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रायपुर: धरसींवा में दो परिवारों के बीच हुए खूनी संघर्ष में पुलिस ने कोर्ट में पेश किया चालान

रायपुर में 11 अक्टूबर को की रात को दो परिवारों को बीच हुई चाकूबाजी की घटना को लेकर पुलिस ने चालान पेश किया है.

dharsiwa murder news
चाकू बाजी की घटना
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Published : Nov 8, 2020, 9:42 AM IST

रायपुर: धरसींवा पुलिस ने 11 अक्टूबर की रात को दो परिवारों को बीच हुई चाकू बाजी की घटना का चालान पेश किया है. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए चालान पेश कोर्ट में कर दिया. सरपंच वहीदा सुल्ताना ने अपना आवेदन जमानत के लिए लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.

घटना 11 अक्टूबर की है, जहां पांडेय परिवार पर जानलेवा हमला कर चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसमें सरपंच सुल्ताना वहीदा, उपसरपंच साहिल खान और अन्य की गिरफ्तारी कर रिमांड पर जेल भेजे गए थे. लेकिन अब तक पुलिस ने वारदात में शामिल शेष आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था. जिसके बाद पांडेय परिवार दहशत के साये में दिन गुजार रहे थे. घटना की रात धरसींवा की भाटापारा पुलिस छावनी में तब्दील हो गया थी. तीन दिन घर के बाहर सुरक्षा में पुलिस तैनात रही अब पुलिस सुरक्षा भी हटा लिया है.

पढ़ें- बलरामपुर: कोरोना कवच के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार


राजनीतिक दबाव के कारण जल्द पेश हुआ चालान

धरसींवा की सरपंच सुल्ताना वहीदा महिला कांग्रेस की सक्रिय महिला पदाधिकारी भी है. वहीं धरसींवा का उपसरपंच साहिल खान धरसींवा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का सचिव है.
जिन धारा 307 धाराओं के तहत उन्हें रिमांड पर जेल गया है उसके लिए 90 दिन का समय चालान पेश करने के लिए होता है, लेकिन जानकारी के मुताबिक राजनीतिक दबाव के चलते धरसींवा पुलिस ने 30 दिन के पहले की चालान पेश कर दिया. जिसे लेकर लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

रायपुर: धरसींवा पुलिस ने 11 अक्टूबर की रात को दो परिवारों को बीच हुई चाकू बाजी की घटना का चालान पेश किया है. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए चालान पेश कोर्ट में कर दिया. सरपंच वहीदा सुल्ताना ने अपना आवेदन जमानत के लिए लगाई थी लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.

घटना 11 अक्टूबर की है, जहां पांडेय परिवार पर जानलेवा हमला कर चाकूबाजी की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसमें सरपंच सुल्ताना वहीदा, उपसरपंच साहिल खान और अन्य की गिरफ्तारी कर रिमांड पर जेल भेजे गए थे. लेकिन अब तक पुलिस ने वारदात में शामिल शेष आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था. जिसके बाद पांडेय परिवार दहशत के साये में दिन गुजार रहे थे. घटना की रात धरसींवा की भाटापारा पुलिस छावनी में तब्दील हो गया थी. तीन दिन घर के बाहर सुरक्षा में पुलिस तैनात रही अब पुलिस सुरक्षा भी हटा लिया है.

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राजनीतिक दबाव के कारण जल्द पेश हुआ चालान

धरसींवा की सरपंच सुल्ताना वहीदा महिला कांग्रेस की सक्रिय महिला पदाधिकारी भी है. वहीं धरसींवा का उपसरपंच साहिल खान धरसींवा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का सचिव है.
जिन धारा 307 धाराओं के तहत उन्हें रिमांड पर जेल गया है उसके लिए 90 दिन का समय चालान पेश करने के लिए होता है, लेकिन जानकारी के मुताबिक राजनीतिक दबाव के चलते धरसींवा पुलिस ने 30 दिन के पहले की चालान पेश कर दिया. जिसे लेकर लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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