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रायपुर: निजी स्कूलों की मनमानी से परिजन परेशान, किया विरोध - ड्रेस कोड में बदलाव

निजी स्कूल में ड्रेस कोड को लेकर परिजनों ने जमकर विरोध किया है. परिजनों का आरोप है कि स्कूल का नया ड्रेस पूरी तरह से पारदर्शी है. मामले की शिकायत जब स्कूल प्रबंधन से की गई, तो उन्होंने इसी ड्रेस से काम चलाने की बात कही.

निजी स्कूल
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Published : Jun 23, 2019, 9:10 AM IST

रायपुर: जिले के एक निजी स्कूल में ड्रेस कोड को लेकर परिजनों ने जमकर विरोध किया है. परिजनों का कहना है कि स्कूल ने अचानक ही ड्रेस कोड बदल दिया है. साथ ही जो ड्रेस कोड बदला है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है. नई ड्रेस काफी पतले कपड़े की है. इससे छात्राओं को काफी परेशानी होगी और वे उसे पहनने में कंफर्टेबले भी नहीं रहंगे.

ड्रेस कोड में बदलाव से परिजन परेशान

नया शैक्षणिक सत्र लगते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है. पढ़ाई के नाम पर कमाई की दुकान चला रहे निजी स्कूलों में हर बढ़ती क्लास के साथ फीस में भी बढ़ोतरी हो रही है जिससे पालक परेशान है. बढती फिस के साथ ही साल दर साल युनिफार्म मे परिवर्तन किए जा रहे है. इसके साथ ही ड्रेस खरीदने का दुकान भी निर्धारित किया गया. परिजनों का आरोप है कि जिस दुकान से ड्रेस ख़रीदने की लिए कहा जा रहा है वह प्रिंसिपल भावना दुबे के भाई द्वारा संचालित की जाती है.

ड्रेस कोड में किया जाएगा बदलाव
परिजनों का आरोप है कि स्कूल का नया ड्रेस पूरी तरह पारदर्शी है. इस बात की शिकायत जब स्कूल प्रबंधन से की गई तो उन्होंने इसी ड्रेस से काम चलाने की बात कही. वहीं मामले में मीडिया के शामिल होने के बाद स्कूल प्रबंधन ड्रेस कोड में बदलाव करने की बात कह रहा है. परिजनों ने प्रिंसिपल के पति के द्वारा बदतमीजी और गाला गलौज करने की भा बात कही है.

मामले में वाइस प्रिंसिपल का बयान
इस पूरे मामले में स्कूल की वाइस प्रिंसिपल अर्पिता राठौर का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर हम ड्रेस बदलने को तैयार है. परिजनों से किसी भी तरह की कोई बदतमीजी नहीं की गई है. वहीं एक दुकान से कपड़े खरीदने के मामले में वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि हमारी शर्ट में मोनो लगता है जो उसी दुकान से मिलेगा इसीलिए हमने उन्हें एक ही दुकान से ड्रेस लेने को कहा है.

रायपुर: जिले के एक निजी स्कूल में ड्रेस कोड को लेकर परिजनों ने जमकर विरोध किया है. परिजनों का कहना है कि स्कूल ने अचानक ही ड्रेस कोड बदल दिया है. साथ ही जो ड्रेस कोड बदला है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है. नई ड्रेस काफी पतले कपड़े की है. इससे छात्राओं को काफी परेशानी होगी और वे उसे पहनने में कंफर्टेबले भी नहीं रहंगे.

ड्रेस कोड में बदलाव से परिजन परेशान

नया शैक्षणिक सत्र लगते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है. पढ़ाई के नाम पर कमाई की दुकान चला रहे निजी स्कूलों में हर बढ़ती क्लास के साथ फीस में भी बढ़ोतरी हो रही है जिससे पालक परेशान है. बढती फिस के साथ ही साल दर साल युनिफार्म मे परिवर्तन किए जा रहे है. इसके साथ ही ड्रेस खरीदने का दुकान भी निर्धारित किया गया. परिजनों का आरोप है कि जिस दुकान से ड्रेस ख़रीदने की लिए कहा जा रहा है वह प्रिंसिपल भावना दुबे के भाई द्वारा संचालित की जाती है.

ड्रेस कोड में किया जाएगा बदलाव
परिजनों का आरोप है कि स्कूल का नया ड्रेस पूरी तरह पारदर्शी है. इस बात की शिकायत जब स्कूल प्रबंधन से की गई तो उन्होंने इसी ड्रेस से काम चलाने की बात कही. वहीं मामले में मीडिया के शामिल होने के बाद स्कूल प्रबंधन ड्रेस कोड में बदलाव करने की बात कह रहा है. परिजनों ने प्रिंसिपल के पति के द्वारा बदतमीजी और गाला गलौज करने की भा बात कही है.

मामले में वाइस प्रिंसिपल का बयान
इस पूरे मामले में स्कूल की वाइस प्रिंसिपल अर्पिता राठौर का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर हम ड्रेस बदलने को तैयार है. परिजनों से किसी भी तरह की कोई बदतमीजी नहीं की गई है. वहीं एक दुकान से कपड़े खरीदने के मामले में वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि हमारी शर्ट में मोनो लगता है जो उसी दुकान से मिलेगा इसीलिए हमने उन्हें एक ही दुकान से ड्रेस लेने को कहा है.

Intro:रायपुर । द रेडिएंट वे स्कूल में ड्रेस कोड को लेकर परिजनों ने जमकर विरोध किया । परिजनों का कहना है कि स्कूल ने अचानक ही ड्रेस कोड बदल दिया साथ ही जो ड्रेस कोड बदला है उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। वह काफी पतले कपड़े का है। जिससे खासकर छात्राओं को काफी परेशानी होगी।


Body:परिजनों का आरोप है कि पारदर्शी ड्रेस से छात्राओं को परेशानी होगी । यह बात जब उन्होंने स्कूल प्रबंधन के सामने रखी स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें इसी से काम चलाना होगा । मीडिया को देखकर अब कहीं जाकर स्कूल प्रबंधन ने यह बात को मान रही है कि ड्रेस कोड को बदल दिया जाएगा । लेकिन ऐसा उनके सामने नहीं कहा गया था स्कूल द्वारा मनमाने तरीके से ड्रेस बदले जा रहे हैं । यही नहीं फीस में भी काफी इजाफा किया जा रहा है । ड्रेस खरीदने दुकान निर्धारित किया गया है । उसी दुकान से ड्रेस खरीदने को बोला जा रहा है जबकि ऐसा सही नहीं है । सभी पेरेंट्स को यह भी बात किया जा रहा है कि वे दो ड्रेस खरीदें । परिजनों का आरोप है कि जिस दुकान से ड्रेस ख़रीदने की लिए कहा जा रहा है वह प्रिंसिपल भावना दुबे के भाई द्वारा संचालित की जाती है ।

आए परिजनों की शिकायत है कि प्रिंसिपल के पति नेभी ऐसी बदतमीजी की है उन्हें गालियां दी हैं । परिजन बताते हैं कि वे यहां कई दिनों से आ रहे हैं ड्रेस कोर्ट में जो बदलाव किए गए हैं । उस विषय में बात करने के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन प्रिंसिपल मैडम ना तो इन से मिल रही है और ना ही किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी उन्हें दी जा रही है ।


Conclusion:इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की ओर से वाइस प्रिंसिपल अर्पिता राठौर का कहना है कि हम नहीं परिजनों किस बात को स्वीकारा की शर्ट है उसके कपड़े पतले हैं । उसे बदलने की बात भी कही है लेकिन परिजन यह सुनने को तैयार ही नहीं है । परिजनों से किसी भी प्रकार की कोई बदतमीजी नहीं की गई है । स्कूल ने पूरा स्कूल ड्रेस नहीं केवल शर्ट चेंज किया है । एक ही दुकान से ड्रेस खरीदने पर स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि क्योंकि हमारी शॉर्ट में मोनो में लगता है । मोनो उसी दुकान से मिलेगा इसीलिए हमने उन्हें एक ही दुकान से ड्रेस लेने कहाहै ।

बाइट - अमित बघेल ( परिजन )

बाइट - कोमल चंद्रकार

बाइट - सुमन साहू

बाइट - अर्पिता राठौर ( वाइस प्रिंसिपल )
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