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छत्तीसगढ़ में भयावह हुआ कोरोना, रेलवे ने रायपुर भेजा आइसोलेशन कोच

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण यात्री ट्रेनों का परिचालन मार्च के अंतिम सप्ताह से बंद है. जिसे देखते हुए अब रेलवे ने भी आइसोलेशन कोच तैयार किया है, ताकि कोरोना मरीजों की इलाज हो सके. रेलवे ने ट्रेन के 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है.

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रेलवे ने रायपुर भेजा आइसोलेशन कोच
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Published : Jul 30, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 9:07 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण दिन-ब-दिन भयावह होता जा रहा है. राजधानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, फिर भी मरीजों की संख्या नहीं घट रही है. जिला प्रशासन ने मरीजों के इलाज के लिए जगह-जगह आइसोलेशन सेंटर बनाया है. इसके साथ ही कोरोना के मरीजों के लिए रेलवे ने भी 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है.

रेलवे ने रायपुर भेजा आइसोलेशन कोच

रेलवे ने सभी रेल कोच को दुर्ग में खड़ा किया था, लेकिन राजधानी में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक कोच को रायपुर स्टेशन पर लाकर खड़ा कर दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इस कोच का उपयोग किया जा सके. रेलवे रायपुर मंडल ने 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है, जिसमें 440 बर्थ हैं. इसके अलावा कम्युनिटी सेंटर रेलवे इंस्टिट्यूट और आरपीएफ बैरक में क्वॉरेंटाइन सेंटर के 122 बेड बनाए गए हैं.

Railways made isolation ward
रेलवे ने बनाया आइसोलेशन वार्ड

कोच में इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद

इतना ही नहीं कोच में इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. जरूरत और नियमों के मद्देनजर बेहतर विश्राम और चिकित्सा निगरानी की व्यवस्था की गई है. आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया गया है.

Railways converted 55 coaches into isolation wards
रेलवे ने 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया

आइसोलेशन कोच में अलग की गई मिडिल बर्थ
इस आइसोलेशन कोच में सुविधा की बात करें तो इसमें मिडिल बर्थ को अलग कर दिया गया है. यहां पर 220 वोल्ट एसी करंट की व्यवस्था की गई. साथ ही 415 वोल्ट की विद्युत आपूर्ति हर डिब्बे में एयर प्लास्टिक के पर्दे और प्रत्येक कोच में चार्जिंग प्वाइंट दिए गए हैं. शौचालय में शावर और नल के साथ बाल्टी भी रखी गई है. कोच में अलग से सफेद पर्दे लगवाए गए हैं. डॉक्टर मेडिकल स्टाफ के लिए केविन बनाए गए हैं और खिड़कियों को मच्छरदानी से पैक किया गया है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण दिन-ब-दिन भयावह होता जा रहा है. राजधानी में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, फिर भी मरीजों की संख्या नहीं घट रही है. जिला प्रशासन ने मरीजों के इलाज के लिए जगह-जगह आइसोलेशन सेंटर बनाया है. इसके साथ ही कोरोना के मरीजों के लिए रेलवे ने भी 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है.

रेलवे ने रायपुर भेजा आइसोलेशन कोच

रेलवे ने सभी रेल कोच को दुर्ग में खड़ा किया था, लेकिन राजधानी में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक कोच को रायपुर स्टेशन पर लाकर खड़ा कर दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इस कोच का उपयोग किया जा सके. रेलवे रायपुर मंडल ने 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है, जिसमें 440 बर्थ हैं. इसके अलावा कम्युनिटी सेंटर रेलवे इंस्टिट्यूट और आरपीएफ बैरक में क्वॉरेंटाइन सेंटर के 122 बेड बनाए गए हैं.

Railways made isolation ward
रेलवे ने बनाया आइसोलेशन वार्ड

कोच में इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद

इतना ही नहीं कोच में इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. जरूरत और नियमों के मद्देनजर बेहतर विश्राम और चिकित्सा निगरानी की व्यवस्था की गई है. आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया गया है.

Railways converted 55 coaches into isolation wards
रेलवे ने 55 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया

आइसोलेशन कोच में अलग की गई मिडिल बर्थ
इस आइसोलेशन कोच में सुविधा की बात करें तो इसमें मिडिल बर्थ को अलग कर दिया गया है. यहां पर 220 वोल्ट एसी करंट की व्यवस्था की गई. साथ ही 415 वोल्ट की विद्युत आपूर्ति हर डिब्बे में एयर प्लास्टिक के पर्दे और प्रत्येक कोच में चार्जिंग प्वाइंट दिए गए हैं. शौचालय में शावर और नल के साथ बाल्टी भी रखी गई है. कोच में अलग से सफेद पर्दे लगवाए गए हैं. डॉक्टर मेडिकल स्टाफ के लिए केविन बनाए गए हैं और खिड़कियों को मच्छरदानी से पैक किया गया है.

Last Updated : Jul 30, 2020, 9:07 PM IST
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