रायपुर: पूरे देश में दीपावली पर पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में दीपावली का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा और उनके बच्चे प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग "अनुकंपा नियुक्ति " को लेकर बीते 20 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. इसके पहले भी दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ प्रदर्शन कर चुका है आज ईटीवी भारत से बात करते रोते बिलखते हुए दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाओं ने अपने दर्द को कुछ इस तरह से बयां किया. Panchayat teachers widows targets Baghel government
कांग्रेस और बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि " सरकार आने से पहले भूपेश बघेल और उनकी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में दिवंगत पंचायत की विधवाओं और उनके परिवार के लोगों को अनुकंपा नियुक्ति देने का वादा किया था. लेकिन आज तक हमे अपना अधिकार नहीं मिल पाया है. हमारी मजबूरी है कि हम लोग आज दीपवाली त्यौहार के दौरान अपने घर को छोडकर धरने पर बैठे हैं.हमारी एक ही मांग है कि दिवंगत पंचायत शिक्षकों के विधवाओं को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए."Panchayat teachers widows
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अनुकम्पा नियुक्ति के लिए कमेटी बनी लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली: संघ की अध्यक्ष माधुरी ने बताया कि " इससे पहले हम लोगों द्वारा 90 से अधिक दिनों तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे थे. सीएम हाउस का घेराव और विधानसभा का घेराव भी किया गया. उस समय सरकार की ओर से हमारे आंदोलन को समाप्त कर एक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी बने 5 महीने से अधिक हो गए. इसलिए आज हम लोग फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.सरकार से हमारी एक ही मांग है कि जल्द से जल्द हमारी नियुक्ति करें".
कैसे मनाएं दिवाली जब परिवार में खुशियां ही नहीं: धरने पर बैठी दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने ईटीवी भारत से बताया कि " आज पूरा देश अपने परिवार के साथ दीपवाली मना रहा है. लेकिन हमारे घरों में खुशियां ही नहीं है. हमारे पति का देहांत हो गया है. ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार चलाने में काफी दिक्कतें हो रही है. ऐसे में हम दीपावली कैसे मनाएं. सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. आज हम अपने छोटे बच्चों के साथ धरने पर हैं."
छत्तीसगढ़ में 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों की हैं विधवाएं: छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे में परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों का निधन हुआ. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. राज्य में करीब 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं और परिजन हैं. प्रदर्शन में मांग की गई कि दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय, चतुर्थ श्रेणी, सहायक शिक्षक, प्रयोगशाला शिक्षक, ग्राम पंचायत सचिव आदि के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.