रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) द्वारा पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर 2378 धान खरीदी केंद्रों(Paddy procurement centers) में किसानों (Farmers) से धान खरीदा (paddy purchased) जाना है, जिसके लिए सरकार (Baghel Government)ने पूरी तैयारियां कर ली है. लेकिन बीते 8 नवंबर से अपनी 5 सूत्रीय मांग (5 point demand)को लेकर छत्तीसगढ़ सहकारी समिति के कर्मचारी (employees of chhattisgarh cooperative society) अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार 1 दिसंबर से धान खरीदी की घोषणा तो कर चुकी है, लेकिन धान खरीदी का काम करने वाले कर्मचारी इसी तरह अपनी मांगों पर अडिग रहे, तो आने वाले समय में सरकार द्वारा तय की गई तिथि पर धान की खरीदी कैसे होगी ये एक बड़ा सवाल है?
10 हजार कर्मचारी आंदोलनरत
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति में कार्य करने वाले लगभग 10000 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, लेखापाल लिपिक, विक्रेता और चौकीदार पद में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से समितियों में तालाबंदी है. जिससे धान खरीदी की तैयारियां भी प्रभावित हो रही है.
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बढ़ाए गए 67 धान खरीदी केंद्र
पिछले साल प्रदेश में 2311 धान खरीदी केंद्र थी. वहीं, सरकार ने ग्रामीणों और किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस साल 67 नए धान खरीदी केंद्र खोले हैं. वर्तमान में कुल 2378 केंद्रों में धान की खरीदी की जाएगी.
105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
2020 में सरकार ने 90 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था. लेकिन सरकार ने 92.1 86 लाख मैट्रिक टन की बंपर धान खरीदी की थी. सरकार ने इस साल ऐतिहासिक 105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. केंद्र सरकार ने राज्य से 2020-21 में 61. 65 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदी की सहमति दी है. हालांकि केंद्र सरकार ने सिर्फ अरवा चावल लेने की बात कही है. वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार मांग कर रही है कि केंद्र सरकार उसना चावल भी खरीदे.
इतने किसानों का हुआ पंजीयन
पिछले साल धान खरीदी के लिए 21.29 लाख किसानों का पंजीयन हुआ था. इस साल लगभग दो लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. धान विक्रय के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या लगभग 22 लाख 66 हजार से अधिक है. छत्तीसगढ़ सहकारी समिति के कर्मचारियों ने हड़ताल के अलावा अब उपवास रखने की भी शुरुआत कर दी है. उनका कहना है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए.वहीं अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है. क्या छत्तीसगढ़ में तय समय पर धान की खरीदी शुरू हो पाएगी या फिर यूं ही आंदोलन जारी रहेगा.
इन 5 सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समिति कर्मचारी कर रहे आंदोलन
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव नरेंद्र साहू ने कहा सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा कर लिया जाएगा. आने वाले दिनों में होने वाली कैबिनेट की बैठक में उनके बारे में फैसला लें ताकि वे आंदोलन खत्म कर वापस काम पर जा सके. ये हैं उनकी मांगे...
- धान परिवहन देरी से होने के कारण धान में आ रही सुखद एवं अतिरिक्त खर्चों की राशि समितियों को वापस दिलाया जाए.
- प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान एवं शासकीय कर्मचारियों की भांति नियमितीकरण कर वेतन दिया जाए.
- प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को सेवा नियम 2018 के अनुसार सिविलियन पर भर्ती की जाए इसके अलावा बैंक के अन्य रिक्त पदों पर समिति के अन्य कर्मचारियों को 100% भर्ती किया जाए, योगिता तथा अमर बंधन को शिथिल किया जाए और प्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाई जाए.
- सहकारी समिति सेवा नियम 2018 में आंशिक संशोधन किया जाए.
- धान खरीदी नीति में आवश्यक बिंदुओं पर विपणन संघ, बैंक ,समिति और संघ के बीच में कमेटी गठित कर धान खरीदी नीति में आवश्यक संशोधन किया जाए.