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रायपुर: डेंगू को लेकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

रायपुर में पीलिया के कहर के बाद डेंगू से बचने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. शहर में डेंगू ना फैले, इसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

raipur Municipal corporation and health department alert about dengue
पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम
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Published : May 21, 2020, 8:09 PM IST

Updated : May 22, 2020, 11:53 AM IST

रायपुर : राजधानी रायपुर में पीलिया के कहर के बाद डेंगू से बचने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है. शहर डेंगू की चपेट में ना आए, इसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

डेंगू को लेकर नगर निगम अलर्ट

ETV भारत ने इस संबंध में नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य से बात की. उन्होंने बताया कि हाल ही में रायपुर में पीलिया की समस्या आई थी. हर साल पीलिया के साथ ही डेंगू भी फैलता है, इसलिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. नगर निगम नालियों की साफ-सफाई करा रहा है. जमे हुए पानी को खाली करने के लिए भी लोगों को कहा जा रहा है. हाल ही में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक की गई थी. इसके बाद वार्डों में जाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि इस साल शहर में डेंगू की समस्या नहीं होगी.

सीएचएमओ मीरा बघेल ने बताया कि जून-जुलाई से डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभी से काम शुरू कर दिया है. शहर में कही भी डेंगू का पॉजिटिव केस आता है, तो उसके आसपास के 100 घरों का सर्वे किया जाता है, साथ ही टेस्टिंग भी की जाती है. अभी सभी जगह बचाव के लिए प्रचार-प्रसार भी चल रहा है.

पढ़ें-कांकेरः पहला कोरोना पॉजिटिव केस मिलते ही प्रशासन अलर्ट, इलाका सील

सतर्कता से बचा जा सकता है

सीएचएमओ ने बताया कि एडीज मच्छर (डेंगू के मच्छर) दिन में काटते हैं, इसलिए मच्छरदानी का उपयोग करके भी डेंगू से नहीं बचा जा सकता है. डेंगू का मच्छर जब भी अंडा देता है, तो हरेक अंडे से जो मच्छर बनते हैं, वह भी संक्रमित हो चुके होते हैं. ऐसे में पैदा हुए मच्छर डेंगू फैला सकते हैं. अगर किसी को डेंगू होता है, तो वह बहुत तेजी से फैलता है. इसका सबसे अच्छा उपाय सतर्कता है. घरों में किसी भी बर्तन, टायर, कूलर को सप्ताह में एक दिन अच्छे से साफ करें. कूलर में पानी जमा नहीं होने दें. कूलर के पानी को निकालकर उसे सुखाना भी जरूरी है.

कैसे होता है डेंगू

एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू होता है. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होता है. इसमें ठंड लगकर भी बुखार आता है. आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, कमजोरी, भूख नहीं लगना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना और गले में दर्द होना भी इसके प्रमुख लक्षण हैं.

पढ़ें-मजदूरों को छोड़ने वाले ड्राइवर और कंडक्टर को नहीं मिल रही क्वॉरेंटाइन की सुविधा

बचाव के उपाय

डेंगू का इलाज डॉक्टर एंटीबॉयोटिक दवाएं देकर करते हैं. रोगी को ज्यादा पानी पीना चाहिए. डेंगू में प्लेटलेट्स का स्तर तेजी से गिरने लगता है, समय पर इलाज नहीं मिलने पर इससे जान भी जा सकती है. इससे बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखें, पानी को जमने ना दें और लगातार जहां पानी जमता है, ऐसी चीजों या बर्तन को उलट कर रखें. इसके मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं.

रायपुर : राजधानी रायपुर में पीलिया के कहर के बाद डेंगू से बचने के लिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है. शहर डेंगू की चपेट में ना आए, इसके लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

डेंगू को लेकर नगर निगम अलर्ट

ETV भारत ने इस संबंध में नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य से बात की. उन्होंने बताया कि हाल ही में रायपुर में पीलिया की समस्या आई थी. हर साल पीलिया के साथ ही डेंगू भी फैलता है, इसलिए नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. नगर निगम नालियों की साफ-सफाई करा रहा है. जमे हुए पानी को खाली करने के लिए भी लोगों को कहा जा रहा है. हाल ही में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक की गई थी. इसके बाद वार्डों में जाकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. पुलक भट्टाचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि इस साल शहर में डेंगू की समस्या नहीं होगी.

सीएचएमओ मीरा बघेल ने बताया कि जून-जुलाई से डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अभी से काम शुरू कर दिया है. शहर में कही भी डेंगू का पॉजिटिव केस आता है, तो उसके आसपास के 100 घरों का सर्वे किया जाता है, साथ ही टेस्टिंग भी की जाती है. अभी सभी जगह बचाव के लिए प्रचार-प्रसार भी चल रहा है.

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सतर्कता से बचा जा सकता है

सीएचएमओ ने बताया कि एडीज मच्छर (डेंगू के मच्छर) दिन में काटते हैं, इसलिए मच्छरदानी का उपयोग करके भी डेंगू से नहीं बचा जा सकता है. डेंगू का मच्छर जब भी अंडा देता है, तो हरेक अंडे से जो मच्छर बनते हैं, वह भी संक्रमित हो चुके होते हैं. ऐसे में पैदा हुए मच्छर डेंगू फैला सकते हैं. अगर किसी को डेंगू होता है, तो वह बहुत तेजी से फैलता है. इसका सबसे अच्छा उपाय सतर्कता है. घरों में किसी भी बर्तन, टायर, कूलर को सप्ताह में एक दिन अच्छे से साफ करें. कूलर में पानी जमा नहीं होने दें. कूलर के पानी को निकालकर उसे सुखाना भी जरूरी है.

कैसे होता है डेंगू

एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू होता है. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होता है. इसमें ठंड लगकर भी बुखार आता है. आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, कमजोरी, भूख नहीं लगना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खराब होना और गले में दर्द होना भी इसके प्रमुख लक्षण हैं.

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बचाव के उपाय

डेंगू का इलाज डॉक्टर एंटीबॉयोटिक दवाएं देकर करते हैं. रोगी को ज्यादा पानी पीना चाहिए. डेंगू में प्लेटलेट्स का स्तर तेजी से गिरने लगता है, समय पर इलाज नहीं मिलने पर इससे जान भी जा सकती है. इससे बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखें, पानी को जमने ना दें और लगातार जहां पानी जमता है, ऐसी चीजों या बर्तन को उलट कर रखें. इसके मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं.

Last Updated : May 22, 2020, 11:53 AM IST
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