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छत्तीसगढ़ में सूखे की मार, कृषि मंत्री ने जरूरी कदम उठाने की कही बात

छत्तीसगढ़ में इन दिनों सूखे जैसे हालात बने हैं. जिसको देखते हुए मंत्री रबिंद्र चौबे ने कहा कि 'प्रदेश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात हैं, जिसके लिए आवश्यक कदम के लिए विभागों को निर्देशित किया गया हैं'.

रबिंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश में सूखे जैसे हालात
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Published : Aug 7, 2019, 10:47 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार फिर सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. प्रदेश में कुल 42 बांध हैं, जिसमें से ज्यादातर बांधों की स्थिति ठीक नहीं है. इसमें लगभग 58.72 फीसदी पानी ही भरा है. 17 बांधों में औसत से भी कम जलभराव हुआ है. इतना ही नहीं कई बांध ऐसे भी हैं, जिनमें 1 भी फीसदी जलभराव नहीं हुआ है.

रबिंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश में सूखे जैसे हालात

छत्तीसगढ़ में सूखे के हालात को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि 'अभी भी हमें बारिश की प्रतीक्षा है. प्रदेश में बरसात की स्थिति ठीक नहीं है. बांधों में पर्याप्त जल नहीं है'. चौबे ने बताया 'पानी सिर्फ कृषि के लिए ही समस्या नहीं है, बल्कि पेयजल की भी समस्या बनी हुई है'.

राजस्व विभाग को निर्देश
चौबे ने कहा कि 'प्रदेश में बरसात की स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए है. मुख्यमंत्री भी राजस्व विभाग और कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक कदम उठाने की दिशा निर्देश दिए हैं'. चौबे ने कहा कि 'आज प्रदेश के बांधों की स्थिति ठीक नहीं है. कई बांध आधे से भी कम भरे हुए हैं, जिससे आने वाले समय में इन बांधों से निस्तारित के लिए भी पानी देना संभव नहीं हो पाएगा'.

कम बारिश से सूखे जैसे हालात
बता दें कि पिछले दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों में चिंता है, फिर भी ठीक-ठाक खेती की उम्मीद है. वैसे भी प्रदेश में कुछ घंटे बारिश होने के बाद तेज धूप हो जाती है, जिससे सूखे जैसे हालात बन जाते हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार फिर सूखे जैसे हालात बने हुए हैं. प्रदेश में कुल 42 बांध हैं, जिसमें से ज्यादातर बांधों की स्थिति ठीक नहीं है. इसमें लगभग 58.72 फीसदी पानी ही भरा है. 17 बांधों में औसत से भी कम जलभराव हुआ है. इतना ही नहीं कई बांध ऐसे भी हैं, जिनमें 1 भी फीसदी जलभराव नहीं हुआ है.

रबिंद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश में सूखे जैसे हालात

छत्तीसगढ़ में सूखे के हालात को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि 'अभी भी हमें बारिश की प्रतीक्षा है. प्रदेश में बरसात की स्थिति ठीक नहीं है. बांधों में पर्याप्त जल नहीं है'. चौबे ने बताया 'पानी सिर्फ कृषि के लिए ही समस्या नहीं है, बल्कि पेयजल की भी समस्या बनी हुई है'.

राजस्व विभाग को निर्देश
चौबे ने कहा कि 'प्रदेश में बरसात की स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए है. मुख्यमंत्री भी राजस्व विभाग और कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक कदम उठाने की दिशा निर्देश दिए हैं'. चौबे ने कहा कि 'आज प्रदेश के बांधों की स्थिति ठीक नहीं है. कई बांध आधे से भी कम भरे हुए हैं, जिससे आने वाले समय में इन बांधों से निस्तारित के लिए भी पानी देना संभव नहीं हो पाएगा'.

कम बारिश से सूखे जैसे हालात
बता दें कि पिछले दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों में चिंता है, फिर भी ठीक-ठाक खेती की उम्मीद है. वैसे भी प्रदेश में कुछ घंटे बारिश होने के बाद तेज धूप हो जाती है, जिससे सूखे जैसे हालात बन जाते हैं.

Intro:रायपुर । साल 2016 से सूखे की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ में इस बार भी सूखे के हालात बने हुए हैं प्रदेश के ज्यादातर बांधों की स्थिति ठीक नहीं है प्रदेश में कुल 42 बांध है इसमें लगभग 58.72 फीसद पानी ही भरा है 17 बंधी में औसत से भी कम जलभराव हुआ है इसके अलावा कई बांध ऐसे भी हैं जहां 1 फ़ीसदी तक भी जलभराव नहीं हुआ है।




Body:लगातार कम हो रही बारिश सरकार की चिंता का विषय है और यही कारण है कि सरकार बरसात की स्थिति पर सरकार लगातार नजर बनाए हुए हैं

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि अभी भी हमें बारिश की प्रतीक्षा है प्रदेश में बरसात की स्थिति ठीक नहीं है बांधों में पर्याप्त जल नहीं है हमारे लिए सिर्फ कृषि के लिए पानी ही समस्या नहीं है बल्कि पेयजल की भी समस्या बनी हुई है जिसकी शुरुआत हो चुकी है

चौबे ने कहा कि प्रदेश में बरसात की स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए मुख्यमंत्री ने भी राजस्व विभाग कृषि विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक कदम उठाने दिशा निर्देश दिए हैं रमेश ने कहा कि आज प्रदेश के बांधों की स्थिति ठीक नहीं है कई बांध आधे से भी कम भरे हुए हैं ऐसे में आने वाले समय में इन बांधों से निस्तारित के लिए भी पानी देना संभव नहीं हो पाएगा ।
बाइट रविंद्र चौबे कृषि मंत्री छत्तीसगढ़ शासन





Conclusion:बता दें कि पिछले कुछ घंटों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों में एक बार फिर ठीक-ठाक खेती की उम्मीद जाग दी है देखने वाली बात है कि यह उम्मीद कब तक कायम रहती है क्योंकि प्रदेश में इस बार बारिश की स्थिति ठीक नहीं है कुछ घंटे पानी गिरने के बाद अचानक मौसम करवट बदल लेता है और तेज धूप हो जाती है जिसके बाद सूखे जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है ।
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