ETV Bharat / state

Protest of Mitanins in Raipur : नियमितिकरण की मांग पर मितानिनों का प्रदर्शन

चुनावी साल 2023 का हर कोई फायदा उठाना चाह रहा है. रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में प्रदर्शन और रैलियों का दौर भी नए साल से देखने को मिल रहा है. मंगलवार को राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन संघ ने अपनी एक सूत्रीय मांग नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. मितानिन संघ का कहना है कि मितानिन कार्यक्रम के अंतर्गत काम करने वाले सभी कार्यकर्ताओं को नियमितीकरण किया जाए.

Protest of Mitanins in Raipur
नियमितिकरण की मांग पर अड़े मितानिन
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 7:57 PM IST

नियमितिकरण की मांग पर अड़े मितानिन

रायपुर: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखकर ऐसा लगता है. मानो कोई मेला लगा हो. मंगलवार को भी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन और मितानिन प्रशिक्षक संघ नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. मितानिन प्रशिक्षक संघ ने कहा कि ''प्रदेश सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादा किया था. उसे आज तक पूरा नहीं किया है. सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार के प्रदर्शन के बाद भी इन्हें नियमित नहीं करती है. तो आने वाले दिनों में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन संघ के जिला स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.


चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा : गौरतलब हो कि मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, हेल्प डेस्क और शहरी मितानिन कार्यक्रम के सभी कार्यकर्ता पिछले 20 सालों से स्वास्थ्य को लेकर लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना काल के कठिन दौर में भी प्रदेश भर के मितानिनों ने पूरी समर्पण और सेवा भाव से स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता जैसे कार्य किए थे. बावजूद इसके प्रदेश सरकार इनकी मांगों को अनदेखा और अनसुना कर रही है.मितानिन संघ का कहना है कि ''प्रदेश सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव के चुनावी घोषणा पत्र में सभी मितानिन कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी. लेकिन सरकार बने 4 साल बीत चुके हैं बावजूद इन्हें ना ही नियमित किया गया है और ना ही हर महीने मानदेय के रूप में 5 हजार रुपए दिया जा रहा है.''

ये भी पढ़ें- रायपुर में विशेष शिक्षकों का प्रदर्शन


कितनी है मितानिनों की संंख्या : पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य मितानिन की संख्या लगभग 70 हज़ार 400 है. इसी तरह मितानिन प्रशिक्षक की संख्या पूरे प्रदेश में लगभग 3500 हैं. ब्लॉक समन्वयक और जिला समन्वयक की संख्या लगभग 450 है. इन लोगों को दवा वितरण का कार्य, संस्थागत प्रसव का कार्य, टीकाकरण का कार्य, परिवार भ्रमण का कार्य, मलेरिया रोको अभियान का कार्य, जन्म दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का कार्य, पल्स पोलियो अभियान का कार्य, गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी ले जाने का कार्य, नशा मुक्ति अभियान का कार्य, महिला हिंसा रोको अभियान का कार्य, गर्भवती माताओं की देखभाल करने का काम, दिव्यांग बच्चों को सहयोग करने का काम जैसे तमाम तरह के कार्य इन से करवाए जाते हैं.

नियमितिकरण की मांग पर अड़े मितानिन

रायपुर: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखकर ऐसा लगता है. मानो कोई मेला लगा हो. मंगलवार को भी बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन और मितानिन प्रशिक्षक संघ नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. मितानिन प्रशिक्षक संघ ने कहा कि ''प्रदेश सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादा किया था. उसे आज तक पूरा नहीं किया है. सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार के प्रदर्शन के बाद भी इन्हें नियमित नहीं करती है. तो आने वाले दिनों में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन संघ के जिला स्तर पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.


चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा : गौरतलब हो कि मितानिन, मितानिन प्रशिक्षक, ब्लॉक समन्वयक, स्वास्थ्य पंचायत समन्वयक, हेल्प डेस्क और शहरी मितानिन कार्यक्रम के सभी कार्यकर्ता पिछले 20 सालों से स्वास्थ्य को लेकर लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कोरोना काल के कठिन दौर में भी प्रदेश भर के मितानिनों ने पूरी समर्पण और सेवा भाव से स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता जैसे कार्य किए थे. बावजूद इसके प्रदेश सरकार इनकी मांगों को अनदेखा और अनसुना कर रही है.मितानिन संघ का कहना है कि ''प्रदेश सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव के चुनावी घोषणा पत्र में सभी मितानिन कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी. लेकिन सरकार बने 4 साल बीत चुके हैं बावजूद इन्हें ना ही नियमित किया गया है और ना ही हर महीने मानदेय के रूप में 5 हजार रुपए दिया जा रहा है.''

ये भी पढ़ें- रायपुर में विशेष शिक्षकों का प्रदर्शन


कितनी है मितानिनों की संंख्या : पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य मितानिन की संख्या लगभग 70 हज़ार 400 है. इसी तरह मितानिन प्रशिक्षक की संख्या पूरे प्रदेश में लगभग 3500 हैं. ब्लॉक समन्वयक और जिला समन्वयक की संख्या लगभग 450 है. इन लोगों को दवा वितरण का कार्य, संस्थागत प्रसव का कार्य, टीकाकरण का कार्य, परिवार भ्रमण का कार्य, मलेरिया रोको अभियान का कार्य, जन्म दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का कार्य, पल्स पोलियो अभियान का कार्य, गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी ले जाने का कार्य, नशा मुक्ति अभियान का कार्य, महिला हिंसा रोको अभियान का कार्य, गर्भवती माताओं की देखभाल करने का काम, दिव्यांग बच्चों को सहयोग करने का काम जैसे तमाम तरह के कार्य इन से करवाए जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.