रायपुर: सरकारी स्कूल का नाम आते ही अभिभावक मुंह-नाक सिकोड़ने लगते हैं. निजी स्कूलों को बेहतर माना जाता है. संपन्न परिवार के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना ही उचित मानते हैं. इस मानसिकता के बीच राजधानी के दो अधिकारियों ने मिसाल पेश की है.
हम बात कर रहे राजधानी रायपुर में पदस्थ दो डिप्टी कलेक्टर की जिन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करवाया है. डिप्टी कलेक्टर राजीव पांडे ने अपनी दो बेटियों अवंतिका पांडे और आशी पांडे का सरकारी प्राइमरी स्कूल में दाखिला करवाया है. वहीं डिप्टी कलेक्टर उज्जवल पोरवाल ने भी अपने बेटे सक्षम पोरवाल को सरकारी स्कूल के नर्सरी में दाखिल किया है. डिप्टी कलेक्टरों की इस पहल को खासा सराहा जा रहा है.
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सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का बढ़ेगा विश्वास
राजीव पांडे की पत्नी प्रिती पांडे ने कहा कि प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल की पढ़ाई में कोई अंतर नहीं होता है. ये बस अपने-अपने देखने का नजरिया है. सारी चीजें घर पर निर्भर करती हैं. बता दें कि रायपुर का ये पहला ऐसा सरकारी स्कूल है जहां प्री नर्सरी की कक्षाएं भी लगती है. कलेक्टर की इस पहल से आम जनता में भी सरकारी स्कूलों और सिस्टम के प्रति विश्वास बढ़ेगा.