प्रतिशत प्रगति हो रही है.
सवाल: यदि इंडिया नाम को बदल जाता है, तो उसे लेकर आपकी क्या तैयारी है? वर्तमान में जो विपक्ष एकजुट होकर इंडिया बनाया है, उसके बाद इस तरह की बातें क्यों सामने आ रही है?
जवाब: इंडिया तो संविधान में ही लिखा हुआ है, इसमें नया क्या है. इंडिया शाइनिंग किसने रखा, मेक इन इंडिया किस ने रखा, डिजिटल इंडिया किसने रखा, स्किल इंडिया किसने रखा. इंडिया के और बहुत सारे नाम जो सामने आए, वह किसने रखा है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तो नहीं रखा. आज आपको अपने देश के नाम पर भी गर्व महसूस नहीं हो रहा और और उसे भी बदलना चाह रहे हैं. जिस देश के आप प्रधानमंत्री बने, उस देश की अनेकताओं और संविधान की जो परिस्थितियों है, उसी में आपको गर्व में महसूस नहीं हो रहा है. जबकि उसी नाम का आप खुद इस्तेमाल कर रहे थे. तो ये शगुफे हैं.
सवाल: विपक्ष का इंडिया बना है. यदि आप केंद्र में आते हैं, तो क्या भारतीय जनता पार्टी के भारत को लेकर भी कुछ करेंगे ?
जवाब: इंडिया एलाइंस बन गया, इसलिए वह लोग भारत का नाम ले रहे हैं. इंडिया से इंडिया एलाइंस जुड़ जाएगा और भारत से भारत छोड़ो जुडेगा. राहुल जी ने जो भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी भी तो है.
सवाल: छत्तीसगढ़ में लगातार ट्रेन रद्द हो रही है. क्या इसका आगामी विधानसभा चुनाव पर असर देखने को मिलेगा?
जवाब: मैनें ट्रेन से आना जाना छोड़ दिया, इसका प्रमुख कारण यह है कि 5-6 घंटे ट्रेन लेट आती है. अंबिकापुर से रात 10:30 में बैठता हूं और उम्मीद करता हूं कि 7:30 बजे सुबह रायपुर स्टेशन पर ट्रेन लग जाएगी. लेकिन ट्रेन आती है 11 से 12 बजे. रोज की यही स्थिति है. मैंने बहन के यहां दिल्ली काम करने के लिए एक मेड को भेजा, वह ट्रेन 8 घंटे लेट पहुंची. यह एक दिन की बात नहीं है, रोज की यही स्थिति है. पिछले 2 साल से यही स्थिति बनी हुई है. हमने डीआरएम सहित रेलवे के अधिकारियों को फोन लगाया. तो उनका कहना था कि मालगाड़ी को प्राथमिकता देने के निर्देश हैं. आप मालगाड़ी को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो फैक्ट्री में सामान पहुंचा रही है, आपको यात्रियों से मतलब नहीं है. आप कह रहे हो हमें कोयला फैक्ट्री में पहुंचना है.
सिंहदेव के ट्रेन से सफर बंद करने की वजह: सभी जानते हैं कि हर फैक्ट्री में घंटे घंटे का रॉ मैटेरियल नहीं होता है, बल्कि कम से कम 5 से 7 दिन का रॉ मैटेरियल रहता है. यदि उधर चार पाच घंटे लेट भी मालगाड़ी पहुंचेगी, तो किसी भी फैक्ट्री को नुकसान नहीं होगा. क्योंकि उनके पास 7-8 दिन का स्टॉक होता है. लेकिन दूसरी और आप देश के करोड़ों यात्रियों को इसलिए परेशानी में डाल रहे हो, उनकी यात्राएं और समय इतना बढ़ा दे रहे हो, जिससे वे आए दिन परेशान हो रहे हैं. यही वजह है कि मैं ट्रेन से आना-जाना बंद कर दिया है. जनता की परेशानियों की वजह से आज हमें आंदोलन करने की आवश्यकता पड़ रही है. उद्योगपतियों के उद्योग चले, यह केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. नागरिकों की तकलीफ दूर करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है.
एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर जताया विरोध: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर पूरे देश से प्रतिक्रिया आ रही है. इस मामले में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि यह गिरफ्तारी राज्य की जगन सरकार ने बदले के तहत की गई है. सिंहदेव ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि ''इस सरकार के बारे में क्या कहा जा सकता है. यह राजनीतिक बदला लेने के लिए दिल्ली से काम कर रही है. इन कारणों से देश को राजनीतिक स्तर पर एक गठबंधन की जरूरत है इंडिया गठबंधन की तरह. इन्ही कारणों से इंडिया एलाएंस जैसी समीकरणों को देश की जरूरत है. राजनीतिक बदले की भावना वाली मानसिकता से देश को छुटकारा दिलाने की सख्त जरूरत है"