रायपुर: धान खरीदी को लेकर भाजपा के द्वारा लगातार यह आरोप लगाया जाता है कि केंद्र सरकार की ओर से धान खरीदी के लिए राशि दी जाती है, लेकिन इसका श्रेय राज्य सरकार लेती है. भाजपा के इन आरोपों को लेकर जब मोहम्मद अकबर से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ''धान खरीदी के लिए भारत सरकार की तरफ से 1 रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है. ना कोई अनुदान या सहायता राशि दी जाती है. छत्तीसगढ़ सरकार हर साल बैंकों से कर्ज लेती है और कर्ज लेकर धान खरीदी का काम करती है.''
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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अकबर ने कहा कि ''भारत सरकार का रोल सिर्फ इतना है कि जब हम धान खरीदकर कस्टम मिलिंग कराएंगे, ट्रांसपोर्टेशन करेंगे, कुछ चावल पीडीएस में देंगे. बचा हुआ बाकी का चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा करेंगे. हमारा चावल वहां जमा हो जाता है. इसके बाद हमने जितनी भी राशि परिवहन, धान खरीदी, बारदाना, और कस्टम मिलिंग के लिए खर्च की है, उसको टोटल करके भारत सरकार के सामने क्लेम प्रस्तुत करेंगे. उतनी राशि हमको भारत सरकार की तरफ से मिलती है. इस तरह धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है, बल्कि कर्ज लेकर धान खरीदी की जाती है.