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SPECIAL: राजधानी में बढ़ रही सड़क हादसों की संख्या, लोग हो रहे बेपरवाह

राजधानी रायपुर में सड़क हादसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यातायात विभाग की तरफ से हर साल समय-समय पर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी भी दी जाती है, लेकिन लोग इन नियमों को दरकिनार कर देते हैं, जिससे लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं.

Number of road accident in Raipur
बढ़ते सड़क हादसे
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Published : Oct 5, 2020, 11:56 PM IST

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए कई तरह के उपाय और जागरूता अभियान भी चलाया जाता है. हर साल पूरे देश में यातायात सड़क सुरक्षा भी मनाया जाता है, जिसमें लोगों को यातायात के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाता है. बावजूद इसके वाहन चालकों में यातायात को लेकर जागरूकता नहीं होने से हादसों में इजाफा देखने को मिल रहा है. यातायात विभाग ने समय-समय पर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी भी दी जाती है, लेकिन लोग इन नियमों को दरकिनार कर देते हैं, जिससे वे हादसे के शिकार हो रहे हैं.

बढ़ते सड़क हादसे

सिर में चोट लगने से मौत के चांसेस बढ़े

ETV भारत ने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि सड़क हादसों में अधिकांश लोगों के सिर पर चोट लगने से मौत हो जाती है. डॉ. शुक्ला बताते हैं कि शरीर का महत्वपूर्ण अंग सिर होता है. सर्वाइकल स्पाइन और लंबर स्पाइन इस में चोट लगने से इलाज के दौरान भी व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतें आती है. कभी-कभी वाइटल ऑर्गन में चोट लगने से व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है. डॉक्टर यह भी बताते हैं कि व्यक्ति के हाथ और पैर की हड्डी टूटने पर उसका भी इलाज हो सकता है और वह ठीक भी हो जाता है लेकिन सिर में चोट लगने से मौत के चांसेस बढ़ जाते हैं.

पढ़ें- SPECIAL: श्रम मंत्री डहरिया के बयान पर हंगामा, रेप केस को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज

राजधानी में 9 ब्लैक स्पॉट

रायपुर में 9 ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं जहां पर सड़क हादसे की संख्या बढ़ी है. ये स्पॉट नेशनल हाईवे 53 में पिंटू ढाबा, सिरीखेड़ी जिंदल इस्पात, रिंग रोड 3, राजू ढाबा, मंदिर हसौद चौक और अन्य दुर्घटना जन्य क्षेत्र तेलीबांधा थाना तिराहा और रिंग रोड जंक्शन वीआईपी तिराहा जोरा लाभांडी सर्विस रोड शामिल है. सितंबर महीने में PWD, पुलिस विभाग, आरटीओ, नगर निगम और एनएचएआई (NHAI) ने ऐसे ब्लैक स्पॉट का सर्वे किया है, जहां पाया गया है कि साइड रोड और निर्माण में कमी हैं, जिसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी गई है.

कई कारण से होते है रोड एक्सीडेंट

सड़क हादसों के पीछे केवल लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना ही नहीं बल्कि सड़क हादसों के लिए कई तरह के कारण जिम्मेदार हैं. वाहन चालक कई बार नशे की हालत में वाहन चलाते हैं. साथ ही रॉन्ग साइड से ओवरटेक करना और ओव्हर स्पीड गाड़ी चलाने से सड़क हादसे के शिकार होते हैं और अपनी जान भी गंवा देते हैं. लोगों का मानना है कि गाड़ी की स्पीड को कंट्रोल करते हुए यातायात नियमों का पालन करने के साथ ही दो पहिया वाहन चालक हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं तो सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है. कुछ महीने पहले ही रायपुर के पास बस एक्सीडेंट में लगभग 12 मजदूरों की जान चली गई थी.

पढ़ें- SPECIAL: 15 अक्टूबर तक आ सकता है कोरोना का पीक, ये है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी


लोग यातायात के नियम का पालन करें

सड़क हादसों के बारे में यातायात विभाग के एडिशनल एसपी एमआर मंडावी का कहना है कि ज्यादातर सड़क हादसों के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही होती है. जिसके कारण सड़क हादसों में वाहन चालकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. एडिशनल एसपी भी मानते हैं कि वाहन चालक यातायात नियम का पालन नहीं करते हैं.

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2018

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 202 42 126
फरवरी 146 23 98
मार्च 163 33 97
अप्रैल 179 31 113
मई 167 39 137
जून 177 34 103
जुलाई 190 38 148
अगस्त 156 33 98
सितंबर 177 38 107
अक्टूबर 200 41 127
नवंबर 168 44 115
दिसंबर 150 31 105

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2019

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 229 44 170
फरवरी 209 58 217
मार्च 158 31 112
अप्रैल 199 35 149
मई 157 33 107
जून 165 44 118
जुलाई 186 43 143
अगस्त 161 20 104
सितंबर 173 38 123
अक्टूबर 166 32 113
नवंबर 182 35 120
दिसंबर 161 45 105

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2020

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 243 54 197
फरवरी 198 40 159
मार्च 154 40 122
अप्रैल 29 827
मई 89 32 65
जून 139 47 84
जुलाई 119 37 97
अगस्त 152 37 95

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. सड़क हादसों को नियंत्रित करने के लिए कई तरह के उपाय और जागरूता अभियान भी चलाया जाता है. हर साल पूरे देश में यातायात सड़क सुरक्षा भी मनाया जाता है, जिसमें लोगों को यातायात के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाता है. बावजूद इसके वाहन चालकों में यातायात को लेकर जागरूकता नहीं होने से हादसों में इजाफा देखने को मिल रहा है. यातायात विभाग ने समय-समय पर लोगों को यातायात नियमों की जानकारी भी दी जाती है, लेकिन लोग इन नियमों को दरकिनार कर देते हैं, जिससे वे हादसे के शिकार हो रहे हैं.

बढ़ते सड़क हादसे

सिर में चोट लगने से मौत के चांसेस बढ़े

ETV भारत ने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि सड़क हादसों में अधिकांश लोगों के सिर पर चोट लगने से मौत हो जाती है. डॉ. शुक्ला बताते हैं कि शरीर का महत्वपूर्ण अंग सिर होता है. सर्वाइकल स्पाइन और लंबर स्पाइन इस में चोट लगने से इलाज के दौरान भी व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतें आती है. कभी-कभी वाइटल ऑर्गन में चोट लगने से व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है. डॉक्टर यह भी बताते हैं कि व्यक्ति के हाथ और पैर की हड्डी टूटने पर उसका भी इलाज हो सकता है और वह ठीक भी हो जाता है लेकिन सिर में चोट लगने से मौत के चांसेस बढ़ जाते हैं.

पढ़ें- SPECIAL: श्रम मंत्री डहरिया के बयान पर हंगामा, रेप केस को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज

राजधानी में 9 ब्लैक स्पॉट

रायपुर में 9 ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं जहां पर सड़क हादसे की संख्या बढ़ी है. ये स्पॉट नेशनल हाईवे 53 में पिंटू ढाबा, सिरीखेड़ी जिंदल इस्पात, रिंग रोड 3, राजू ढाबा, मंदिर हसौद चौक और अन्य दुर्घटना जन्य क्षेत्र तेलीबांधा थाना तिराहा और रिंग रोड जंक्शन वीआईपी तिराहा जोरा लाभांडी सर्विस रोड शामिल है. सितंबर महीने में PWD, पुलिस विभाग, आरटीओ, नगर निगम और एनएचएआई (NHAI) ने ऐसे ब्लैक स्पॉट का सर्वे किया है, जहां पाया गया है कि साइड रोड और निर्माण में कमी हैं, जिसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी गई है.

कई कारण से होते है रोड एक्सीडेंट

सड़क हादसों के पीछे केवल लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना ही नहीं बल्कि सड़क हादसों के लिए कई तरह के कारण जिम्मेदार हैं. वाहन चालक कई बार नशे की हालत में वाहन चलाते हैं. साथ ही रॉन्ग साइड से ओवरटेक करना और ओव्हर स्पीड गाड़ी चलाने से सड़क हादसे के शिकार होते हैं और अपनी जान भी गंवा देते हैं. लोगों का मानना है कि गाड़ी की स्पीड को कंट्रोल करते हुए यातायात नियमों का पालन करने के साथ ही दो पहिया वाहन चालक हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं तो सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है. कुछ महीने पहले ही रायपुर के पास बस एक्सीडेंट में लगभग 12 मजदूरों की जान चली गई थी.

पढ़ें- SPECIAL: 15 अक्टूबर तक आ सकता है कोरोना का पीक, ये है स्वास्थ्य विभाग की तैयारी


लोग यातायात के नियम का पालन करें

सड़क हादसों के बारे में यातायात विभाग के एडिशनल एसपी एमआर मंडावी का कहना है कि ज्यादातर सड़क हादसों के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही होती है. जिसके कारण सड़क हादसों में वाहन चालकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. एडिशनल एसपी भी मानते हैं कि वाहन चालक यातायात नियम का पालन नहीं करते हैं.

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2018

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 202 42 126
फरवरी 146 23 98
मार्च 163 33 97
अप्रैल 179 31 113
मई 167 39 137
जून 177 34 103
जुलाई 190 38 148
अगस्त 156 33 98
सितंबर 177 38 107
अक्टूबर 200 41 127
नवंबर 168 44 115
दिसंबर 150 31 105

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2019

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 229 44 170
फरवरी 209 58 217
मार्च 158 31 112
अप्रैल 199 35 149
मई 157 33 107
जून 165 44 118
जुलाई 186 43 143
अगस्त 161 20 104
सितंबर 173 38 123
अक्टूबर 166 32 113
नवंबर 182 35 120
दिसंबर 161 45 105

रायपुर में हुई सड़क हादसों की जानकारी

साल 2020

महीनासड़क दुर्घटनामौत घायल
जनवरी 243 54 197
फरवरी 198 40 159
मार्च 154 40 122
अप्रैल 29 827
मई 89 32 65
जून 139 47 84
जुलाई 119 37 97
अगस्त 152 37 95
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