जगदलपुर: चित्रकोट विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होने हैं. इसको लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता चुनावी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारी बचे हुए इन 2 दिनों में एक-एक मतदाता तक पहुंचने में लगे हुए हैं. इस चुनाव में पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं लेकिन चुनाव में स्थानीय मुद्दे गायब हैं. क्षेत्र के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं.
लोगों में स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजगी
चार विकासखंडों के इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा संख्या आदिवासियों की है और यहां के आदिवासी खेती-बाड़ी के भरोसे हैं. कांग्रेस के दीपक बैज विधायक रहे. जिसके बाद वे सांसद बने. लोगों में उनके खिलाफ नाराजगी साफ देखने को मिल रही है. दरअसल ग्रामीणों का कहना है कि हर बार चुनाव के दौरान नेता वादे तो बहुत करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर एक भी काम नहीं हो पाते. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में न तो सड़क है न ही बिजली.
मुलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे ग्रामीण
ग्रामीण महिलाओं से जब ETV भारत ने बात की तब ग्रामीणों ने कई समस्याएं गिनाई. ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें ना तो पेंशन मिलती है और ना ही उज्जवला गैस योजना का फायदा मिलता है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि राशन में चना, नमक और शक्कर भी नहीं मिलता है. हर बार शिकायत करने पर आश्वासन तो जरूर मिलता है लेकिन वादे पूरे नहीं होते. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि आज भी वो लोग बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं.