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आम लोगों को नहीं मिलेगा जमीन रजिस्ट्री शुल्क में कमी का लाभ : भाजपा - जमीन को लेकर राज्य सरकार का फैसला

राज्य सरकार ने जमीन पर लगने वाले शुल्क कम करने का फैसला लिया है. इस फैसले पर भाजपा कटाक्ष करते नजर आ रहें है तो वहीं दूसरी तरफ व्यापारी भी इस फैसले से खुश नहीं है.

प्रवक्ता गौरीशंकर
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Published : Jul 20, 2019, 10:20 PM IST

रायपुर : विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें जमीन पर लगने वाले शुल्क कम करने का फैसला लिया गया है. ये मूल्य बाजार मूल्य से 30% कम होंगे. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि इससे निचले तबके के लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. वहीं रियल स्टेट व्यापारी का भी मानना है कि इससे आम लोगों को खास फायदा नहीं होगा.

जमीन रजिस्ट्री शुल्क में कमी पर भाजपा का कटाक्ष

प्रवक्ता गौरीशंकर ने कहा कि इसका लाभ न ही निचले तबके के लोगों को मिलेगा और न ही हाईप्रोफाइल लोगों को. उन्होंने कहा कि जमीन के मूल्यों में 30% शुल्क घटाने की बात कह रहे हैं, लेकिन बिल्डर्स अपनी मनमानी करते रहते हैं. क्या उसके रोकथाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है? आज भी जमीन कम दाम में खरीदा कर उससे कहीं ज्यादा दाम पर बेचा जाता है.

रियल स्टेट के व्यापारी का कहना है
मामले में रियल स्टेट के व्यापारी विकास अग्रवाल का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता को लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि इस पर स्टैंप ड्यूटी बढ़ा दी गई, जो पहले 6% थी वह अब 10% कर दी गई. इससे घर, दुकान, मकान खरीदने वालों को लाभ नहीं होगा. रियल एस्टेट दो तरीके का होता है. प्रायमरी और सेकंडरी प्राइमरी में दुकान, मकान जैसी चीजें आती है. वही सेकंडरी में ओपन लैंड आते हैं. ओपन लैंड में इसका फायदा जरूर होगा. आम जनता जिन्हें घर, दुकान खरीदना है, उसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. उसे 25 लाख का भुगतान करना होगा.

जमीन की कीमतों पर लगने वाले शुल्क
बता दें कि विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में पंजीयन में आई कमी को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब जमीन पर लगने वाले पंजीयन शुल्क कम कर दिए गए हैं. यह मूल्य यह बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम होंगे. इस पर सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं आम लोगों के जमीन और मकानों का पंजीयन हो जाएगा. साथ ही जमीन के व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी.

रायपुर : विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें जमीन पर लगने वाले शुल्क कम करने का फैसला लिया गया है. ये मूल्य बाजार मूल्य से 30% कम होंगे. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि इससे निचले तबके के लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. वहीं रियल स्टेट व्यापारी का भी मानना है कि इससे आम लोगों को खास फायदा नहीं होगा.

जमीन रजिस्ट्री शुल्क में कमी पर भाजपा का कटाक्ष

प्रवक्ता गौरीशंकर ने कहा कि इसका लाभ न ही निचले तबके के लोगों को मिलेगा और न ही हाईप्रोफाइल लोगों को. उन्होंने कहा कि जमीन के मूल्यों में 30% शुल्क घटाने की बात कह रहे हैं, लेकिन बिल्डर्स अपनी मनमानी करते रहते हैं. क्या उसके रोकथाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है? आज भी जमीन कम दाम में खरीदा कर उससे कहीं ज्यादा दाम पर बेचा जाता है.

रियल स्टेट के व्यापारी का कहना है
मामले में रियल स्टेट के व्यापारी विकास अग्रवाल का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता को लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि इस पर स्टैंप ड्यूटी बढ़ा दी गई, जो पहले 6% थी वह अब 10% कर दी गई. इससे घर, दुकान, मकान खरीदने वालों को लाभ नहीं होगा. रियल एस्टेट दो तरीके का होता है. प्रायमरी और सेकंडरी प्राइमरी में दुकान, मकान जैसी चीजें आती है. वही सेकंडरी में ओपन लैंड आते हैं. ओपन लैंड में इसका फायदा जरूर होगा. आम जनता जिन्हें घर, दुकान खरीदना है, उसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. उसे 25 लाख का भुगतान करना होगा.

जमीन की कीमतों पर लगने वाले शुल्क
बता दें कि विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में पंजीयन में आई कमी को देखते हुए सरकार ने अहम फैसला लिया है. अब जमीन पर लगने वाले पंजीयन शुल्क कम कर दिए गए हैं. यह मूल्य यह बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम होंगे. इस पर सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वहीं आम लोगों के जमीन और मकानों का पंजीयन हो जाएगा. साथ ही जमीन के व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी.

Intro:रायपुर । शुक्रवार की शाम विधानसभा में हुई कैबिनेट की बैठक में कहीं अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई लेकिन इस कैबिनेट की बैठक में तीन महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए


Body:सबसे महत्वपूर्ण फैसले के रूप में जिसे देखा जा रहा है वह है जमीन के पंजीयन में जमीन की कीमतों में लगने वाले शुल्क में भारी कमी की गई है अब यह बाजार मूल्य से 30% की कमी होगी इसे प्रदेश में जमीन के व्यवसाय बढ़ोतरी होने की संभावनाएं देखी जा रही है । सरकार ने या फैसला अब तक जमीन के पंजीयन में आई कमी को देखते हुए लिया है पंजीयन बढ़ने से जहां सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी वहीं आम लोगों को इसके कारण जमीन और मकानों पंजीयन हो जाएगा ।

इस पूरे मामले पर रिले रियल स्टेट के व्यापारी विकास अग्रवाल का कहना है कि सरकार के इस फैसले से आम जनता को लाभ नहीं होने वाला क्योंकि इस स्टैंप ड्यूटी बढ़ा दी गई है इस स्टैम्प ड्यूटी जो पहले 6% थी वह अब 10% कर दी गई है जिससे कि घर दुकान मकान खरीदने वालों को इसका लाभ नहीं होगा रियल एस्टेट दो तरीके का होता है प्रायमरी ओर सेकेंडरी प्राइमरी में दुकान मकान जैसी चीजें आती है वही सेकेंडरी में ओपन लैंड आते हैं ओपन लैंड में इसका फायदा जरूर होगा लेकिन आम जनता जैसे घर खरीदना है जैसे दुकान खरीदना है उसको इसका लाभ नहीं होगा उसे 2500000 का 2500000 ही भुगतान करना होगा

इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि इसका लाभ निचले तबके के लोगों को मिलेगा और ना ही हाईप्रोफाइल लोगों को आप तीस परसेंट घटाने की बात कर रहे हैं लेकिन बिल्डर्स अपनी मनमानी करते रहते हैं क्या उसके रोकथाम के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है आज भी जमीन पर कितने दाम में खरीदा गया है उससे कहीं ज्यादा दाम में बेचा जाता है ।


Conclusion:बाइट - विकास अग्रवाल

बाइट - गौरीशंकर श्रीवास

( गौरीशंकर श्रीवास की बाइट अलग से भेजी गई है । )
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