रायपुर : सावन का महीना चल रहा है.अगस्त महीने के अंतिम हफ्ते में सावन के दौरान कई व्रत और त्यौहार आते हैं. उन्हीं व्रतों में से एक है वरलक्ष्मी व्रत . सुहागिन महिलाओं के लिए वरलक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व होता है. हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर यह व्रत रखा जाता. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है.
अखंड सौभाग्य देती है वरलक्ष्मी माता : मान्यता है कि विधि पूर्वक माता लक्ष्मी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. पुत्र प्राप्ति होती है. परिवार का यश बढ़ता है.वरलक्ष्मी का व्रत करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है. इस शुभ दिन से ही वैभव लक्ष्मी के व्रत का प्रारंभ किया जा सकता है. कई लोग इस दिन संकल्प लेकर वैभव लक्ष्मी के व्रत को शुरु करते हैं.
''इस शुभ दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दोनों हाथों को श्रद्धा के भाव से निहारना चाहिए. इसके बाद घर की पूरी तरह से सफाई करनी चाहिए. पूरे घर को स्वच्छता और निर्मलता से साफ रखना चाहिए. ऐसी मान्यता है जहां स्वच्छता का वास होता है. वहां वरलक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती है. संपूर्ण घर कार्यालय ऑफिस की सफाई अच्छे से करनी चाहिए. जिससे माता प्रसन्न होकर भक्त गणों के यहां स्थाई रूप से सदा काल के लिए निवास कर सकें.'' पंडित विनीत शर्मा, ज्योतिषाचार्य
कैसे करें माता वरलक्ष्मी की पूजा ? : माता लक्ष्मी को कमल के फूल प्रिय है. कमल के फूल, सिंघाड़ा से माता की उपासना करनी चाहिए.इस दिन उपवास करने का विशेष विधान है. सुक्तम लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी सहस्त्रनाम, कनकधारा स्रोत का पाठ करना चाहिए. इस दिन महालक्ष्मी के 108 शुभ नामों का भक्ति भाव से जाप करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. पूजा स्थल की साफ सफाई करनी चाहिए. माता लक्ष्मी को लाल अथवा पीले वस्त्रों में स्थान देना चाहिए. मंत्रोच्चार के साथ वरलक्ष्मी को स्थापित कर गंगाजल, केवड़ा का जल और सरोवरों के जल से माता का अभिषेक करना चाहिए.
ऐसे करें पूजा
- वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें
- पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्धि करें और सफाई करें
- लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और यहां मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें
- प्रतिमा या तस्वीर के पास चावल रखें और इसके ऊपर एक कलश में जल भरकर रख दें
- कलश के चारों ओर चंदन का लेप लगाएं और इस दौरान माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें
- नारियल, फूल, हल्दी, कुमकुम और माला और 16 शृंगार को माता लक्ष्मी को अर्पित करें
- मिठाई का भोग लगाएं
- घी का दीपक प्रज्वलित करें,धूप जलाएं
- वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ जरूर करें
- आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें : वर लक्ष्मी माता को रोली, कुमकुम, चंदन, शर्करा, मधु, कमल पुष्प, पोखर सिंघाड़ा का अभिषेक करना चाहिए. पूजन करते समय ओम महालक्ष्मी नमः इस महामंत्र का का पाठ करना चाहिए. श्री सुक्तम के प्रथम मंत्र का भी पाठ करना चाहिए. जरूरतमंदों अधीनस्थ कर्मचारियों निर्धनों की मदद करनी चाहिए. कोई पुराना ऋण जो चुकाने योग्य हो चुका हो उसे भी चुकाने का प्रयास करना चाहिए. ऐसा करने पर माता लक्ष्मी भक्तों पर कृपा बरसाती है.