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जमीन की रजिस्ट्री कराने में हो रही परेशानी, विपक्ष ने कहा- सरकार का सर्वर फेल - बीएसएनएल

कंपनी और सरकार के बीच पूरे प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री का काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है. बीएसएनल की ओर से नेटवर्क काटने और सर्वर डाउन होने का असर रजिस्ट्री दफ्तर में देखने को मिल रहा है.

जमीन की रजिस्ट्री कराने में हो रही परेशानी
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Published : Jun 1, 2019, 12:58 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जमीनों के रजिस्ट्री के काम के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी और सरकार के बीच पूरे प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री का काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है. बीएसएनल की ओर से नेटवर्क काटने और सर्वर डाउन होने का असर रजिस्ट्री दफ्तर में देखने को मिल रहा है.

जमीन की रजिस्ट्री कराने में हो रही परेशानी

पहले 2 दिनों से रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है हालांकि शुक्रवार शाम से फिर काम शुरू हुआ. अभी भी सुचारू रूप से रजिस्ट्री का काम नहीं हो पा रहा है. नेटवर्क में सुधार होने का दावा रजिस्ट्री विभाग अधिकारी करते दिखे हैं लेकिन फिर भी दफ्तरों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में परेशानी
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली रजिस्ट्री दफ्तरों की जवाबदारी संभाल रही कंपनियों का सर्वर डाउन होना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है. दरअसल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनी को भुगतान को लेकर चल रहे विवाद के बाद बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया था जिसके चलते ही 2 दिनों से प्रदेश भर के तमाम पंजीयन दफ्तरों में ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो रहा था.

क्या है मसला
राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड की कंपनी ने आईटी सॉल्यूशंस का काम लिया है. कंपनी के सॉफ्टवेयर के जरिए ही सभी कार्यालय से जोड़ा गया है सारे उपकरण भी कंपनी नहीं लगवाए हैं इसके एवज में हर माह राज्य शासन से काम के एवज में राशि कंपनी को दी जाती है. लेकिन पिछले कई महीनों से राज्य शासन को की ओर से कंपनी को कोई राशि नहीं दी गई है और यह राशि 10 करोड़ के ऊपर पहुंच चुकी है. इस वजह से राज्य के कर्मचारियों को भी कई महीनों से वेतन के लिए भी देर हो रही है.

बीएसएनएल ने काटा नेटवर्क
इसके साथ ही राज्य सरकारी कंपनी का नियम बनाया है एडवांस लेता है लेकिन कंपनी की हालत खराब होने के चलते बीएसएनल को भुगतान न होने के कारण बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया है. पहले सर्वर डाउन और फिर नेटवर्क समस्या को लेकर रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है. इसमें लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार में आए दिन सर्वर फेल होने का सिलसिला चल पड़ा है. कभी सर्वर फेल होने के चलते ट्रेजरी में भुगतान अटक जाता है, तो कभी सर्वर के चलते इंजीनियरिंग के प्रवेश के लिए की जाने वाली पीईटी परीक्षाएं भी टल जाती हैं और अब सर्वर फेल होने से प्रदेशभर में जमीनों की रजिस्ट्री में परेशानी आ रही है. ऐसा लग रहा है कि सरकार सरकार का ही सर्वर पूरी तरह फेल हो चुका है.

अफसरों ने किया सुधार का दावा
वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्री विभाग के अफसरों का दावा है कि तमाम सरवर के समस्याओं को सुधार लिया गया है और कामा पूरी तरह शुरू कर दिया गया है. हालांकि काम धीरे होने की वजह से रजिस्ट्री दफ्तर में भी काम का लोड बढ़ गया है और लोगों की भीड़ भी अभी बनी हुई है.

कुल मिलाकर प्रदेश के तमाम जरूरी सुविधाओं को लोगों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन किया गया था. राजस्व विभाग से जुड़े तमाम प्रकरण जिसमें जमीनों के नामांतरण ई स्टांप और रजिस्ट्री जैसे तमाम कामों में लगने वाले समय और दिक्कत को दूर करने का दावा किया गया था. लेकिन अब यह ऑनलाइन प्रक्रिया ही सरकार के साथ ही आम लोगों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गई है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में जमीनों के रजिस्ट्री के काम के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी और सरकार के बीच पूरे प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री का काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा है. बीएसएनल की ओर से नेटवर्क काटने और सर्वर डाउन होने का असर रजिस्ट्री दफ्तर में देखने को मिल रहा है.

जमीन की रजिस्ट्री कराने में हो रही परेशानी

पहले 2 दिनों से रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है हालांकि शुक्रवार शाम से फिर काम शुरू हुआ. अभी भी सुचारू रूप से रजिस्ट्री का काम नहीं हो पा रहा है. नेटवर्क में सुधार होने का दावा रजिस्ट्री विभाग अधिकारी करते दिखे हैं लेकिन फिर भी दफ्तरों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में परेशानी
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली रजिस्ट्री दफ्तरों की जवाबदारी संभाल रही कंपनियों का सर्वर डाउन होना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है. दरअसल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनी को भुगतान को लेकर चल रहे विवाद के बाद बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया था जिसके चलते ही 2 दिनों से प्रदेश भर के तमाम पंजीयन दफ्तरों में ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो रहा था.

क्या है मसला
राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड की कंपनी ने आईटी सॉल्यूशंस का काम लिया है. कंपनी के सॉफ्टवेयर के जरिए ही सभी कार्यालय से जोड़ा गया है सारे उपकरण भी कंपनी नहीं लगवाए हैं इसके एवज में हर माह राज्य शासन से काम के एवज में राशि कंपनी को दी जाती है. लेकिन पिछले कई महीनों से राज्य शासन को की ओर से कंपनी को कोई राशि नहीं दी गई है और यह राशि 10 करोड़ के ऊपर पहुंच चुकी है. इस वजह से राज्य के कर्मचारियों को भी कई महीनों से वेतन के लिए भी देर हो रही है.

बीएसएनएल ने काटा नेटवर्क
इसके साथ ही राज्य सरकारी कंपनी का नियम बनाया है एडवांस लेता है लेकिन कंपनी की हालत खराब होने के चलते बीएसएनल को भुगतान न होने के कारण बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया है. पहले सर्वर डाउन और फिर नेटवर्क समस्या को लेकर रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है. इसमें लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार में आए दिन सर्वर फेल होने का सिलसिला चल पड़ा है. कभी सर्वर फेल होने के चलते ट्रेजरी में भुगतान अटक जाता है, तो कभी सर्वर के चलते इंजीनियरिंग के प्रवेश के लिए की जाने वाली पीईटी परीक्षाएं भी टल जाती हैं और अब सर्वर फेल होने से प्रदेशभर में जमीनों की रजिस्ट्री में परेशानी आ रही है. ऐसा लग रहा है कि सरकार सरकार का ही सर्वर पूरी तरह फेल हो चुका है.

अफसरों ने किया सुधार का दावा
वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्री विभाग के अफसरों का दावा है कि तमाम सरवर के समस्याओं को सुधार लिया गया है और कामा पूरी तरह शुरू कर दिया गया है. हालांकि काम धीरे होने की वजह से रजिस्ट्री दफ्तर में भी काम का लोड बढ़ गया है और लोगों की भीड़ भी अभी बनी हुई है.

कुल मिलाकर प्रदेश के तमाम जरूरी सुविधाओं को लोगों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन किया गया था. राजस्व विभाग से जुड़े तमाम प्रकरण जिसमें जमीनों के नामांतरण ई स्टांप और रजिस्ट्री जैसे तमाम कामों में लगने वाले समय और दिक्कत को दूर करने का दावा किया गया था. लेकिन अब यह ऑनलाइन प्रक्रिया ही सरकार के साथ ही आम लोगों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गई है.

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छत्तीसगढ़ में जमीनों के रजिस्ट्री करने वाले कंपनी और सरकार के बीच पूरे प्रदेश में जमीनों की रजिस्ट्री का काम रुक गया है। बीएसएनल की ओर से नेटवर्क काटने और सर्वर डाउन होने का असर रजिस्ट्री दफ्तर में देखा गया है। 2 दिनों से रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है हालांकि देर शाम नेटवर्क में सुधार होने का दावा रजिस्ट्री विभाग अधिकारी करते दिखे हैं लेकिन फिर भी दफ्तरों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
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छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली रजिस्ट्री दफ्तरों की जवाबदारी संभाल रही कंपनियों का सर्वर डाउन होना लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है। दरअसल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाली कंपनी को भुगतान को लेकर चल रहे विवाद के बाद बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया था जिसके चलते ही 2 दिनों से प्रदेश भर के तमाम पंजीयन दफ्तरों में ऑनलाइन पंजीयन नहीं हो रहा था । राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड की कंपनी ने आईटी सॉल्यूशंस का काम लिया है। कंपनी के सॉफ्टवेयर के जरिए ही सभी कार्यालय से जोड़ा गया है सारे उपकरण भी कंपनी नहीं लगवाए हैं इसके एवज में हर माह राज्य शासन से काम के एवज में राशि कंपनी को दी जाती है। लेकिन पिछले कई महीनों से राज्य शासन को की ओर से कंपनी को कोई राशि नहीं दी गई है और यह राशि 10 करोड़ के ऊपर पहुंच चुकी है। इस वजह से राज्य के कर्मचारियों को भी कई महीनों से वेतन के लिए भी देर हो रही है। इसके साथ ही राज्य सरकारी कंपनी का नियम बनाया है एडवांस लेता है लेकिन कंपनी की हालत खराब होने के चलते बीएसएनल को भुगतान ना होने के कारण बीएसएनएल ने नेटवर्क काट दिया है। पहले सरवर डाउन और फिर नेटवर्क समस्या को लेकर रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज ठप रहा है। इसमें लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

वॉक्सपॉप- स्थानीय निवासी

इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार में आए दिन सर्वर फेल होने का सिलसिला चल पड़ा है । कभी सर्वर फेल होने के चलते ट्रेजरी में भुगतान अटक जाता है तो कभी सर्वर के चलते इंजीनियरिंग के प्रवेश के लिए की जाने वाली पीईटी परीक्षाएं भी टल जाती हैं और अब सर्वर फेल होने से प्रदेशभर में जमीनों की रजिस्ट्री रुक जाती हैं। ऐसा लग रहा है कि सरकार सरकार का ही सर्वर पूरी तरह फेल हो चुका है। वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्री विभाग के अफसरों का दावा है कि तमाम सरवर के समस्याओं को सुधार लिया गया है और कामा पूरी तरह शुरू कर दिया गया है। हालांकि 2 दिनों से बंद काम के चलते रजिस्ट्री दफ्तर में भी काम का लोड बढ़ गया है और लोगों की भीड़ भी अभी बनी हुई है।

बाइट- गौरीशंकर श्रीवास, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
व्हाइट- सी. एल. साहू, उपपंजीयक, रायपुर

कुल मिलाकर प्रदेश के तमाम जरूरी सुविधाओं को लोगों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन किया गया था। राजस्व विभाग से जुड़े तमाम प्रकरण जिसमें जमीनों के नामांतरण ई स्टांप और रजिस्ट्री जैसे तमाम कामों में लगने वाले समय और दिक्कत हो को दूर करने का दावा किया गया था लेकिन अब यह ऑनलाइन प्रक्रिया ही सरकार के साथ ही आम लोगों के लिए भी मुसीबत का सबब बन गई है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत रायपुरConclusion:
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