रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर भगवान राम और कृष्ण पर सियासत तेज हो गई है. अरुण साव ने बीते दिनों एक बयान दिया था. जिस पर घमासान मच गया है. इस बयान में अरुण साव ने कहा था कि "भगवान राम और कृष्ण सबके हैं लेकिन कांग्रेस के नहीं है. कांग्रेस ने भगवान राम को काल्पनिक बताया था. अयोध्या में मस्जिद बनाने का वादा किया था. राम सेतु को भी कांग्रेस ने काल्पनिक बताया था." कांग्रेस ने अरुण साव के इस बयान को आधार बनाकर उन्हें नोटिस भेजा है. बीजेपी अब इस नोटिस का जवाब देने की बात कह रही है. BJP respond Congress notice to Arun Sao
बीजेपी ने अरुण साव के बयान का किया समर्थन: कांग्रेस के भेजे गए नोटिस को लेकर भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि " भगवान राम के बारे में कांग्रेस की अवधारणा और कांग्रेस की सोच के संबंध में जो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है वह पूरी तरह सत्य है. कांग्रेस ने भगवान राम के अस्तित्व को हलफनामा देकर नकारा था. कांग्रेस ने हमें जो लीगल नोटिस दिया हैं. उसको हम हर लेवल तक फेस करने को तैयार हैं. कांग्रेस की इन बातों को जनता के सामने लाकर हम उनके कृत्यों को दिखाएंगे. कांग्रेस मूल रूप से देश की सभ्यता संस्कृति के प्रति दुर्भावना रखती है. कांग्रेस हमारे इतिहास को भुलाना चाहती है. भारतीय इतिहास में जिन लोगों ने अपने योगदान दिए हैं उसको इग्नोर कर जो आक्रांताओं ने इतिहास बनाया है उसको बताना चाहती है "
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कांग्रेस ने अरुण साव से 15 दिन में मांगा जवाब: छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को यह नोटिस मिल चुका है. कांग्रेस ने अरुण साव के उस बयान पर यह नोटिस दिया है. जो 20 अगस्त 2022 को कई अखबारों और समाचार पत्रों में छपा था. कांग्रेस का आरोप है कि अरुण साव के इस बयान के जरिए अखबारों में छपा था कि "भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण निसंदेह सबके हैं.लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते. मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि, उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बक़ायदा हलफनामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था. ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था. जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था.”