रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगा रहे हैं.कभी बेरोजगारी को लेकर,तो कभी भर्तियों को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर रही है.इस बार बीजेपी ने राज्य सरकार पर बिजली के दाम बढ़ाकर जनता को ठगने का आरोप लगाया है. भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है. कांग्रेस का कहना है कि हमने तो सिर्फ 3 बार दाम बढ़ाए हैं, जबकि भाजपा शासनकाल में 32 बार बिजली का रेट बढ़ाया गया था.
बिजली के दाम पर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने: बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस की सरकार प्रदेश की जनता को बिजली बिल हाफ करने की बात कह रही है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा.पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के मुताबिक 9% पिछली बार दाम बढ़ाए गए. 15.2% अभी बढ़ाया गया है. लगभग 25% बिजली के दामों में बढ़ोतरी की गई. यह दूसरे चार्जेस जोड़कर बढ़ाया गया है.
'' राज्य सरकार बिजली का दाम 25% बढ़ाकर 50% कम कर रही है. यह खेल राज्य सरकार खेल रही है. इन्होंने लूट मचा रखी है. इसका भाजपा विरोध कर रही है. बीजेपी राज्य सरकार से मांग करती है कि 2528 करोड़ का सीएसपीडीसीएल का घाटा है. यह आगे कैरी फॉरवर्ड हो रहा है. उस घाटे की सब्सिडी सरकार दे ताकि आने वाले समय में और बिजली रेट में बढ़ोतरी ना हो.'' -प्रेम प्रकाश पाण्डेय, पूर्व मंत्री बीजेपी
कैसे बढ़े बिजली के दाम ? : बीजेपी के मुताबिक राज्य सरकार 2528 करोड़ रुपये घाटे की भरपाई नहीं कर रही है. सरकार ने पहले ही स्टील प्लांटों को दी जा रही सब्सिडी को 31 जुलाई 2021 से बंद कर दिया. इसके बाद 25% की टैरिफ के रूप में अपने सिर का बोझ 1 अगस्त 2021 से जनता के सिर पर टैरिफ वृद्धि करके डाल दिया. यह लगभग 4% की टैरिफ वृद्धि के बराबर है. यानी स्टील प्लांट के अलावा अन्य उपभोक्ता अपनी बिजली बिल के लगभग 4% राशि से स्टील प्लांटों का 25% छूट का बिल पटा रहे हैं. छूट के बोझ की वसूली साल 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में हुई है. यह वसूली हर साल लगभग 700 से 750 करोड़ रुपये के आसपास है.
कांग्रेस ने आरोपों को सिरे से नकारा : बीजेपी के इन आरोपों का कांग्रेस ने खंडन किया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एक बार फिर भाजपा झूठ बोल रही है. कांग्रेस सरकार बनने के बाद बिजली के दामों में बढ़ोतरी ना के बराबर हुई है. वर्तमान में जो बढ़ोतरी हुई है, वो VCA में हुई है. जब जब कोयला या डीजल के दामों में बढ़ोतरी होती है, उस दौरान VCA में 5-10 पैसे की बढ़ोतरी होती है. यह बिजली कंपनी की सामान्य प्रक्रिया है.
''अब तक हमारी सरकार बनने के बाद मात्र तीन बार बढ़ोतरी हुई है. पांच बार कमी की गई है. जब भाजपा सरकार थी, तब 32 बार बढ़ोतरी की गई है. 2003 में भारतीय जनता पार्टी सरकार थी. जब 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार गई तो इस बीच बिजली के दाम में 14 गुना बढ़ोतरी हुई. हमारी सरकार बनने के बाद बिजली के दामों में एक पैसे की बढ़ोतरी नहीं की गई.'' सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेशाध्यक्ष,मीडिया विभाग कांग्रेस
कांग्रेस का यह भी कहना है कि भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार की योजना बिजली बिल हाफ का लाभ 44 लाख उपभोक्ताओं को मिल रहा है. 400 यूनिट तक बिजली के दाम आधे किए जा रहे हैं. जिसके कारण लगभग 4000 करोड़ रुपए का फायदा छत्तीसगढ़ के विद्युत उपभोक्ताओं को हुआ है. भाजपा कुछ भी झूठ बोले लेकिन इस बात को छत्तीसगढ़ का एक एक नागरिक समझ रहा है कि भाजपा झूठ बोल रही है.
क्या है बिजली बिल हाफ योजना ? : साल 2019 में छत्तीसगढ़ स्टेट डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के सभी घरेलू उपभोक्ताओं ने हर महीने खपत की जाने वाली 400 यूनिट तक बिजली बिल की राशि को आधा करने का फैसला लिया था. अब नए नियम के अनुसार 400 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को 50 फीसदी तक की छूट सरकार देने जा रही है.