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Chhattisgarhi Culture And Dialect: 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का नारा सार्थक करते सीएम बघेल, घोषणा में संस्कृति और बोली पर भी जोर, भाजपा ने पूछा-पूरे करेंगे कब ?

Chhattisgarhi Culture And Dialect छ्त्तीसगढ़ी अस्मिता के मुद्दे पर आगे बढ़कर काम करने वाले सीएम बघेल ने स्वतंत्रता दिवस पर भी इसी को दोहराया. एक बार फिर सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ी बोली, भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की घोषणा की. आईये जानते हैं कि किस तरह इन घोषणाओं में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प सीएम बघेल पूरा कर रहे हैं और इस पर भाजपा का क्या रिएक्शन है.

Chhattisgarhi Culture And Dialect
सीएम बघेल पूरा कर रहे गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प
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Published : Aug 15, 2023, 9:49 PM IST

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा सार्थक करते सीएम बघेल

रायपुर: 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' के नारे के साथ सत्ता में आए सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को लेकर सजग हैं. चाहे तीज त्योहार मनाना हो या परंपरा निभाना, सीएम बघेल आगे खड़े मिलते हैं. सड़क, स्कूल, अस्पताल के साथ ही सूबे से पलायन रोकने के लिए रोजगार के मौके बना रहे हैं. नया छत्तीसगढ़ गढ़ने के लिए यहां को लोगों के अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखा रहे हैं. इसी क्रम में स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा में भी उन्होंने छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोली, भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने का ऐलान किया है. हालांकि भाजपा ने घोषणाओं की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं.


हल्बी, गोंडी, सरगुजिया और कुरुख साहित्य को बढ़ावा: सीएम बघेल ने छ्त्तीसगढ़ में साहित्यिक महौल को बढ़ावा देने के लिए साहित्यकारों को तीन श्रेणियों में 'छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान' देने की घोषणा की है. इन तीन श्रेणियों में पहला सम्मान छत्तीसगढ़ी के साथ ही क्षेत्रीय बोली गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख आदि में लिखे साहित्य के लिए होगा. वहीं दूसरा हिंदी गद्य (कहानी, उपन्यास, आत्मकथा, निबंध, संस्मरण आदि) और तीसरा सम्मान हिंदी पद्य (कविता, गीत आदि) के लिए घोषित किया गया है.

प्राइमरी तक स्थानीय बोली में पढ़ेंगे बच्चे: छत्तीसगढ़ी अस्मिता और पहचान छत्तीसगढ़ी भाषा से है. ऐसे में सीएम बघेल ने अगले शिक्षा सत्र से राज्य के जिन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है, वहां छत्तीसगढ़ी या आदिवासी क्षेत्रों में वहां की स्थानीय बोली कक्षा एक से कक्षा पांचवीं तक के सेलेबस में शामिल करने का ऐलान किया है.

पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ ने अनेक सोपान तय किए हैं. इस दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कदम उठाए गए. इसी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरुआत की. नक्सली क्षेत्र में जहां 600 गांव उजड़ गए थे, वहां हमने 300 से अधिक स्कूल खोले. स्वास्थ्य रोजगार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी हमने लगातार आगे बढ़ने का काम किया है. -भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

Mallikarjun Kharge In Janjgir Champa: भरोसे के सम्मेलन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जांजगीर चांपा से चुनावी शंखनाद
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सीएम बगेल की घोषणा पर भाजपा ने किया तंज, कही ये बात: सीएम बघेल की घोषणा पर भाजपा ने तंज किया है. भाजपा का कहना है कि घोषणा पर घोषणा करते आ रहे हैं, उसे पूरा कब करेंगे. क्योंकि अब चुनाव नजदीक आ गया है. बीजेपी मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले सीएम बघेल वहीं घोषणाएं कर रहें हैं, जो 2018 के कांग्रेस के घोषणापत्र में थे. 2018 में भी कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में स्टूडेंट को फ्री ट्रांसपोर्टेशन और महिला सुरक्षा का वादा किया था.

Chhattisgarhi Culture And Dialect
बीजेपी मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने सीएम पर लगाया आरोप

अब सरकार जाने का समय आ गया, उससे कुछ दिन पहले फिर वही वादे कर रहे हैं, जो अपने 5 साल पहले किए थे. यह निराशा की बात है. यह सरकार केवल घोषणा करने वाली सरकार है, उसे अमल में नहीं लाती. इसलिए जनता इन्हें विदा करने का मन बना चुकी है. -अमित चिमनानी, मीडिया प्रमुख, छ्त्तीसगढ़ भाजपा

भाजपा कांग्रेस में जुबानी जंग भले ही चले, लेकिन इस तरह की घोषणाओं से छत्तीसगढ़ में बदलाव तो दिखने ही लगा है. विधानसभा चुनाव 2023 में कुछ ही महीने बचे हैं. अब देखना ये है कि क्या कांग्रेस एक बार फिर छ्त्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होकर अपने वादों को पूरा कर पाती है या भाजपा उससे ये मौका छीन लेती है.

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा सार्थक करते सीएम बघेल

रायपुर: 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' के नारे के साथ सत्ता में आए सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को लेकर सजग हैं. चाहे तीज त्योहार मनाना हो या परंपरा निभाना, सीएम बघेल आगे खड़े मिलते हैं. सड़क, स्कूल, अस्पताल के साथ ही सूबे से पलायन रोकने के लिए रोजगार के मौके बना रहे हैं. नया छत्तीसगढ़ गढ़ने के लिए यहां को लोगों के अपनी संस्कृति पर गर्व करना सिखा रहे हैं. इसी क्रम में स्वतंत्रता दिवस पर की गई घोषणा में भी उन्होंने छत्तीसगढ़ की स्थानीय बोली, भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने का ऐलान किया है. हालांकि भाजपा ने घोषणाओं की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं.


हल्बी, गोंडी, सरगुजिया और कुरुख साहित्य को बढ़ावा: सीएम बघेल ने छ्त्तीसगढ़ में साहित्यिक महौल को बढ़ावा देने के लिए साहित्यकारों को तीन श्रेणियों में 'छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान' देने की घोषणा की है. इन तीन श्रेणियों में पहला सम्मान छत्तीसगढ़ी के साथ ही क्षेत्रीय बोली गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख आदि में लिखे साहित्य के लिए होगा. वहीं दूसरा हिंदी गद्य (कहानी, उपन्यास, आत्मकथा, निबंध, संस्मरण आदि) और तीसरा सम्मान हिंदी पद्य (कविता, गीत आदि) के लिए घोषित किया गया है.

प्राइमरी तक स्थानीय बोली में पढ़ेंगे बच्चे: छत्तीसगढ़ी अस्मिता और पहचान छत्तीसगढ़ी भाषा से है. ऐसे में सीएम बघेल ने अगले शिक्षा सत्र से राज्य के जिन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है, वहां छत्तीसगढ़ी या आदिवासी क्षेत्रों में वहां की स्थानीय बोली कक्षा एक से कक्षा पांचवीं तक के सेलेबस में शामिल करने का ऐलान किया है.

पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ ने अनेक सोपान तय किए हैं. इस दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कदम उठाए गए. इसी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरुआत की. नक्सली क्षेत्र में जहां 600 गांव उजड़ गए थे, वहां हमने 300 से अधिक स्कूल खोले. स्वास्थ्य रोजगार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी हमने लगातार आगे बढ़ने का काम किया है. -भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

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बीजेपी मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी ने सीएम पर लगाया आरोप

अब सरकार जाने का समय आ गया, उससे कुछ दिन पहले फिर वही वादे कर रहे हैं, जो अपने 5 साल पहले किए थे. यह निराशा की बात है. यह सरकार केवल घोषणा करने वाली सरकार है, उसे अमल में नहीं लाती. इसलिए जनता इन्हें विदा करने का मन बना चुकी है. -अमित चिमनानी, मीडिया प्रमुख, छ्त्तीसगढ़ भाजपा

भाजपा कांग्रेस में जुबानी जंग भले ही चले, लेकिन इस तरह की घोषणाओं से छत्तीसगढ़ में बदलाव तो दिखने ही लगा है. विधानसभा चुनाव 2023 में कुछ ही महीने बचे हैं. अब देखना ये है कि क्या कांग्रेस एक बार फिर छ्त्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होकर अपने वादों को पूरा कर पाती है या भाजपा उससे ये मौका छीन लेती है.

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