रायपुरः मानसून सत्र के आज चौथे दिन भी अंडे को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ, इसके साथ ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया.
सत्तापक्ष का विपक्ष पर आरोप
जहां एक ओर विपक्ष ने अंडे को लेकर बवाल किया तो वहीं सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे पर भाजपा द्वारा सियासत करने का आरोप लगाते हुए रोज अंडा खाने संबंधी भाजपा सरकार के विज्ञापन और स्कूलों में अंडा बांटे जाने के आदेश की कॉपी लहराई.
अंडे का विरोध लगातार जारी
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर प्रदेश की सियासत गर्मायी हुई है. कबीरपंथ के अनुयायियों ने भी इसको लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. सत्र के चौथे दिन भाजपा सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान स्कूलों में मिड डे मील में अंडा बांटे जाने का मुद्दा उठाया.
विधायक शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है. लोग धरना दे रहे हैं. चक्काजाम कर रहे हैं. पूरा प्रदेश उद्वेलित है, सभी समाज नाराज हैं. 80% लोगों को मांसाहारी बताने की कोशिश की जा रही है.
लखमा और घर्मजीत में बहस
इस मुद्दे पर जनता कांग्रेस सदस्य धर्मजीत सिंह और आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बीच तीखी बहस हुई. अंडा वितरण के मामले पर स्थगन प्रस्ताव को ग्राह्य कर चर्चा कराए जाने की मांग पर विपक्ष अड़ा रहा. इसके बाद विपक्षी विधायकों ने किया सदन से वॉकआउट कर लिया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा अगर विपक्ष के आवाज को दबाने की कोशिश की जाएगी तो हम कार्यवाही में शामिल ही नहीं होंगे.
सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित
इससे पहले आज सदन में निजी स्कूलों में मनमाना फीस वसूले जाने का मुद्दा भी गूंजा. साथ ही प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में विकास कार्य रुके होने को लेकर भी विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा.
कर्जमाफी के सवाल पर जवाब
विधानसभा में दिए लिखित जवाब में सहकारी मंत्री प्रेमसाय सिंह ने बताया कि, '6 महीने में 15 लाख 25 हजार किसानों की कर्जमाफी हो चुकी है, जबकि सिर्फ 4.51 लाख किसानों का कर्ज भी अब तक बकाया है'.
पुन्नूलाल मोहले के सवाल के जवाब में प्रेमसाय सिंह ने बताया कि, 'सहकारी बैंक में 13.46 लाख किसानों का 5260.15 करोड़ रुपए कर्ज माफ किया जा चुका है
वहीं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक का 1.79 लाख किसानों का 701.11 करोड़ रुपए अब तक माफ किया जा चुका है, यानि कुल योग देखें तो 15.25 लाख किसानों के 5961.26 करोड़ अब तक कर्ज माफ किया जा चुका है'.