रायपुर: नाग पंचमी देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. सावन महीने में नागदेव की पूजा का विशेष विधान है. हर साल नाग पंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य दक्षिण एशियाई देशों में लोग इस हिंदू त्योहार पर नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं.
नाग पंचमी का शुभ मुहुर्त: इस साल शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त को रात 12: 23 मिनट पर शुरू होगी. जो 21 तारीख को रात में 02:01 मिनट पर खत्म होगी. सावन मास में दो नाग पंचमी 2023 तिथि आती है- एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष. इससे पहले कृष्ण पक्ष की नांग पंचमी यानी 7 जुलाई को जो नाग पंचमी मनाई गई, वह सिर्फ राजस्थान, बिहार और झारखंड राज्यों में मनाई गई.
नाग पंचमी का महत्व: नाग देवता भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय हैं. इसलिए महादेव नाग देवता को हमेशा कंठ में धारण करते हैं. नाग देवता, नाग लोक के राजा माने जाते हैं. नाग देवता भगवान शंकर की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. इसलिए भगवान शंकर की कल्पना किये बगैर नाग देवता की पूजा नहीं की जा सकती. समुद्र मंथन के समय भी वासुकी नाग द्वारा ही समुद्र का मंथन किया गया. तब महालक्ष्मी, एरावत हाथी, संजीवनी वटी और सबसे महत्वपूर्ण अमृत निकला. नाग देवता हमेशा देवताओं और असुरों को एक साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसलिए नाग देवता अभीष्ट देवता माने जाते हैं और उनका शास्त्रों में विशेष महत्व है.
क्यों मनाते हैं नाग पंचमी? : महाभारत की कथा में जन्मेजय के नाग यज्ञ की भी कहानी है. जन्मेजय, अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे. इस कथा में बताया गया है कि जब जन्मेजय ने अपने पिता की मृत्यु की वजह सर्पदंश को जाना, तो उन्होंने बदला लेने के लिए सर्पसत्र नामक यज्ञ किया. इस यज्ञ के प्रभाव से बड़े-बड़े विकराल नाग अग्नि कुंड में आकर जलने लगे. तब वहां मौजूद ऋषि आस्तिक मुनि ने दयावश नागों की रक्षा के लिए यज्ञ रोक दिया. जिससे तक्षक नाग बच गए और उनके बचने से नागों का वंश बच गया. जिस दिन यज्ञ रोका गया, वह दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. इसलिए हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी 2023 मनाई जाने लगी. ऋषि आस्तिक मुनि ने आग के ताप से राहत के लिए नागों पर कच्चा दूध डाल दिया था. तभी से नागपंचमी 2023 के दिन नाग को दूध चढ़ाया जाने लगा.
कालसर्प दोष पूजा के लिए है बेहद खास: नाग पंचमी का दिन तक्षक पूजा के लिए भी जाना जाता है. इस दिन सभी तरह के कालसर्प योग दोष की पूजा के लिए खास माना जाता है. जन्म कुंडली में राहु केतु दोषों को दूर करने के लिए नाग पूजा का विशेष विधान माना गया है. जीवित नाग देवता का दर्शन करना पवित्र माना गया है. इस दिन सपने में सांपों को देखना अत्यंत शुभ माना जाता है.
ऐसे करें नाग देव की पूजा: नाग पंचमी के दिन शिवालय जाकर नाग देवता की पूजा करनी चाहिए. प्रत्यक्ष नाग देवता को दूध अर्पित करना, दक्षिणा अर्पित करना, अक्षत, पुष्प, गंगाजल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करना कल्याणकारी माना जाता है. इस दिन शिवलिंग में बैठे नाग देवता को देखना बेहद शुभ माना जाता है. नाग स्रोत का पाठ रुद्र देवता की आराधना करने से लाभ मिलता है. नाग पंचमी के दिन नाग स्रोत, नाग पूजन, नाग व्रत कथा, नाग की आरती करना और सुनना बहुत फलदायक माना जाता है.