रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बदलाव की बात को लेकर कहा कि "हाईकमान के ऊपर है कि चुनाव की क्या स्थिति को आंक रहे हैं. पार्टी के हित में बेस्ट क्या होगा. कई लोगों की सोच होगी कि अब बदलाव नहीं होना चाहिए. कुछ लोग सोचेंगे कि कुछ चेंज करके भी देखो, अगर कोई उससे और अच्छा हो सकता है. मैंने तो कुछ सीनियर मंत्रियों को यह कहते हुए देखा कि इस बार 75 पार वाली बात है, तो अगर स्थिति इतनी अच्छी है कि हम पिछले बार से ज्यादा सीट जीत रहे हैं, तो बदलाव का औचित्य समझ नहीं आ रहा है.
टीएस सिंहदेव ने बदलाव को बताया गलत: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि "अगर हम टाइट हैं कि हार जीत का संघर्ष चल रहा है, तो बदलाव की बात सामान्य रूप से होती है. अगर हम इतने विश्वस्त हैं और यह बात सभी लोग कहते हैं कि कांग्रेस की सरकार बन रही है और कुछ सीनियर लोग कहते हैं 75 पार, तो फिर सब बढ़िया है. जो टीम अच्छा काम कर रही है, फिर बदलना क्यों?"
क्यों हो रही है इस पर चर्चा: सीएम बघेल राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर शुक्रवार को राजधानी लौटे. इस दौरान उन्होंने बदलाव के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि "राष्ट्रीय अधिवेशन में यह प्रस्ताव पास आया कि अध्यक्ष के चुनाव के बाद जितनी भी कमेटियां हैं, जो सीडब्ल्यूसी है. वह समाप्त होगा. उसकी जगह हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने स्टीयरिंग कमिटी बनाई. उसमें हम लोग भी विशेष आमंत्रित थे, तो यहां जो रायपुर में राष्ट्रीय महाधिवेशन हुआ. उसमें चुनाव होना था और सभी सदस्यों ने यह कहा कि अध्यक्ष को यह अधिकार दे दिया जाना चाहिए, तो अधिकार अपने अध्यक्ष के पास है."
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"सारी नियुक्तियां अभी दिल्ली स्तर पर": मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा "निकट भविष्य में उसमें सीडब्ल्यूसी के मेंबर के सिलेक्शन होने हैं. उसमें अनुसूचित जाति, जनजाति है, पिछड़े वर्ग हैं, महिला है, नौजवान हैं. इन सब का समावेश होगा. इस मामले में मैंने ही अध्यक्ष जी को निवेदन किया कि इसको जल्द किया जाए, तो संगठन में इसे होना ही है. उसके बाद फिर महामंत्री की नियुक्ति होनी है. सारी नियुक्तियां अभी दिल्ली स्तर पर है. फिर प्रदेशों मे होगी, तो वह चर्चा मैंने अध्यक्ष जी से की है."
दिग्गज नेताओं में एक मत नहीं: प्रदेश संगठन में बदलाव को लेकर सीएम के बयान के बाद पार्टी में हलचल तेज हो गई है. वहीं प्रदेश कांग्रेस में मोहन मरकाम की दोबारा ताजपोशी के लिए दिग्गज नेता एकमत नजर नहीं आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि संगठन में दो कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति का भी सुझाव आया है. चर्चा यह भी है कि हाईकमान चुनाव में जाने से पहले किसी तरह की टकराहट रोकने के लिए तमाम विकल्पों पर विचार कर रहा है. इसमें प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा की राय काफी अहम होगी. हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति करने वाले हैं. कुछ राज्यों में नियुक्ति हो गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अधिवेशन की वजह से संगठन में किसी तरह का बदलाव का फैसला टाल दिया गया था.