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portrait made with paddy in raipur: रायपुर की सुरभि वर्मा ने धान से तैयार किया चित्र, धान से चित्रकारी कैसे होती है जानिए ? - छत्तीसगढ़ में धान की हजारों किस्में

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और छत्तीसगढ़ में धान की हजारों किस्में पाई जाती है. छत्तीसगढ़ में जहां त्योहारों के दौरान पूजा अर्चना में धान का इस्तेमाल होता है. तो वहीं दाल और चावल से तरह तरह की चीजें बनाई जाती हैं. लेकिन आज हम आपको धान के एक अलग ही स्वरूप को दिखाने जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली सुरभि वर्मा धान के जरिए पोट्रेट तैयार (पेटिंग) कर रही है.Paddy painting by Surabhi Verma

portrait made with paddy in raipur
धान से तैयार की पोट्रेट
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Published : Feb 13, 2023, 8:51 PM IST

सुरभि वर्मा ने धान से तैयार की पोट्रेट

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली सुरभि वर्मा धान से बनी पेंटिंग (पोट्रेट) तैयार कर रही हैं. इनकी इस कला को बेहद सराहना मिल रही है. सुरभि अपनी वीडियो शॉर्ट्स में धान के अलग-अलग किस्मों का इस्तेमाल करती हैं और एक सुंदर तस्वीर बनाती है. ईटीवी भारत ने आर्टिस्ट सुरभि वर्मा से खास बातचीत की...


सवाल: धान का इस्तेमाल कर आप पोट्रेट बना रहे हैं, इसकी शुरुआत आपने कब से की?
जवाब: मैंने इस साल अक्ती त्यौहार से धान से पोट्रेट बनाने की शुरुआत की. जो पहला पोट्रेट मैंने तैयार किया था वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था. जब वे हमारे विश्वविद्यालय आए थे, तब मैंने धान से बना पोट्रेट मुख्यमंत्री को गिफ्ट किया था. वहीं से इस आर्ट की शुरुआत हुई.


सवाल: आप अलग अलग आर्ट फॉर्म में काम कर रही हैं, लेकिन धान से ही पोट्रेट बनाने का आइडिया कैसे आया?
जवाब: आर्टिस्ट लोगों के माइंड में क्रिएटिविटी बहुत होती है. आर्टिस्ट को अपनी अलग आईडेंटिटी शो करनी होती है, मैं एग्रीकल्चर स्टूडेंट हूं . इसलिए मैंने आर्ट और एग्रीकल्चर को कंबाइन किया. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है छत्तीसगढ़ में लगभग 23500 धान की किस्म है. पूरे एशिया में छत्तीसगढ़ लीडिंग में है तो क्यों ना उसे आर्ट में जोड़ा जाए, मैंने यह सोचकर इसकी शुरुआत की और धान में अलग-अलग नेचुरल कलर होते हैं उस कलर के धान को लिया उसके बाद मैंने पोट्रेट करने की शुरुआत की..


सवाल: पेंटिंग तैयार करने में कितने धान की किस्मों का इस्तेमाल करती हैं?
जवाब: मेरे पास अभी 20 वैरायटी के धान हैं और एक चेहरे के शेड्स के लिए 20 किस्मों के धान पर्याप्त है. इसका इस्तेमाल कर नेचुरली हम फेस कवर कर सकते हैं. जब मैं पोट्रेट तैयार करती हूं, तो ध्यान इस बात का रहता है कि कहां लाइट और डार्क शेड का इस्तेमाल करना है.


सवाल: पोट्रेट तैयार करने में कितना वक्त लगता है?
जवाब: पोट्रेट तैयार करने में काफी वक्त लग जाता है. एक एक धान का अरेंजमेंट एक लाइन पर होना चाहिए, इसके लिए 7 घण्टे का समय लगता है. पहले एक पेंटिंग बनाई जाती है, उसमें धान के एक एक दाने को चिपकाया जाता है.

सवाल: धान से पोट्रेट बनाने की शुरुआत अपने की है या छत्तीसगढ़ में कोई और भी इस आर्ट फॉर्म में काम कर रहा है?
जवाब: मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है, ऐसा किसी का वर्क भी नहीं देखा है. लेकिन अभी मेरे पास पोट्रेट बानने के लिए बहुत से ऑर्डर आ रहे हैं. यह अपने आपमें यूनिक है. इसलिए इसी पर मैं काम कर रही हूं.

सवाल: आपने अब तक कितने लोगों की पोट्रेट तैयार की है?

जवाब: शुरुआत मैंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पोट्रेट से की. उसके बाद गर्वनर अनुसुइया उइके, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर के अलावा मैंने कई लीडर और अधिकारियों के पोर्ट्रेट बनाए हैं.


सवाल: आने वाले दिनों में आप और नया क्या करने वाली है?
जवाब: साल 2023 इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर है. मिलेट्स हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. कोदो कुटकी और रागी हमारे लिए बेहद फायदेमंद है. इसकी जानकारी भी लोगों को अभी हो रही है. आने वाले दिनों में मैं मिलेट्स के जरिए आर्ट वर्क करने की कोशिश करूंगी. मिलेट्स के सीड्स बहुत छोटे होते हैं, लेकिन मैं आगे चलकर मिलेट्स से आर्ट वर्क तैयार करूंगी. मुझे उम्मीद है कि वह भी सभी को पसंद आएगा.

सुरभि वर्मा ने धान से तैयार की पोट्रेट

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की रहने वाली सुरभि वर्मा धान से बनी पेंटिंग (पोट्रेट) तैयार कर रही हैं. इनकी इस कला को बेहद सराहना मिल रही है. सुरभि अपनी वीडियो शॉर्ट्स में धान के अलग-अलग किस्मों का इस्तेमाल करती हैं और एक सुंदर तस्वीर बनाती है. ईटीवी भारत ने आर्टिस्ट सुरभि वर्मा से खास बातचीत की...


सवाल: धान का इस्तेमाल कर आप पोट्रेट बना रहे हैं, इसकी शुरुआत आपने कब से की?
जवाब: मैंने इस साल अक्ती त्यौहार से धान से पोट्रेट बनाने की शुरुआत की. जो पहला पोट्रेट मैंने तैयार किया था वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था. जब वे हमारे विश्वविद्यालय आए थे, तब मैंने धान से बना पोट्रेट मुख्यमंत्री को गिफ्ट किया था. वहीं से इस आर्ट की शुरुआत हुई.


सवाल: आप अलग अलग आर्ट फॉर्म में काम कर रही हैं, लेकिन धान से ही पोट्रेट बनाने का आइडिया कैसे आया?
जवाब: आर्टिस्ट लोगों के माइंड में क्रिएटिविटी बहुत होती है. आर्टिस्ट को अपनी अलग आईडेंटिटी शो करनी होती है, मैं एग्रीकल्चर स्टूडेंट हूं . इसलिए मैंने आर्ट और एग्रीकल्चर को कंबाइन किया. छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है छत्तीसगढ़ में लगभग 23500 धान की किस्म है. पूरे एशिया में छत्तीसगढ़ लीडिंग में है तो क्यों ना उसे आर्ट में जोड़ा जाए, मैंने यह सोचकर इसकी शुरुआत की और धान में अलग-अलग नेचुरल कलर होते हैं उस कलर के धान को लिया उसके बाद मैंने पोट्रेट करने की शुरुआत की..


सवाल: पेंटिंग तैयार करने में कितने धान की किस्मों का इस्तेमाल करती हैं?
जवाब: मेरे पास अभी 20 वैरायटी के धान हैं और एक चेहरे के शेड्स के लिए 20 किस्मों के धान पर्याप्त है. इसका इस्तेमाल कर नेचुरली हम फेस कवर कर सकते हैं. जब मैं पोट्रेट तैयार करती हूं, तो ध्यान इस बात का रहता है कि कहां लाइट और डार्क शेड का इस्तेमाल करना है.


सवाल: पोट्रेट तैयार करने में कितना वक्त लगता है?
जवाब: पोट्रेट तैयार करने में काफी वक्त लग जाता है. एक एक धान का अरेंजमेंट एक लाइन पर होना चाहिए, इसके लिए 7 घण्टे का समय लगता है. पहले एक पेंटिंग बनाई जाती है, उसमें धान के एक एक दाने को चिपकाया जाता है.

सवाल: धान से पोट्रेट बनाने की शुरुआत अपने की है या छत्तीसगढ़ में कोई और भी इस आर्ट फॉर्म में काम कर रहा है?
जवाब: मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है, ऐसा किसी का वर्क भी नहीं देखा है. लेकिन अभी मेरे पास पोट्रेट बानने के लिए बहुत से ऑर्डर आ रहे हैं. यह अपने आपमें यूनिक है. इसलिए इसी पर मैं काम कर रही हूं.

सवाल: आपने अब तक कितने लोगों की पोट्रेट तैयार की है?

जवाब: शुरुआत मैंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पोट्रेट से की. उसके बाद गर्वनर अनुसुइया उइके, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर के अलावा मैंने कई लीडर और अधिकारियों के पोर्ट्रेट बनाए हैं.


सवाल: आने वाले दिनों में आप और नया क्या करने वाली है?
जवाब: साल 2023 इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर है. मिलेट्स हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. कोदो कुटकी और रागी हमारे लिए बेहद फायदेमंद है. इसकी जानकारी भी लोगों को अभी हो रही है. आने वाले दिनों में मैं मिलेट्स के जरिए आर्ट वर्क करने की कोशिश करूंगी. मिलेट्स के सीड्स बहुत छोटे होते हैं, लेकिन मैं आगे चलकर मिलेट्स से आर्ट वर्क तैयार करूंगी. मुझे उम्मीद है कि वह भी सभी को पसंद आएगा.

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