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नौकरी छोड़ क्विलिंग पेपर क्राफ्ट को बनाया अर्निंग का जरिया, आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रहीं श्रेया

कोई अगर अपने शौक को ही अपना प्रोफेशन बना ले तो फिर उसे उसका काम, काम नहीं लगता. वह उसे एंजॉय करते हुए और बेहतर कर पाता है. रायपुर की श्रेया जैन ने भी अपने क्विलिंग पेपर क्राफ्ट के शौक को अपना काम बना लिया है और उनके इस क्राफ्ट की देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी डिमांड हो रही है.

Shreya is making the dream of self-reliant India come true
आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रहीं श्रेया
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Published : Sep 9, 2021, 12:23 PM IST

रायपुर : शौक जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो वह जुनून बन जाता है. रायपुर की 26 वर्षीय श्रेया जैन के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें क्या पता था कि 8 साल बाद उनकी मेहनत और जुनून को विदेशों में भी तवज्जो मिलेगी. राजधानी रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी की श्रेया जैन पिछले 8 सालों से क्विलिंग पेपर क्राफ्ट (Quilling Paper Craft) के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने पेपर क्राफ्ट (paper craft) से ऐसी कलाकृतियां (artifacts) बनाई हैं, जिसे हर कोई देखकर स्तब्ध हो जाता है. उनके जुनून और मेहनत की बदौलत वह आत्मनिर्भर भारत (self reliant india) को भी साकार करने में लगी हुई है. श्रेया की बनाई गई कलाकृतियां लोगों के घर की दीवारों की शोभा तो बढ़ाती ही हैं. साथ ही साथ आने वाले मेहमान भी उसे देख तारीफ करते थकते नहीं.

आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रहीं श्रेया

साल 2013 से कर रही हैं क्विलिंग पेपर क्राफ्ट

श्रेया ने बताया कि वे एक ग्राफिक डिजाइनर हैं. जबकि उन्हें पेपर क्राफ्ट का जुनून है. उन्होंने बताया कि वे साल 2013 से अपने दोस्त के माध्यम से क्विलिंग पेपर क्राफ्ट कर रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इसे सीखा और इस पर काम कर रही हैं. श्रेया ने बताया कि वे 2D, 3D दोनों आर्ट वर्क करती हैं. एक छोटे आर्ट वर्क को तैयार करने के लिए 16 से 20 घंटे लगते है. पेपर आर्ट बड़ी बारीकी से करना पड़ता. किसी भी डिजाइन को तैयार करने के लिए वे पहले ड्राइंग करती हैं फिर उनके ऊपर क्विलिंग पेपर को चिपकाते हुए आर्ट तैयार करती हैं.


नौकरी छोड़कर अब अपने आर्ट से कर रही अर्निंग

श्रेया ने बताया कि वे पहले ग्राफिक डिजाइनर थीं और बेंगलुरु की कंपनी में काम कर रही थीं. लॉकडाउन के दौरान रायपुर आईं. यहां भी ग्राफिक डिजाइनिंग के तौर पर एक निजी कंपनी में काम किया, लेकिन उन्हें क्विलिंग आर्ट करने में काफी रुचि थी तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर 2020 से क्विलिंग पेपर आर्ट को ही प्रोफेशन बना लिया. अब श्रेया फ्रीलांस ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम कर रही हैं.

विदेशों से भी आ रहे हैं ऑर्डर

श्रेया ने बताया कि वे एक एंटरप्रेन्योर के तैर पर कामकर रही हैं. उनके क्राफ्ट वर्क को देखकर विदेशों से भी ऑर्डर आ रहे हैं. उन्होंने अपना कि क्विलिग पेपर क्राफ्ट वर्क अमेरिका में भेजा है. विदेशों में भी उनके वर्क की तारीफ हो रही है. लोग ऑर्डर भी कर रहे हैं. श्रेया अपने आर्ट वर्क को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंस्टाग्राम पर भी शेयर करती हैं.

रायपुर : शौक जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो वह जुनून बन जाता है. रायपुर की 26 वर्षीय श्रेया जैन के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें क्या पता था कि 8 साल बाद उनकी मेहनत और जुनून को विदेशों में भी तवज्जो मिलेगी. राजधानी रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी की श्रेया जैन पिछले 8 सालों से क्विलिंग पेपर क्राफ्ट (Quilling Paper Craft) के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्होंने पेपर क्राफ्ट (paper craft) से ऐसी कलाकृतियां (artifacts) बनाई हैं, जिसे हर कोई देखकर स्तब्ध हो जाता है. उनके जुनून और मेहनत की बदौलत वह आत्मनिर्भर भारत (self reliant india) को भी साकार करने में लगी हुई है. श्रेया की बनाई गई कलाकृतियां लोगों के घर की दीवारों की शोभा तो बढ़ाती ही हैं. साथ ही साथ आने वाले मेहमान भी उसे देख तारीफ करते थकते नहीं.

आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर रहीं श्रेया

साल 2013 से कर रही हैं क्विलिंग पेपर क्राफ्ट

श्रेया ने बताया कि वे एक ग्राफिक डिजाइनर हैं. जबकि उन्हें पेपर क्राफ्ट का जुनून है. उन्होंने बताया कि वे साल 2013 से अपने दोस्त के माध्यम से क्विलिंग पेपर क्राफ्ट कर रही हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इसे सीखा और इस पर काम कर रही हैं. श्रेया ने बताया कि वे 2D, 3D दोनों आर्ट वर्क करती हैं. एक छोटे आर्ट वर्क को तैयार करने के लिए 16 से 20 घंटे लगते है. पेपर आर्ट बड़ी बारीकी से करना पड़ता. किसी भी डिजाइन को तैयार करने के लिए वे पहले ड्राइंग करती हैं फिर उनके ऊपर क्विलिंग पेपर को चिपकाते हुए आर्ट तैयार करती हैं.


नौकरी छोड़कर अब अपने आर्ट से कर रही अर्निंग

श्रेया ने बताया कि वे पहले ग्राफिक डिजाइनर थीं और बेंगलुरु की कंपनी में काम कर रही थीं. लॉकडाउन के दौरान रायपुर आईं. यहां भी ग्राफिक डिजाइनिंग के तौर पर एक निजी कंपनी में काम किया, लेकिन उन्हें क्विलिंग आर्ट करने में काफी रुचि थी तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर 2020 से क्विलिंग पेपर आर्ट को ही प्रोफेशन बना लिया. अब श्रेया फ्रीलांस ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम कर रही हैं.

विदेशों से भी आ रहे हैं ऑर्डर

श्रेया ने बताया कि वे एक एंटरप्रेन्योर के तैर पर कामकर रही हैं. उनके क्राफ्ट वर्क को देखकर विदेशों से भी ऑर्डर आ रहे हैं. उन्होंने अपना कि क्विलिग पेपर क्राफ्ट वर्क अमेरिका में भेजा है. विदेशों में भी उनके वर्क की तारीफ हो रही है. लोग ऑर्डर भी कर रहे हैं. श्रेया अपने आर्ट वर्क को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंस्टाग्राम पर भी शेयर करती हैं.

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