रायपुर: जासूसी मामले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) पर हमलावर हो गई है. सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) ने पेगासस (Pegasus Software) को लेकर रमन सिंह पर बड़े आरोप लगाए हैं. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह कह चुके हैं कि भारत में जासूसी के लिए इजरायल के जिस पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ था, उसके इस्तेमाल के लिए 2017 में रमन सरकार ने भी प्रयास किए थे.
सीएम बघेल ने कहा कि जानकारी मिली थी कि पेगासस बनाने वाली कंपनी से जुड़े लोग छत्तीसगढ़ आए थे और यहां कुछ लोगों से संपर्क किया था. इसके लिए हमने जांच समिति गठित की है. ये बात तो निश्चित है कि वो लोग आए थे लेकिन किससे मिले, क्या बात हुई और क्या डील हुई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. डॉक्टर रमन सिंह बताएं कि कौन आया था और किससे डील हुई थी ? देश को ये जानने का हक है कि कितने की डील हुई थी और कितने दिनों तक जासूसी हुई थी ?
'छत्तीसगढ़ के भी कुछ लोगों की जासूसी हुई'
रमन सिंह के इस बयान पर कि 4 साल बाद क्यों याद आ रहा है पर सीएम बघेल ने कहा कि ये बात तो पहले ही हो गई थी. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह पेगासस सॉफ्टवेयर दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इस पर सीएम बघेल ने कहा कि भारत सरकार को बताना चाहिए कि पेगासस से डील हुई कि नहीं. अगर डील हुई तो कितने की हुई, किससे हुई और कितने दिन के लिए हुई ? सरकार बताए कि मंत्रियों, विपक्षी राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी किस उद्देश्य से कराई गई ? ये जानने का हक देश को है. पता चल रहा है कि छत्तीसगढ़ के भी कुछ लोगों की जासूसी हुई है.
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मोहन मरकाम का बड़ा आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि साल 2017 में पेगासस की कंपनी से लोग आए थे. मरकाम ने कहा कि उन लोगों की रमन सरकार और पुलिस के अधिकारियों से चर्चा हुई थी. पीसीसी चीफ ने इसके लिए एक अखबार में छपी खबर का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि बघेल सरकार ने इसकी जांच के लिए साल 2019 में एक जांच कमेटी गठित की. समिति की जांच में खुलासा हुआ कि उस बैठक से संबंधित सारे दस्तावेज जला दिए गए हैं.
क्या है पेगासस ?
यह एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे टारगेट के लिए फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर फोन का रिमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. यह रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह ही काम करता है. ये पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिए आपकी जासूसी करता है.
इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.