रायपुर: गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के रूप में छत्तीसगढ़ को 28वां जिला मिल गया है. पत्रकारिता, सफेद भालू और धान के लिए जाना जाने वाला ये जिला राजनीतिक तौर पर भी पहचान रखता है. इस जिले को जोगी का 'गढ़' कहें तो गलत नहीं होगा. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 2 विधानसभा सीटें हैं, मरवाही और कोटा. छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से ही ये दोनों सीटें कांग्रेस के पास रहीं और जोगी परिवार का दबदबा रहा.
नया राजनीतिक दल बनाने के बाद 2018 में जोगी परिवार ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) से चुनाव लड़ा और पति-पत्नी विजयी हुए. वर्तमान में मरवाही से अजीत जोगी और कोटा से रेणु जोगी विधायक हैं. 2006 में जब कोटा में उप-चुनाव हुए थे तब रेणु यहां से पहली बार विधायक बनी थीं. उस वक्त ये सीट राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के निधन के बाद खाली हुई थी, वे भी कांग्रेस से विधायक थे.
एक नजर डाल लेते हैं कि कब-कब कौन मरवाही और कोटा से विधायक रहा -
मरवाही में अजीत और अमित जोगी रहे विधायक
- 2003 में अजीत जोगी विधायक
- 2008 में अजीत जोगी विधायक
- 2013 में अमित जोगी विधायक
- 2018 में अजीत जोगी विधायक
कोटा में लगातार 4 बार रेणु जीतीं
- 2006 में उपचुनाव हुआ था, रेणु जोगी जीती थीं
- 2008 में रेणु जोगी ने फिर चुनाव जीता
- 2013 में भी रेणु ही विधायक रहीं
- 2018 से रेणु जोगी विधायक
सोमवार को जब गौरेला-पेंड्रा-मरवाही नया जिला बनकर छत्तीसगढ़ को मिल रहा था, तब अजीत और रेणु जोगी यहां मौजूद थे. दोनों ने इसके लिए भूपेश सरकार को धन्यवाद भी दिया. अजीत जोगी कभी कांग्रेस का आदिवासी चेहरा थे लेकिन फिर कलह के बाद उन्होंने नई पार्टी का गठन कर लिया.