रायपुर: छत्तीसगढ़ के सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अब प्राइवेट टीचर्स भी पढ़ा सकेंगे. प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के मुताबिक जिला कलेक्टरों की समिति जरुरत के मुताबिक सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्राइवेट टीचर्स की भी सेवाएं ले सकती है.
बता दें, इस साल से छत्तीसगढ़ में 40 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं. जहां एडमिशन 30 जून तक पूरे कर लेने के निर्देश पहले ही विभाग ने सभी कलेक्टरों और डीईओ को दे दिए हैं. इन स्कूलों में 15 जुलाई से वर्चुअल कक्षाएं लगनी है, ऐसे में इंग्लिश मीडियम स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जारी है. जानकारी के मुताबिक कई जगहों पर इंग्लिश मीडियम में पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में कलेक्टर के बनाए गए समिति को ये अधिकार होगा कि वे प्राइवेट टीचर्स की भी मदद ले सकें.
प्रवेश प्रक्रिया के लिए मापदण्ड निर्धारित
कक्षाएं शुरू होने के बाद प्राचार्य को वर्चुअल क्लास के लिए टाइम टेबल भी बनाने के लिए कहा गया है. अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक टाइम टेबल के अनुसार बच्चों को पढ़ाएंगे. साथ ही टाइम टेबल की व्हाट्सएप पर जानकारी दी जाएगी. अंग्रेजी माध्मय स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया के लिए कमेटी द्वारा मापदण्ड निर्धारित किया जाएगा. इसी के अनुसार बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा.
सिलेबस भी होंगे कम
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि इस बार एकेडमिक सत्र देर से शुरू होगा. इसलिए इस बार सिलेबस भी कम किए जाएंगे. वे जल्द एक बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में फैसला होगा कि किन-किन विषयों के सिलेबस को कम करना है. क्योंकि इस बार समय कम रहेगा इसलिए वे सिलेबस भी कम करने पर विचार कर रहे हैं.
लॉकडाउन और स्कूल शिक्षा
प्रदेश में लाखों बच्चे इन दिनों घर में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. सरकार ने इसके लिए पढ़ाई तुंहर दुआर नाम का एप बनाया है. प्राइवेट स्कूल भी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. बच्चों को आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे. वहीं कक्षा 1 से 8 के साथ 9वीं और 11वीं के बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया गया है. समाज कल्याण विभाग के संचालित सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त संस्थाओं के विशेष विद्यालयों के 9वीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी पास कर दिया गया है. अब आने वाले वक्त की बैठकें और प्रदेश में कोरोना का स्तर ही ये तय करेगा की बच्चे स्कूल कब जा सकेंगे.