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रायपुर: रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान, धान खरीदी भी प्रभावित - Raipur News

अभनपुर के आस-पास के किसानों का नाम रकबा पंजीयन में नहीं होने से उनकी परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. इससे धान खरीदी भी प्रभावित हो रही है. किसान खासे परेशान हैं.

रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान
रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान
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Published : Dec 6, 2019, 6:13 PM IST

Updated : Dec 6, 2019, 10:59 PM IST

रायपुर: प्रदेश में इन दिनों धान खरीदी चल रही है. अभनपुर के आस-पास के कुछ किसान प्रशासनिक लापरवाही से परेशान हैं. किसान धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. लेकिन उनके धान की खरीदी नहीं हो रही है.

प्रशासनिक लापरवाही से धान खरीदी प्रभावित
धान खरीदी के लिए मंडियों में NIC (National Informatics Centre) से डाटा आता है. जिस किसान का रकबा NIC के डाटा में रजिस्टर होता है. मंडी, उस किसान से उतना ही धान खरीदती है, जितने धान का रकबा होता है. मंडी प्रबंधक भोपू राम का कहना है कि डाटा में इन किसानों का नाम नहीं है.

रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान

NIC के डाटा में नाम नहीं होने पर हम धान नहीं खरीद सकते. साथ ही उसने यह भी बताया कि 'डाटा आने से पहले एक अनुमानित टोकन काट दिया जाता है. जिस आधार पर किसान धान लेकर मंडी पहुंच जाते हैं'.

पढ़ें :हैदराबाद एनकाउंटर : दुष्कर्म-हत्या के आरोपियों के मारे जाने पर प्रतिक्रियाएं

किसानों की परेशानी बढ़ी
किसानों का कहना है कि वो इसी रकबे के अधार पर पिछले कई सालों से धान बेच रहे हैं. रजिस्ट्रेशन भी करवाया था. किसानों पर बैंक के साथ ही अन्य कर्ज हैं. अगर धान की खरीदी नहीं होती तो कर्ज चुकाना मुश्किल होगा. साथ ही रोजमर्रा के कार्यों में प्रभाव पड़ेगा. किसानों ने कहा है कि वे इसकी शिकायत संबंधित तहसीलदार, एसडीएम से करेंगे. फिलहाल उन्हें अपने धान की खरीदी को लेकर चिंता है.

अब कहां जाएंगे किसान
धान कोचियों को बेचने का विकल्प नहीं है. प्रशासन धान खरीदने वाले कोचियों और व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. इसलिए धान का मंडी के बाहर बिकना मुश्किल है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि जिन किसानों का धान नहीं बिक रहा वह कहां जाएं.

रायपुर: प्रदेश में इन दिनों धान खरीदी चल रही है. अभनपुर के आस-पास के कुछ किसान प्रशासनिक लापरवाही से परेशान हैं. किसान धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. लेकिन उनके धान की खरीदी नहीं हो रही है.

प्रशासनिक लापरवाही से धान खरीदी प्रभावित
धान खरीदी के लिए मंडियों में NIC (National Informatics Centre) से डाटा आता है. जिस किसान का रकबा NIC के डाटा में रजिस्टर होता है. मंडी, उस किसान से उतना ही धान खरीदती है, जितने धान का रकबा होता है. मंडी प्रबंधक भोपू राम का कहना है कि डाटा में इन किसानों का नाम नहीं है.

रकबा पंजीयन में नाम नहीं होने से किसान परेशान

NIC के डाटा में नाम नहीं होने पर हम धान नहीं खरीद सकते. साथ ही उसने यह भी बताया कि 'डाटा आने से पहले एक अनुमानित टोकन काट दिया जाता है. जिस आधार पर किसान धान लेकर मंडी पहुंच जाते हैं'.

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किसानों की परेशानी बढ़ी
किसानों का कहना है कि वो इसी रकबे के अधार पर पिछले कई सालों से धान बेच रहे हैं. रजिस्ट्रेशन भी करवाया था. किसानों पर बैंक के साथ ही अन्य कर्ज हैं. अगर धान की खरीदी नहीं होती तो कर्ज चुकाना मुश्किल होगा. साथ ही रोजमर्रा के कार्यों में प्रभाव पड़ेगा. किसानों ने कहा है कि वे इसकी शिकायत संबंधित तहसीलदार, एसडीएम से करेंगे. फिलहाल उन्हें अपने धान की खरीदी को लेकर चिंता है.

अब कहां जाएंगे किसान
धान कोचियों को बेचने का विकल्प नहीं है. प्रशासन धान खरीदने वाले कोचियों और व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. इसलिए धान का मंडी के बाहर बिकना मुश्किल है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि जिन किसानों का धान नहीं बिक रहा वह कहां जाएं.

Intro:दीपक वर्मा अभनपुर स्लग-किसान परेशान एंकर---अभनपुर के समीप ग्राम नायकबांधा के किसान समर्थन मूल्य के व्यवस्थापक की गलती के चलते खासा परेशान है । आपको बतादे की ग्राम के किसान को टोकन न काट कर पर्ची काटकर दिया गया । जिस पर किसान द्वारा अपने धान को मंडी लाया गया। पर व्यवस्थापक द्वारा आन लाइन न होने की बात कह धान नही खरीद रहे है किसान ने बताया कि टोकन लेने पहुचे तो व्यवस्थापक द्वारा समर्थन मूल्य की मंडी में लाने के लिए रसीद काट कर दिया गया और जब धान लाया गया तो आन लाइन हुआ नही है कह कर घुमा रहा हैं जिसके कारण ग्रामीण किसान व्यवस्थापक की इस रवैया से खासा परेशान हैं जिसकी शिकायत अभनपुर एसडीएम और तहसीलदार को लिखित शिकायत दिए है वही व्यवस्थापक को पूछे जाने पर आन लाइन में डाटा न होने की बात कहि।बाइट 01 मोहन भारती किसान बाइट 02 बृजलाल साहू किसान बाइट 03 भोपू राम समिति प्रबंधक अभनपुरBody: अब इस तरह समिति प्रबंधन द्वारा किसानों के साथ इस तरह वर्ताव किसानों के साथ छलावा रहा अब ऐसे किसान अब बैंको से लिये कर्ज कैसे जमा कर पाएंगे Conclusion:
Last Updated : Dec 6, 2019, 10:59 PM IST
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