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छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर मोहम्मद अकबर का बड़ा बयान, कर्ज लेकर धान खरीदी करती है छत्तीसगढ़ सरकार - paddy procurement in Chhattisgarh

paddy procurement by taking loans: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अकबर ने धान खरीदी को लेकर बड़ा बयान दिया है. मोहम्मद अकबर ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार कर्ज लेकर धान खरीदी करती है. केंद्र सरकार की ओर से धान खरीदी के लिए एक रुपए की राशि भी नहीं दी जाती है.

मोहम्मद अकबर का बड़ा बयान
मोहम्मद अकबर का बड़ा बयान
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Published : Oct 17, 2022, 6:06 PM IST

रायपुर: धान खरीदी को लेकर भाजपा के द्वारा लगातार यह आरोप लगाया जाता है कि केंद्र सरकार की ओर से धान खरीदी के लिए राशि दी जाती है, लेकिन इसका श्रेय राज्य सरकार लेती है. भाजपा के इन आरोपों को लेकर जब मोहम्मद अकबर से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ''धान खरीदी के लिए भारत सरकार की तरफ से 1 रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है. ना कोई अनुदान या सहायता राशि दी जाती है. छत्तीसगढ़ सरकार हर साल बैंकों से कर्ज लेती है और कर्ज लेकर धान खरीदी का काम करती है.''

यह भी पढ़ें: दिवाली के पहले किसानों को सीएम भूपेश का बड़ा तोहफा

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अकबर ने कहा कि ''भारत सरकार का रोल सिर्फ इतना है कि जब हम धान खरीदकर कस्टम मिलिंग कराएंगे, ट्रांसपोर्टेशन करेंगे, कुछ चावल पीडीएस में देंगे. बचा हुआ बाकी का चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा करेंगे. हमारा चावल वहां जमा हो जाता है. इसके बाद हमने जितनी भी राशि परिवहन, धान खरीदी, बारदाना, और कस्टम मिलिंग के लिए खर्च की है, उसको टोटल करके भारत सरकार के सामने क्लेम प्रस्तुत करेंगे. उतनी राशि हमको भारत सरकार की तरफ से मिलती है. इस तरह धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है, बल्कि कर्ज लेकर धान खरीदी की जाती है.

रायपुर: धान खरीदी को लेकर भाजपा के द्वारा लगातार यह आरोप लगाया जाता है कि केंद्र सरकार की ओर से धान खरीदी के लिए राशि दी जाती है, लेकिन इसका श्रेय राज्य सरकार लेती है. भाजपा के इन आरोपों को लेकर जब मोहम्मद अकबर से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ''धान खरीदी के लिए भारत सरकार की तरफ से 1 रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है. ना कोई अनुदान या सहायता राशि दी जाती है. छत्तीसगढ़ सरकार हर साल बैंकों से कर्ज लेती है और कर्ज लेकर धान खरीदी का काम करती है.''

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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मोहम्मद अकबर ने कहा कि ''भारत सरकार का रोल सिर्फ इतना है कि जब हम धान खरीदकर कस्टम मिलिंग कराएंगे, ट्रांसपोर्टेशन करेंगे, कुछ चावल पीडीएस में देंगे. बचा हुआ बाकी का चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा करेंगे. हमारा चावल वहां जमा हो जाता है. इसके बाद हमने जितनी भी राशि परिवहन, धान खरीदी, बारदाना, और कस्टम मिलिंग के लिए खर्च की है, उसको टोटल करके भारत सरकार के सामने क्लेम प्रस्तुत करेंगे. उतनी राशि हमको भारत सरकार की तरफ से मिलती है. इस तरह धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक रुपए की भी राशि नहीं दी जाती है, बल्कि कर्ज लेकर धान खरीदी की जाती है.

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