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कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों का संचालन कितनी चुनौती ?

कोरोना संक्रमण (corona infection in raipur) के बीच 2 अगस्त से स्कूल खोल दिए गए हैं. स्कूल खुलते ही स्कूलों में कोरोना के केस भी सामने आने लगे हैं. अब तक जांजगीर, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर के कई स्कूलों में छात्र कोरोना संक्रमित आ चुके हैं. ETV भारत ने राजधानी रायपुर में स्कूलों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. जिसके बाद ये जानकारी निकलकर सामने आई.

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सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चल रहे स्कूल
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Published : Aug 11, 2021, 10:27 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 11:43 PM IST

रायपुर: देशभर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर सावधानियां बरती जा रही है. कोरोना के तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए सभी राज्यों में अलर्ट भी जारी किया गया है. हालांकि इसी बीच छत्तीसगढ़ में स्कूल खोल (schools open in chhattisgarh) दिए गए हैं. स्कूल खुलते ही अचानक कोरोना संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. जिसे लेकर चिंता भी बनी हुई है. हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में स्कूल खुलने के बाद कई स्टूडेंट्स कोरोना से संक्रमित हुए हैं. सूरजपुर, जांजगीर, कोरबा में आए दिन स्कूलों में कोरोना संक्रमित छात्र मिल रहे हैं. जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप की स्थिति है.

कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों का संचालन कितनी चुनौती ?

कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच ETV भारत ने रायपुर शहर के अलग-अलग स्कूलों का जायजा लिया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई. इस बीच छात्रों और स्कूल के प्रिंसिपल और दूसरे टीचर्स से भी बात की गई.

सबसे पहले ETV भारत की टीम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना पहुंची. स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए क्लासेस चल रही है. सभी छात्र मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल आने वाले सभी स्टूडेंट्स की रोजाना थर्मल स्क्रीनिंग की जा रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से बात कि, तो उन्होंने बताया कि 'लगभग डेढ़ साल बाद स्कूल खुले हैं. ऐसे में स्कूल आकर उन्हें अच्छा लग रहा है. लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेस संचालित होती थी लेकिन नेटवर्क के कारण पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाती थी, अब स्कूल आकर अच्छा लग रहा है. क्लास करके भी अच्छा लग रहा है'.

छात्रों में भी संक्रमित होने का डर

एक अन्य छात्रा ने बताया कि 'स्कूल आने के बाद कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. (corona infection in school) लेकिन वह पूरी सावधानियां बरत रहे हैं. क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठते हैं. बार-बार अपने हाथ सैनिटाइज करते हैं. स्कूल में हर वक्त मास्क लगाकर रखते हैं'.

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना के बाद ETV भारत की टीम पुरानी बस्ती स्थित शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंची. वहां स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम थी. स्कूल में बच्चों की संख्या कम होने का कारण पूछने पर प्रिंसिपल सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि 'कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से परिजन अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते. फिलहाल जो बच्चे स्कूल में आ रहे हैं. उनके परिजनों से सहमति पत्र लेने के बाद ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दी जा रही है. छात्राओं को कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करवाया जा है'.

इसी तरह अपने अगले पड़ाव में ETV भारत की टीम शांति नगर स्थित शासकीय पीजी उमाठे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंची. स्कूल में प्रवेश द्वार में ही स्टूडेंट्स को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

दुर्ग में फिर पैर पसारता कोरोना: मंगलवार को 2 की मौत, 7 नए संक्रमण के मामले

छात्रों में दिखा उत्साह

लगभग डेढ़ साल बाद स्कूल खोले जाने के बाद 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला. स्कूल आने वाली छात्राओं ने बताया कि ऑफलाइन पढ़ाई करके उन्हें अच्छा लग रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई के कारण कई टेक्निकल दिक्कतें आती थी.

चुनौतियों के बीच स्कूल का संचालन

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना की प्राचार्य डॉ राज ढिमोले ने बताया कि इस वक्त कोरोना संक्रमण भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है. लेकिन इसी चुनौती के बीच शिक्षा की व्यवस्था को निरंतर बनाए रखना होगा. प्राचार्य ने बताया कि गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चों के परिजनों के पास स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं थी. जिसके कारण ऑनलाइन क्लासेस बच्चे अच्छे से नहीं कर पा रहे थे. अब ऑफलाइन क्लास संचालित हो रही है. इसमें 10वीं और 12वीं के बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें मार्गदर्शन भी मिल रहा है. बच्चों में काफी उत्साह है. स्कूल आने वाले छात्रों के साथ टीचर्स भी पूरी सावधानी का ख्याल रखते हैं.

प्राचार्य ने बताया कि बच्चों में उत्साह है. लेकिन फिर भी 50% छात्रों को ही क्लास में आने की अनुमति मिली है. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में भी उत्साह है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

शासकीय पीजी उमाठे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि ऐसे समय में स्कूल को संचालित करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. बच्चे कई अलग-अलग क्षेत्र से आते हैं. जहां आए दिन कोरोना संक्रमण के एक-दो केस निकल रहे है. ऐसे एरिया के बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया गया है.

ऑनलाइन क्लास का भी हो रहा संचालन

प्रिंसिपल सक्सेना ने बताया कि जो क्लास ऑफलाइन संचालित हो रही है. उसे ऑनलाइन भी होस्ट किया जा रहा है. बहुत से परिजन ऐसे भी हैं. जो बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ट हैं. जो परिजन अपने बच्चों को नहीं भेजना चाहते, उन्हें ऑफलाइन क्लास करने के लिए भी दबाव नहीं डाला जा रहा है.

अब तक इन जिलों के स्कूलों में मिले कोरोना केस

जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लॉक के 3 स्कूलों के 11 छात्र कोविड पॉजिटिव पाए गये हैं. कोरबा में 8 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं. सूरजपुर जिले में कुल 15 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बलरामपुर में एक छात्र कोरोनावायरस मिला है.

रायपुर: देशभर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर सावधानियां बरती जा रही है. कोरोना के तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए सभी राज्यों में अलर्ट भी जारी किया गया है. हालांकि इसी बीच छत्तीसगढ़ में स्कूल खोल (schools open in chhattisgarh) दिए गए हैं. स्कूल खुलते ही अचानक कोरोना संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. जिसे लेकर चिंता भी बनी हुई है. हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में स्कूल खुलने के बाद कई स्टूडेंट्स कोरोना से संक्रमित हुए हैं. सूरजपुर, जांजगीर, कोरबा में आए दिन स्कूलों में कोरोना संक्रमित छात्र मिल रहे हैं. जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप की स्थिति है.

कोरोना संक्रमण के बीच स्कूलों का संचालन कितनी चुनौती ?

कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच ETV भारत ने रायपुर शहर के अलग-अलग स्कूलों का जायजा लिया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई. इस बीच छात्रों और स्कूल के प्रिंसिपल और दूसरे टीचर्स से भी बात की गई.

सबसे पहले ETV भारत की टीम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना पहुंची. स्कूल में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए क्लासेस चल रही है. सभी छात्र मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल आने वाले सभी स्टूडेंट्स की रोजाना थर्मल स्क्रीनिंग की जा रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से बात कि, तो उन्होंने बताया कि 'लगभग डेढ़ साल बाद स्कूल खुले हैं. ऐसे में स्कूल आकर उन्हें अच्छा लग रहा है. लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेस संचालित होती थी लेकिन नेटवर्क के कारण पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पाती थी, अब स्कूल आकर अच्छा लग रहा है. क्लास करके भी अच्छा लग रहा है'.

छात्रों में भी संक्रमित होने का डर

एक अन्य छात्रा ने बताया कि 'स्कूल आने के बाद कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है. (corona infection in school) लेकिन वह पूरी सावधानियां बरत रहे हैं. क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठते हैं. बार-बार अपने हाथ सैनिटाइज करते हैं. स्कूल में हर वक्त मास्क लगाकर रखते हैं'.

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना के बाद ETV भारत की टीम पुरानी बस्ती स्थित शासकीय नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंची. वहां स्कूल में स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम थी. स्कूल में बच्चों की संख्या कम होने का कारण पूछने पर प्रिंसिपल सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि 'कोरोना संक्रमण के कारण बहुत से परिजन अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते. फिलहाल जो बच्चे स्कूल में आ रहे हैं. उनके परिजनों से सहमति पत्र लेने के बाद ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दी जा रही है. छात्राओं को कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करवाया जा है'.

इसी तरह अपने अगले पड़ाव में ETV भारत की टीम शांति नगर स्थित शासकीय पीजी उमाठे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंची. स्कूल में प्रवेश द्वार में ही स्टूडेंट्स को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.

दुर्ग में फिर पैर पसारता कोरोना: मंगलवार को 2 की मौत, 7 नए संक्रमण के मामले

छात्रों में दिखा उत्साह

लगभग डेढ़ साल बाद स्कूल खोले जाने के बाद 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला. स्कूल आने वाली छात्राओं ने बताया कि ऑफलाइन पढ़ाई करके उन्हें अच्छा लग रहा है. ऑनलाइन पढ़ाई के कारण कई टेक्निकल दिक्कतें आती थी.

चुनौतियों के बीच स्कूल का संचालन

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना की प्राचार्य डॉ राज ढिमोले ने बताया कि इस वक्त कोरोना संक्रमण भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है. लेकिन इसी चुनौती के बीच शिक्षा की व्यवस्था को निरंतर बनाए रखना होगा. प्राचार्य ने बताया कि गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चों के परिजनों के पास स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं थी. जिसके कारण ऑनलाइन क्लासेस बच्चे अच्छे से नहीं कर पा रहे थे. अब ऑफलाइन क्लास संचालित हो रही है. इसमें 10वीं और 12वीं के बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें मार्गदर्शन भी मिल रहा है. बच्चों में काफी उत्साह है. स्कूल आने वाले छात्रों के साथ टीचर्स भी पूरी सावधानी का ख्याल रखते हैं.

प्राचार्य ने बताया कि बच्चों में उत्साह है. लेकिन फिर भी 50% छात्रों को ही क्लास में आने की अनुमति मिली है. बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों में भी उत्साह है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरी तरह से प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

शासकीय पीजी उमाठे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि ऐसे समय में स्कूल को संचालित करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. बच्चे कई अलग-अलग क्षेत्र से आते हैं. जहां आए दिन कोरोना संक्रमण के एक-दो केस निकल रहे है. ऐसे एरिया के बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया गया है.

ऑनलाइन क्लास का भी हो रहा संचालन

प्रिंसिपल सक्सेना ने बताया कि जो क्लास ऑफलाइन संचालित हो रही है. उसे ऑनलाइन भी होस्ट किया जा रहा है. बहुत से परिजन ऐसे भी हैं. जो बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ट हैं. जो परिजन अपने बच्चों को नहीं भेजना चाहते, उन्हें ऑफलाइन क्लास करने के लिए भी दबाव नहीं डाला जा रहा है.

अब तक इन जिलों के स्कूलों में मिले कोरोना केस

जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लॉक के 3 स्कूलों के 11 छात्र कोविड पॉजिटिव पाए गये हैं. कोरबा में 8 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं. सूरजपुर जिले में कुल 15 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बलरामपुर में एक छात्र कोरोनावायरस मिला है.

Last Updated : Aug 11, 2021, 11:43 PM IST
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