रायपुर: लोगों के व्यक्तिगत दस्तावेज का इस्तेमाल कर खाता खुलवाने और फिर उससे करोड़ों रुपये के अवैध लेन देन करने वाले आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. रायपुर पुलिस की गिरफ्त में आए इन 8 आरोपियों में एक ओडिशा का भी रहने वाला है. दूसरों की आईडी से खुले खातों का इस्तेमाल आरोपी सट्टेबाजी के रकम की हेराफेरी करते थे. आरोपियों के पास से पुलिस ने 14 लाख कैश भी जब्त किया है.
बर्न ब्लैक नाम से खोल रखा था ऑफिस: आरोपी राजधानी के मोवा में बर्न ब्लैक नाम से ऑफिस खोलकर लोगों को लोन दिलाने के साथ ही लुभावने स्कीम का लालच देकर शिकार बनाते थे. पीड़ितों के व्यक्तिगत दस्तावेज का उपयोग करके आरोपी बैंक में खाता खुलवाते और फिर उसमें अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेनदेन करते थे. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड सहित 14 लाख 44 हजार रुपये भी बरामद किया है. आरोपियों के खिलाफ खमतराई थाने में धारा 420 के साथ ही छत्तीसगढ़ जुआ अधिनियम की धारा 7, 8 और 34 के तहत कार्रवाई की गई है.
आरोपियों ने बैंक खातों में अवैध रूप से सट्टा के करोड़ों रुपए का लेनदेन किया करते थे. इनके कब्जे से पुलिस ने 14 लाख 44 हजार रुपए नगद बरामद करने के साथ ही 21 मोबाइल फोन, 5 पासबुक, 12 एटीएम कार्ड, 12 चेक बुक, 3 लैपटॉप दो कंप्यूटर सिस्टम और तीन डायरी जब्त किया गया है. जब्त सामान की की कीमत 7 लाख 56 हजार रुपए बताई जा रही है. पूछताछ में आरोपी रजत अग्रवाल ने साथी हिमांशु सिंह, मंटू मांझी, मदन कुमार यादव, मोहम्मद उमैर, मोहित टांक, मोहम्मद फरहान और उपेंद्र दास के साथ घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की. इसमें आरोपी मंटू मांझी खरियार रोड उड़ीसा का रहने वाला है. -प्रशांत अग्रवाल, रायपुर एसपी
इस तरह खुला जालसाजी का राज: थाना खमतराई में पीड़ित अरुण जाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह रायपुर के त्रिमूर्ति नगर में रहकर वेल्डिंग का काम करता है. उसकी पत्नी संगीता जाल आरोपी रजत अग्रवाल के घर में 1 साल पहले काम करती थी. रजत अग्रवाल से पीड़ित की पहचान उसकी पत्नी संगीता के माध्यम से हुई थी. लगभग 2 महीने पहले रजत अग्रवाल ने पीड़ित अरुण जाल को रायपुर के डीआरएम ऑफिस के पास मुलाकात करने के बाद अर्जेंट में बैंक खाता की जरूरत होने की बात कही थी. इसके बाद पीड़ित अरुण ने उस पर विश्वास करके अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज का फोटो आरोपी रजत अग्रवाल को दिया. आरोपी रजत अग्रवाल ने पीड़ित अरुण को देवेंद्र नगर स्थित एचडीएफसी बैंक का अकाउंट ओपनिंग फार्म भरवाने के बाद उसके हस्ताक्षर करवा लिए और पीड़ित अरुण और उसकी पत्नी संगीता का खाता बैंक में खुलवाया. कुछ दिनों के बाद आरोपी रजत अग्रवाल ने पीड़ित को बताया कि उसका एचडीएफसी बैंक का खाता बंद हो गया है. इसके बाद पीड़ित अरुण ने देवेंद्र नगर के बैंक में जाकर पता किया तो मैनेजर ने बताया कि जरूरत से ज्यादा पैसों का ट्रांजैक्शन होने के कारण बैंक खाता बंद कर दिया गया है.