रायपुर : विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें जमीन पर लगने वाले शुल्क कम करने का फैसला लिया गया है. ये मूल्य बाजार मूल्य से 30% कम होंगे. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि इससे निचले तबके के लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. वहीं रियल स्टेट व्यापारी का भी मानना है कि इससे आम लोगों को खास फायदा नहीं होगा.
प्रवक्ता गौरीशंकर ने कहा कि इसका लाभ न ही निचले तबके के लोगों को मिलेगा और न ही हाईप्रोफाइल लोगों को. उन्होंने कहा कि जमीन के मूल्यों में 30% शुल्क घटाने की बात कह रहे हैं, लेकिन बिल्डर्स अपनी मनमानी करते रहते हैं. क्या उसके रोकथाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है? आज भी जमीन कम दाम में खरीदा कर उससे कहीं ज्यादा दाम पर बेचा जाता है.
रियल स्टेट के व्यापारी का कहना है
मामले में रियल स्टेट के व्यापारी विकास अग्रवाल का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता को लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि इस पर स्टैंप ड्यूटी बढ़ा दी गई, जो पहले 6% थी वह अब 10% कर दी गई. इससे घर, दुकान, मकान खरीदने वालों को लाभ नहीं होगा. रियल एस्टेट दो तरीके का होता है. प्रायमरी और सेकंडरी प्राइमरी में दुकान, मकान जैसी चीजें आती है. वही सेकंडरी में ओपन लैंड आते हैं. ओपन लैंड में इसका फायदा जरूर होगा. आम जनता जिन्हें घर, दुकान खरीदना है, उसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. उसे 25 लाख का भुगतान करना होगा.
जमीन की कीमतों पर लगने वाले शुल्क
बता दें कि विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में पंजीयन में आई कमी को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब जमीन पर लगने वाले पंजीयन शुल्क कम कर दिए गए हैं. यह मूल्य यह बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम होंगे. इस पर सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं आम लोगों के जमीन और मकानों का पंजीयन हो जाएगा. साथ ही जमीन के व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी.