रायपुर: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर जेल में बंद कैदियों पर भी देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन की वजह से जेलों में बंद कैदियों को उनके परिजनों और वकीलों से मिलने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में वे किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद रायपुर केंद्रीय जेल प्रशासन ने इन बंदियों की उनके परिजनों और वकीलों से बातचीत के लिए नया रास्ता निकाला.
अब जेल प्रबंधन प्रिजन कॉलिंग सिस्टम के जरिए जेलों में बंद कौदियों की बातचीत उनके परिवारवालों और वकीलों से करा रहा है. इसके लिए जेलों में एक सिस्टम लगाया गया है, साथ ही बंदियों का बायोमीट्रिक कार्ड भी बनाया जा रहा है. इस कार्ड में कैदियों के परिजन और वकीलों का नंबर फीड होता है. कार्ड को मशीन से टच करने पर स्क्रीन पर वह नंबर दिखता है और उस पर रिंग जाती है. जिसके बाद कैदी 5 मिनट तक अपने परिजनों या वकीलों से बात कर सकते हैं.
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कैदियों को दिया जा रहा 5 मिनट का समय
रायपुर केंद्रीय जेल के डीआईजी (DIG) केके गुप्ता ने बताया कि जेल में बंदियों को हफ्ते में दो बार 5-5 मिनट तक परिजनों से बात करने की सुविधा दी जा रही है. इसके लिए रायपुर में तीन और अन्य जेलों में बंद कैदियों की संख्या के आधार पर दो प्रिजन कॉलिंग मशीन लगाई गई है. प्रिजन कॉलिंग सिस्टम शुरू किए जाने के बाद जेल में बंद कैदियों और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है. अब लॉकडाउन के दौरान कैदी अपने परिजनों के पास गए बिना फोन पर बात कर हालचाल जान रहे हैं. इससे कैदियों के परिजनों को बार-बार जेल आने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है. साथ ही घंटों कतार में लगकर इंतजार करने से भी वे बच रहे हैं.