रायपुर: रायपुर में रविवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने निजी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा (NSUI protests over arbitrariness of private university in Raipur) है. इस दौरान एनएसयूआई के रायपुर जिला महासचिव प्रशांत गोस्वामी ने कहा कि, "इसके बाद भी अगर निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में प्रदेश के रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय और एमेंटी विश्वविद्यालय में तालाबंदी की (NSUI workers in Raipur submitted memorandum to Governor) जाएगी."
बता दें कि पुलिस ने राजभवन के दोनों तरफ बैरिकेटिंग कर दी थी, जिससे प्रदर्शनकारी राजभवन ना पहुंच सके. प्रदर्शनकारी बारिश में राजभवन के करीब पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किये. विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ नारे भी लगाए गए.
एनएसयूआई विश्वविद्यालय में करेगी तालाबंदी: एनएसयूआई के रायपुर जिला महासचिव प्रशांत गोस्वामी का कहना है, "प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालय, जिसमें रावतपुरा सरकार और एमेंटी विश्वविद्यालय के द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय हो रहा है. जिसके विरोध में अंबेडकर चौक से बारिश में पैदल मार्च करते हुए हम राजभवन तक पहुंचे हैं. इसके बाद भी राज्यपाल के द्वारा किसी तरह की कोई कार्रवाई न होने पर दोनों विश्वविद्यालय में तालाबंदी भी की जाएगी."
बिना बीसीआई मान्यता के विश्वविद्यालय दे रहा विद्यार्थियों को प्रवेश: एनएसयूआई के रायपुर जिला महासचिव प्रशांत गोस्वामी ने बताया, "रावतपुरा विश्वविद्यालय द्वारा विधि विभाग का संचालन करने की मान्यता 2020 -2021 तक ली गई थी. बावजूद इसके 2021-2022 का दाखिला बिना बीसीआई मान्यता के लिया गया. सन 2022-2023 का दाखिला भी बिना बीसीआई मान्यता के हो रहा है, जिसका विरोध एनएसयूआई के द्वारा किया जा रहा है."
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लेट फी के तौर पर 15 हजार रुपए की वसूली: इस दौरान एनएसयूआई के महासचिव का कहना है, "एमेटी विश्वविद्यालय रायपुर जिले के खरोरा में स्थित है, जहां पर निर्धारित अवधि से 1 माह विलंब होने पर शुल्क जमा करने पर 15 हजार विलंब शुल्क के तौर पर राशि वसूल की जा रही है, जो नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर के धनेली और रायपुर के खरोरा स्थित एमेटी विश्वविद्यालय यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को 100 फीसद रोजगार देने का वादा करती है. लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा 100 फीसद रोजगार देने का वादा पूर्ण नहीं किया जा रहा. इसके विरोध में एनएसयूआई सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर है."