ETV Bharat / state

लॉक डाउन: सिर्फ ऑटो के नहीं इनकी जिंदगी के भी पहिए थम से गए - lock down in raipur

जैसे-तैसे गुजर बसर करने वाले ऑटो चालक जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए लॉक डाउन के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

raipur-auto-rickshaw-drivers-facing-economic-crisis-in-lock-down
ऑटो के थमे पहिए
author img

By

Published : Apr 7, 2020, 9:21 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किया गया लॉक डाउन हर रोज मेहनत करके कमाने और खाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. लॉक डाउन के ऐलान के बाद हवाई, रेल और सड़क यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया. सड़कों पर सिर्फ और सिर्फ निकलने की इजाजत उन्हें मिली, जिनका निकलना बेहद जरूरी है. लेकिन इन बचाव ने कई लोगों के सामने जिंदगी चलाने की मुश्किल खड़ी कर दी है. इन्हीं में से एक हैं ऑटो चालक.

ऑटो के थमे पहिए

दिन भर सड़कों पर ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले ऑटो चालक पिछले 2 हफ्तों से घर बैठे हुए हैं. इनकी आमदनी जरिया ऑटो घर पर खड़ा है.

थम गए हैं पहिए-

पूरा दिन ऑटो चलाकर 500-600 रोजाना कमाने वाले ऑटो चालकों के पास अब सब से बड़ी समस्या है कि वो घर कैसे चलाएं. लॉक डाउन के साथ ही उनकी कमाई भी पूरी तरह से ठप हो गई है. इन ऑटोवालों की इतने समय से जमा की गई पूंजी राशन और सब्जी की पूर्ति करने में खर्च होने लगी है.

घर चलाने, परिवार को संभालने की चिंता अब उन्हें सोने नहीं दे रही है. ऑटो ड्राइवर उमा शंकर ने बताया कि पिछले 2 हफ्ते उनकी कमाई ठप है. जो रोज 500 कमा के घर में राशन की पूर्ति करते थे, वह भी अब मुश्किल हो रहा है.

कमाई का कोई और साधन भी नहीं-

ऑटो ड्राइवर मुन्ना यादव ने बताया कि वो दो भाई हैं और दोनों भाई मिल कर ऑटो चलाते हैं. एक भाई होली का त्योहार मनाने बिहार गया था, इसके बाद लॉक डाउन होने की वजह से वह वहीं फंस गया है. इसकी वजह से मुन्ना को अपना घर अकेले ही चलाना पड़ रहा है. लॉक डाउन की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, ऐसा स्थिति में उनके पास न कोई और काम है और न ही आय का दूसरा साधन.

ये सभी उस दिन के इंतजार में बैठे हैं, जब कोरोना महामारी से आया अंधेरा छटेगा और जिंदगी का नया सूरज उगेगा.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किया गया लॉक डाउन हर रोज मेहनत करके कमाने और खाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. लॉक डाउन के ऐलान के बाद हवाई, रेल और सड़क यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया. सड़कों पर सिर्फ और सिर्फ निकलने की इजाजत उन्हें मिली, जिनका निकलना बेहद जरूरी है. लेकिन इन बचाव ने कई लोगों के सामने जिंदगी चलाने की मुश्किल खड़ी कर दी है. इन्हीं में से एक हैं ऑटो चालक.

ऑटो के थमे पहिए

दिन भर सड़कों पर ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वाले ऑटो चालक पिछले 2 हफ्तों से घर बैठे हुए हैं. इनकी आमदनी जरिया ऑटो घर पर खड़ा है.

थम गए हैं पहिए-

पूरा दिन ऑटो चलाकर 500-600 रोजाना कमाने वाले ऑटो चालकों के पास अब सब से बड़ी समस्या है कि वो घर कैसे चलाएं. लॉक डाउन के साथ ही उनकी कमाई भी पूरी तरह से ठप हो गई है. इन ऑटोवालों की इतने समय से जमा की गई पूंजी राशन और सब्जी की पूर्ति करने में खर्च होने लगी है.

घर चलाने, परिवार को संभालने की चिंता अब उन्हें सोने नहीं दे रही है. ऑटो ड्राइवर उमा शंकर ने बताया कि पिछले 2 हफ्ते उनकी कमाई ठप है. जो रोज 500 कमा के घर में राशन की पूर्ति करते थे, वह भी अब मुश्किल हो रहा है.

कमाई का कोई और साधन भी नहीं-

ऑटो ड्राइवर मुन्ना यादव ने बताया कि वो दो भाई हैं और दोनों भाई मिल कर ऑटो चलाते हैं. एक भाई होली का त्योहार मनाने बिहार गया था, इसके बाद लॉक डाउन होने की वजह से वह वहीं फंस गया है. इसकी वजह से मुन्ना को अपना घर अकेले ही चलाना पड़ रहा है. लॉक डाउन की वजह से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है, ऐसा स्थिति में उनके पास न कोई और काम है और न ही आय का दूसरा साधन.

ये सभी उस दिन के इंतजार में बैठे हैं, जब कोरोना महामारी से आया अंधेरा छटेगा और जिंदगी का नया सूरज उगेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.