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कोरोना काल में साइकिल बनी इम्यूनिटी बूस्ट करने की 'मेडिसिन' !

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Published : Dec 28, 2020, 10:39 PM IST

आज की चकाचौंध भरी दुनिया में साइकलिंग का क्रेज काफी पीछे छूटते जा रहा था, लेकिन कोरोना की दस्तक से फिर लोगों ने साइकिल का हैंडिल हाथो में थामा लिया है. पैडल पर पैरों को रखा है. फिर सड़कों पर साइकिल दौड़ाने लगी है. कोरोना काल के बीच लोग इम्यूनिटी पावर बढ़ा रहे हैं. स्वस्थ रहने की कोशिश कर रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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कोरोना काल में साइकिल बनी इम्यूनिटी बूस्ट करने की 'मेडिसिन' !

रायपुर: साइकिल चलाना अपने शरीर को फिट रखने का एक सबसे असरदार तरीका है. साइकिल चलाने से हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और शुगर जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. राजधानी में पिछले 8 महीने से साइकिल चलाने वाले लोगों की तादाद दोगुनी हो चुकी है. कोरोना के मद्देनजर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो दोबारा साइकिलिंग करना शुरू किए हैं. इसमें बच्चे, बूढ़े और जवान भी शामिल हैं. साइकलिंग का क्रेज बढ़ता हुआ दिख रहा है. सुबह से सड़कों पर साइकिल दौड़ रही है.

पढ़ें: SPECIAL: कहीं 'किस्सा' न बन जाए साइकल रिक्शा, सवारियों के बिना पेट पालना मुश्किल


साइकिल चलाना स्वास्थ्य के लिए एक बहुत अच्छा उपाय है. यह जानने के बावजूद बहुत से लोग एक उम्र के बाद साइकिल चलाना बंद कर देते हैं. कोरोना ने लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता काफी बढ़ा दी है. कोरोना के मद्देनजर लोग अब अपने स्वास्थ्य के बारे में जानने और समझने लगे हैं. स्वस्थ रहने के लिए साइकलिंग को तवज्जो दिया जा रहा है. मॉर्निंग में वीआईपी रोड और नया रायपुर में बहुत से जवान, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं साइकिल चलाते दिख रही हैं.

People started cycling due to increased health problems in corona virus in raipur
साइकलिंग की ओर बढ़ रहे लोग

पढ़ें: चेन्नई के छात्र ने बनाई सोलर साईकिल, जानें खासियत

ETV भारत की टीम सुबह से साइकिल चलाने वालों से बातचीत की. इंजीनियर राम नारायण मिश्रा ने बताया कि मेरी उम्र 66 साल की है. उन्होंने कहा, साइकिल तो हमारा एक महत्वपूर्ण अंग रहा है. बचपन में हमारे लिए साइकिल ही एक साधन हुआ करती थी. कहीं भी आने-जाने के लिए, जब हम बड़े हुए पढ़ लिखकर इंजीनियर बने तब काफी संसाधन आए. इस वजह से हमसे साइकिल छूट गई.

People started cycling due to increased health problems in corona virus in raipur
कोरोना की दस्तक के बाद फिर बढ़ा साइकलिंग का क्रेज

साइकिल चलाना दौड़ने और चलने से ज्यादा अच्छा एक्सरसाइज

नारायण मिश्रा ने बताया एक अच्छे पोस्ट में थे, तो हमने मोटरसाइकिल और कार का उपयोग का किया. एक समय ऐसा आया जब शरीर ज्यादा भारी होने लगा. चलने फिरने में मुश्किलें आने लगी. 1 साल पहले ही मैंने अपने घुटने का ऑपरेशन कराया है. ऑपरेशन के बाद भारी शरीर के साथ चलना बहुत मुश्किल साबित हो रहा था. दोबारा साइकिल की तरफ मैंने रुख किया. साइकिल चलाना दौड़ने और चलने से ज्यादा अच्छा एक्सरसाइज है. मैं अपने कैंपस में आधा पौन घंटा साइकिल चलाता हूं.

साइकिल के साथ जुड़ी अच्छी यादें
इस दौरान उन्होंने पुरानी यादें भी साझा की. उन्होंने कहा साइकिल के साथ मेरी बहुत अच्छी यादें जुड़ी हुई है. जब मेरी शादी हुई थी, तब अपनी पत्नी के साथ अमरकंटक गए थे. हम पेंड्रा रोड पर उतरे, उस समय कोई भी साधन नहीं था. अमरकंटक घूमने के लिए दो साइकिल किराये पर ली. अमरकंटक अपनी पत्नी के साथ साइकिल में घूमा. ये सब यादें याद कर हमें बहुत खुशी होती है.

साइकिलिंग को दिनचर्या में शामिल करने की अपील
विनोद पांडे ने बताया कि साइकिलिंग मेरे हिसाब से एक काफी अच्छा अनुभव है. कोरोना वायरस के कारण घर में रह रह कर हर व्यक्ति उब गया है. एक मानसिक तनाव भी आ गया है. साइकिल मेरे हिसाब से शरीर के लिए और मस्तिष्क के लिए काफी जरूरी है. जब हम साइकिल चलाते हैं, तो मन भी खुश रहता है. शरीर भी स्वस्थ रहता है. मेरा यह कहना है कि साइकिलिंग को आप अपने दिनचर्या में शामिल करें. अपने घर के छोटे-मोटे काम साइकिल से करें. इससे वातावरण भी शुद्ध रहेगा. शरीर भी स्वस्थ रहेगा.

साइकिल चलाते वक्त सेफ्टी का ध्यान रखें
एडिशनल चीफ इंजीनियर संदीप गुप्ता ने बताया मुझे लगभग 5 साल हो गए हैं. स्वास्थ्य के लिए साइकिलिंग काफी अच्छे फायदे हैं. थोड़ी एक्सरसाइज भी हो जाती है. डेली हम 20 से 30 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं. साइकिल चलाते वक्त सेफ्टी का ध्यान रखना भी काफी जरूरी होता है. सेफ्टी का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है. इस वजह से हेलमेट और गार्ड पहनना बहुत जरूरी है.

साइकिल चलाने के फायदे:-

  • साइकिल चलाने से बीमारियां दूर भागती हैं
  • दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम
  • धड़कन तेज होती है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है.
  • साइकिल चलाने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है.
  • साइकिल से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  • रोजाना साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है.
  • साइकिल व्यायाम जितना फायदा पहुंचाती है.

रायपुर: साइकिल चलाना अपने शरीर को फिट रखने का एक सबसे असरदार तरीका है. साइकिल चलाने से हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और शुगर जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. राजधानी में पिछले 8 महीने से साइकिल चलाने वाले लोगों की तादाद दोगुनी हो चुकी है. कोरोना के मद्देनजर बहुत से ऐसे लोग हैं, जो दोबारा साइकिलिंग करना शुरू किए हैं. इसमें बच्चे, बूढ़े और जवान भी शामिल हैं. साइकलिंग का क्रेज बढ़ता हुआ दिख रहा है. सुबह से सड़कों पर साइकिल दौड़ रही है.

पढ़ें: SPECIAL: कहीं 'किस्सा' न बन जाए साइकल रिक्शा, सवारियों के बिना पेट पालना मुश्किल


साइकिल चलाना स्वास्थ्य के लिए एक बहुत अच्छा उपाय है. यह जानने के बावजूद बहुत से लोग एक उम्र के बाद साइकिल चलाना बंद कर देते हैं. कोरोना ने लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता काफी बढ़ा दी है. कोरोना के मद्देनजर लोग अब अपने स्वास्थ्य के बारे में जानने और समझने लगे हैं. स्वस्थ रहने के लिए साइकलिंग को तवज्जो दिया जा रहा है. मॉर्निंग में वीआईपी रोड और नया रायपुर में बहुत से जवान, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं साइकिल चलाते दिख रही हैं.

People started cycling due to increased health problems in corona virus in raipur
साइकलिंग की ओर बढ़ रहे लोग

पढ़ें: चेन्नई के छात्र ने बनाई सोलर साईकिल, जानें खासियत

ETV भारत की टीम सुबह से साइकिल चलाने वालों से बातचीत की. इंजीनियर राम नारायण मिश्रा ने बताया कि मेरी उम्र 66 साल की है. उन्होंने कहा, साइकिल तो हमारा एक महत्वपूर्ण अंग रहा है. बचपन में हमारे लिए साइकिल ही एक साधन हुआ करती थी. कहीं भी आने-जाने के लिए, जब हम बड़े हुए पढ़ लिखकर इंजीनियर बने तब काफी संसाधन आए. इस वजह से हमसे साइकिल छूट गई.

People started cycling due to increased health problems in corona virus in raipur
कोरोना की दस्तक के बाद फिर बढ़ा साइकलिंग का क्रेज

साइकिल चलाना दौड़ने और चलने से ज्यादा अच्छा एक्सरसाइज

नारायण मिश्रा ने बताया एक अच्छे पोस्ट में थे, तो हमने मोटरसाइकिल और कार का उपयोग का किया. एक समय ऐसा आया जब शरीर ज्यादा भारी होने लगा. चलने फिरने में मुश्किलें आने लगी. 1 साल पहले ही मैंने अपने घुटने का ऑपरेशन कराया है. ऑपरेशन के बाद भारी शरीर के साथ चलना बहुत मुश्किल साबित हो रहा था. दोबारा साइकिल की तरफ मैंने रुख किया. साइकिल चलाना दौड़ने और चलने से ज्यादा अच्छा एक्सरसाइज है. मैं अपने कैंपस में आधा पौन घंटा साइकिल चलाता हूं.

साइकिल के साथ जुड़ी अच्छी यादें
इस दौरान उन्होंने पुरानी यादें भी साझा की. उन्होंने कहा साइकिल के साथ मेरी बहुत अच्छी यादें जुड़ी हुई है. जब मेरी शादी हुई थी, तब अपनी पत्नी के साथ अमरकंटक गए थे. हम पेंड्रा रोड पर उतरे, उस समय कोई भी साधन नहीं था. अमरकंटक घूमने के लिए दो साइकिल किराये पर ली. अमरकंटक अपनी पत्नी के साथ साइकिल में घूमा. ये सब यादें याद कर हमें बहुत खुशी होती है.

साइकिलिंग को दिनचर्या में शामिल करने की अपील
विनोद पांडे ने बताया कि साइकिलिंग मेरे हिसाब से एक काफी अच्छा अनुभव है. कोरोना वायरस के कारण घर में रह रह कर हर व्यक्ति उब गया है. एक मानसिक तनाव भी आ गया है. साइकिल मेरे हिसाब से शरीर के लिए और मस्तिष्क के लिए काफी जरूरी है. जब हम साइकिल चलाते हैं, तो मन भी खुश रहता है. शरीर भी स्वस्थ रहता है. मेरा यह कहना है कि साइकिलिंग को आप अपने दिनचर्या में शामिल करें. अपने घर के छोटे-मोटे काम साइकिल से करें. इससे वातावरण भी शुद्ध रहेगा. शरीर भी स्वस्थ रहेगा.

साइकिल चलाते वक्त सेफ्टी का ध्यान रखें
एडिशनल चीफ इंजीनियर संदीप गुप्ता ने बताया मुझे लगभग 5 साल हो गए हैं. स्वास्थ्य के लिए साइकिलिंग काफी अच्छे फायदे हैं. थोड़ी एक्सरसाइज भी हो जाती है. डेली हम 20 से 30 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं. साइकिल चलाते वक्त सेफ्टी का ध्यान रखना भी काफी जरूरी होता है. सेफ्टी का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है. इस वजह से हेलमेट और गार्ड पहनना बहुत जरूरी है.

साइकिल चलाने के फायदे:-

  • साइकिल चलाने से बीमारियां दूर भागती हैं
  • दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम
  • धड़कन तेज होती है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है.
  • साइकिल चलाने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है.
  • साइकिल से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
  • रोजाना साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है.
  • साइकिल व्यायाम जितना फायदा पहुंचाती है.
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