रायपुर : प्रदेश के कई जिलों से लगातार ये खबरे आ रहीं थी कि खुले में रखे होने की वजह से धान भीग कर खराब हो रहा है. अनाज को सुरक्षित रखने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिया है कि धान को बारिश और बर्बाद होने से बचाने के लिए पक्के चबूतरों और शेडों का निर्माण कराया जाए.
भूपेश बघेल ने कृषि और सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत चबूतरों का निर्माण कराया जाए और मंडी बोर्ड से शेडों का निर्माण किया जाए. मनरेगा के तहत काम कराने से मजदूरों को रोजगार भी मिल जाएगा, जिससे उनकी रोजी-रोटी का इंतजाम होगा.
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सीएम बघेल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव आर.पी.मंडल ने प्रदेश के धान उपार्जन केंद्रों में पक्के चबूतरो और शेड के निर्माण के निर्देश जारी कर दिए हैं. प्रदेश के सभी धान उपार्जन केंद्रों में जल्द ही पक्के चबूतरे और शेड निर्माण की प्रकिया शुरू हो जाएगी.
बिलाईगढ़ में बारिश में भीग गया था धान
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों का एक-एक दाना खरीदने का वादा किया था. वहीं मंडी में धान सुरक्षित रहे, इसके लिए भी करोड़ों रुपये खर्च कर किए थे. लेकिन बिलाईगढ़ में बारिश में सैकड़ों बोरा धान भीग कर खराब हो गया. दूसरी तरफ मंडी के रख-रखाव के लिए जो मंडी समिति बनाई गई थी, वो अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ती नजर आई थी.
बधुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री का लिए इस फैसले से किसानों को बहुत राहत मिलेगी. प्रदेश का अन्नदाता लॉकडाउन होने की वजह से पहले ही बहुत परेशानी झेल रहा है. ऐसे में बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी थी.